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डोंगरगढ़ से लौट रही कार पुल से नीचे गिरी, 3 लोगों की मौके पर ही मौत, CM ने जताया दुख

छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना (Road accident increased in Chhattisgarh) बढ़ता ही जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में रोजाना 10 से ज्यादा लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवाते हैं। ताजा मामला दुर्ग जिले का है, जहां डोंगरगढ़ से लौट रही टाटा सफारी पुल से नीचे जा गिरी। हादसे में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल है। 2 घायलों को रायपुर रेफर किया गया है। जानकारी के मुताबिक गाड़ी में 8 लोग सवार थे। सभी डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी के दर्शन कर वापस रायपुर लौट रहे थे। इसी दौरान ये हादसा हुआ। फिलहाल मोहन नगर पुलिस जांच में जुट गई है। 


हादसे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख जताया है। उन्होंने इस घटना में घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।  जानकारी के मुताबिक एक कार में सवार 8 लोग  सुबह डोंगरगढ़ से लौट रहे थे। उरला दामाद पारा के पास कार अनियंत्रित होकर ब्रिज से नीचे गिर गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई। वहीं 5 लोग बुरी तरह से घायल हो गए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर थी, जिन्हें तत्काल रायपुर रेफर किया गया है।

पुलिस के मुताबिक सभी यात्री रायपुर के अश्वनी नगर के रहने वाले थे। जो मां बम्लेश्वरी की दर्शन कर वापस रायपुर आ रहे थे। हादसे में वाहन चालक पुरेंद्र साहू समेत दो की मौत हो गई है। जिनकी पहचान अब तक नहीं हुई है। घटना के संबंध में जांच करने के लिए मोहन नगर की पुलिस जुटी हुई है।  सफर के दौरान अंडर ब्रिज उरला में गाड़ी की स्पीड ज्यादा होने की वजह से गाड़ी कंट्रोल से बाहर होकर ब्रिज के नीचे गिर गई। 

लोगों की लापरवाही बन रही हादसों का कारण

बता दें कि सड़क हादसों और इन हादसों में घायल लोगों को जल्द इलाज मुहैया करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने हर जिले के पुलिस को पेट्रोलिंग वाहन सौंपा है। साथ ही सड़क हादसों को कम करने और लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के जागरुकता अभियान भी चलाएं जा रहे है, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण सड़क दुर्घटना कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं पहनते है, बल्कि पुलिस से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं। वहीं लोग हर काम जल्दी करना चाहते है, कई बार लोगों की यहीं जल्दबाजी सड़क हादसों का कारण बनता है।

साल दर साल बढ़ रहा आंकड़ा

बीते तीन साल के सड़क हादसों के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट तैयार की हैं। वहीं साल 2016 से अगस्त 2020 तक के मौतों के आंकड़ों को देखा जाए तो हर साल सड़क हादसों होने वाले मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा हैं। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में सड़क हादसों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अनलॉक के बाद प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या में लगातार तेजी आई है। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बीते साल के मुकाबले सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी सितंबर में हुई है।

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