महासमुंद। कचहरी चौक स्थित काव्यांश कला वीथिका सभागार में हिंदी दिवस पर साहित्यकारों का संगम हुआ। पीजी कॉलेज हिन्दी विभागाध्यक्ष अनसूया अग्रवाल की मुख्यातिथ्य, काव्यांश संस्था संरक्षक उमेश भारती गोस्वामी की अध्यक्षता और काव्यांश के वरिष्ठ साहित्यकार अशोक गिरि गोस्वामी के विशिष्ट आतिथ्य में हिन्दी दिवस साहित्य संगम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी मां सरस्वती एवं छत्तीसगढ़ महतारी के पूजन-वंदन से हुआ।
काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान के प्रांताध्यक्ष भागवत जगत भूमिल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए जैसे हमारे शरीर में रक्त का प्रवाह आवश्यक है। उसी प्रकार हिन्दी साहित्य की समृद्धि के लिए हिन्दी को पल्लवित करने की जरूरत है। हम हिन्दी दिवस में हिन्दी का यशोगान न करें, वरन हिन्दी का सृजन करें।
मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए डां.अनुसूया अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी हमारी जीवन की भाषा है। जन-जन की भाषा है। हमें अपनी मातृभाषा और राजभाषा पर गर्व होनी चाहिए । काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान के संरक्षक उमेश भारती गोस्वामी 'मृदुल' ने हिन्दी की बहुउपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि एक यह वैज्ञानिक भाषा है। जैसे बोलते हैं वैसे ही लिखते तथा उसी प्रकार पढ़ा जाता है।
तीन लोगों को किया सम्मानित
हिन्दी दिवस के अवसर पर काव्यांश के तीन ख्यातिलब्ध सदस्यों को सम्मानित किया गया। जिन्हें बीते दिनों विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज द्वारा सम्मानित किया गया था। इनमें काव्यांश के तीन विशिष्ट व्यक्तियों सर्वश्री डां.अनसूया अग्रवाल 'मुख्य वक्ता', आनंद राम साहू 'पत्रकारश्री', तथा जयराम पटेल पथिक को 'कला श्री' से सम्मानित किया गया।
शाल और श्रीफल भेंट कर किया गया सम्मानित
संस्थान के अध्यक्ष भागवत जगत भूमिल ने राष्ट्रीय पटल पर महासमुन्द का मान बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए गर्वोक्ति के साथ कहा कि काव्यांश एक मात्र ऐसी संस्था है, जहां के तीन सदस्यों को किसी राष्ट्रीय स्त्तर की संस्था के द्वारा सम्मा्न किया गया। हिन्दी दिवस के पावन अवसर पर काव्यांश संस्था द्वारा भी डां.अनसूया अग्रवाल, आनन्द राम साहू एवं जयराम पटेल को शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
सरस काव्यपाठ से समां बंधा
हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी साहित्यकारों ने सरस काव्यपाठ एवं लघु कथा का वाचन किया । कार्यक्रम में लघुकथाकार महेश राजा , डां.साधना कसार, सलीम कुरैशी, द्रौपदी साहू सरसिज, पुष्पलता भार्गव सुनंदा, डी बसंत साव, फारूख मोहम्मद फिरदौस, शफीक अहमद बेबाक ,काव्यांश भूमिल विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन संस्थान की सचिव पुष्पलता भार्गव सुनंदा और आभार ज्ञापन संस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार अशोक गिरि गोस्वामी ने किया ।