Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

शादी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला, 'बालिग खुद चुन सकते हैं अपना जीवनसाथी, बाधा नहीं बन सकता धर्म'

Document Thumbnail

शादी और जीवनसाथी चुनने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई बालिग दूसरे धर्म में शादी करना चाहता है तो इसके लिए वह स्वतंत्र है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई बालिग ऐसा करता है तो माता-पिता को भी उसके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। इस दौरान हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि अगर उन्हें कोई खतरा महसूस होता है तो पुलिस सुरक्षा की मांग करें, पुलिस को सुरक्षा देनी होगी। 


बता दें कि एक मुस्लिम महिला ने हिंदू युवक से शादी की थी। शादी के बाद महिला ने जिलाधिकारी से हिंदू धर्म अपनाने की अनुमति मांगी। महिला की मांग के बाद जिलाधिकारी ने इस संबंध में पुलिस थाने से रिपोर्ट मांगी। जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस ने बताया कि युवक के पिता शादी से राजी नहीं हैं। वहीं लड़की के परिजन भी इस शादी के खिलाफ हैं। शादी के बाद महिला को खुद और उसके पति को जान का खतरा महसूस हुआ। इसके बाद महिला ने कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। महिला की गुहार के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस शादी में कोई भी व्यक्ति हत्सक्षेप न करें।

दोनों को दी जाए पुलिस सुरक्षा 

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि दोनों को पुलिस की ओर से सुरक्षा दी जाए। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ किया कि किसी भी बालिग को जीवन अपने तरीके से जीने का पूरा अधिकार है। ऐसे में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। चाहे फिर वो माता-पिता क्यों ना हो, क्योंकि उन्हें अपने बच्चे के वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.