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तीजा-पोरा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समूह की महिला बहनों को दी बड़ी सौगात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास में आयोजित तीजा-पोरा त्यौहार के कार्यक्रम के अवसर पर समूह की महिला-बहनों को दी बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने महिला कोष की ऋण योजना के अंतर्गत सभी महिला समूहों के कालातीत ऋणों को माफ करने की घोषणा की है, ताकि वे फिर ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियां शुरू कर सकें। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही महिला कोष से महिला समूहों को हर साल दिए जाने वाले ऋण के बजट में भी 5 गुना बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए महिला कोष के बजट की राशि दो करोड़ रूपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रूपए करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की पहल करते हुए घोषणा पत्र का अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की यह घोषणा राज्य में न्याय की एक कड़ी को और आगे बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। इससे स्व सहायता समूहों से जुड़ी लाखों बहनों के सर से 12 करोड़ 77 लाख रूपए के कर्ज का बोझ उतर जाएगा। तीजा-पोरा पर्व पर राज्य के महिला बहनों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार की ओर से यह बहुत बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में राज्य भर की माताओं-बहनों के लिए आयोजित तीजा-पोरा कार्यक्रम में जैसी ही महिला समूहों के कालातीत ऋण की माफी का ऐलान किया, माताओं-बहनों से खचाखच भरा पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। मुख्यमंत्री ने सभी माताओं-बहनों को तीजा-पोरा की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनकी खुशहाली और समृद्धि की कामना की। 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया और राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम के आग्रह पर महिला स्व -सहायता समूहों का कालातीत ऋण माफ करने, महिला कोष से ऋण दिए जाने के बजट प्रावधान को भी पांच गुना बढ़ाने और समूहों के ऋण सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख किए जाने की घोषणा की। महिला एवं बाल विकास मंत्री भेंड़िया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार के आने के बाद महिला समूहों की आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है, जिससे लाखों महिलाओं की आय वृद्धि से आर्थिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। 


ज्यादा से ज्यादा महिलाओं में आत्म निर्भरता की ललक बढ़ी है। बीते सालों में महिला समूहों द्वारा लिए गए ऋणों को कतिपय कारणों से न पटा पाने के करण लगभग एक लाख महिलाएं नया लोन पाने से अपात्र हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि यदि पूर्व के कालातीत ऋणों को माफ कर दिया जाए तो उन्हें भी ऋण प्राप्त हो सकेगा और वे नए सिरे से आर्थिक गतिविधियां संचालित कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में महिला बाल विकास के माध्यम से प्रति वर्ष महिला समूहों को दिए जाने वाले ऋण के बजट की राशि बहुत कम है जिसके कारण बहुत कम महिला समूहों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। अनुरोध है हर साल महिला समूहों को दिए जाने वाली ऋण राशि का बजट दो गुना कर दिया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आय वृद्धि का अवसर मिल सके।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय करने में जुटी है। किसानों की कर्ज माफी और सिंचाई कर की माफी से राज्य में न्याय की शुरूआत हुई। यह कड़ी आगे बढ़ते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के बाद महिलाओं को न्याय देने के उद्देश्य से ऋण माफी के रूप में सामने आई है।


महिला समूहों पर बकाया कालातीत ऋण की माफी से समूहों से जुड़ी लगभग एक लाख महिलाएं नए सिरे से अपनी आर्थिक गतिविधियां संचालित करने के योग्य हो जाएगी और उन्हें इसके लिए सहजता से ऋण की उपलब्ध हो सकेगा। महिला समूहों को अब दो लाख रूपए की ऋण की पात्रता होने से वह स्व-रोजगार और स्वावलंबन की गतिविधियों और ज्यादा विस्तार देने में सक्षम होगी। इससे उनके आय में बढ़ोतरी होगी और वह आर्थिक रूप से सशक्त होगी। 


छत्तीसगढ़ सरकार की न्याय योजना का लाभ किसानों, पशुपालकों, भूमिहीनों, महिलाओं के साथ-साथ राज्य के वनवासियों और वनोपज संग्राहकों को मिला है। इनको न्याय देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा किया है। लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के साथ-साथ 52 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की है। इसका सीधा लाभ वनांचल के लोगों और वनोपज संग्राहक परिवारों को मिला है और उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है।

तीजा-पोरा का त्यौहार

मुख्यमंत्री निवास में हर साल की तरह इस साल भी तीजा-पोरा का त्यौहार परम्परागत ढंग से मनाया गया है। मुख्यमंत्री निवास को मयका मान कर राज्यभर की माताएं-बहनें त्यौहार मनाने पहुंचीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीजा-पोरा मनाने पहुंची सभी माताओं-बहनों का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। माताओं-बहनों को तीजा-पोरा की परंपरा के अनुसार उपहार भी भेंट किए गए।

कई खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन

कार्यक्रम को महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव , रागिनी नायक,  अलका लांबा,  सुप्रिया श्रीनेत ने भी संबोधित किया और सभी को तीजा-पोरा पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा, अस्मिता का पोषण हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश की संस्कृति भी फलेगी-फूलेगी। छत्तीसगढ़ राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी की भी उन्होंने सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में जुटे हैं। इस दौरान महिलाओं के मध्य प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता सहित विविध खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित

कार्यक्रम में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, विकास उपाध्याय, रश्मि सिंह,  शकुंतला साहू, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विधायक अरुण वोरा, अमितेष शुक्ला, उत्तरी जांगड़े, संगीता सिन्हा, मोहितराम केरकेट्टा, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

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