Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

बारिश के बाद फसलों में कीट व्याधि के प्रकोप की आशंका, कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों पर नजर रखने की दी सलाह

बीते चार दिनों से लगातार हो रही बारिश अब लगभग थम गई है। ऐसे में तापमान बढ़ने और आवश्यकता से ज्यादा नमी के कारण कृषि वैज्ञानिकों ने फसलों में कीट व्याधियों के प्रकोप की आशंका जताई है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए विशेष सलाह भी जारी की है। बीते दिनों हुई भारी बारिश के बाद कृषि वैज्ञानिकों ने धान के खेतों की मेड़ बांधकर रखने और खेतों से अतिरिक्त पानी को निकालने की सलाह किसानों को दी है। 


कृषि विशेषज्ञों ने खेतों में लगी धान की फसल में माहो और तनाछेदक कीटों के लगने की आशंका जताई है और धान की फसल की लगातार निगरानी करने की सलाह किसानों को दी है। जिन खेतों में तना छेदक तितली दिखाई दे वहां कार्बोफ्यूरॉन 33 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या फर्टेरा 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने का परामर्श दिया गया है। 

निंदाई-गुड़ाई कर निंदा नियंत्रण

मौसम खुलने पर धान की फसल में निंदाई-गुड़ाई कर निंदा नियंत्रण के लिए भी किसानों को कहा गया है। कृषि वैज्ञानिकों ने इस मौसम में 90 प्रतिशत से ज्यादा नमी होने के कारण धान की फसल में ब्लास्ट रोग लगने की भी चेतावनी किसानों को दी है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस रोग की शुरुआती अवस्था में धान की पत्तियों पर आंख जैसे भूरे धब्बे बनते हैं, जो बाद में बढ़कर पत्तियों को सूखा देते हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। 

कीट नियंत्रण विधियों का प्रयोग करने की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने ब्लास्ट रोग होने पर खुले मौसम में खेतों में ट्राईसाइक्लोजोल दवा छह ग्राम प्रति 10 लीटर पानी या साफ दवा डेढ़ से दो ग्राम प्रतिलीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह किसानों को दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने वर्तमान मौसम को धान की फसल में तना छेदक, भूरा माहो, गंगई जैसे दूसरे कीटों के लिए भी अनुकुल बताया है। उन्होंने फसलों की सतत निगरानी करने और कीट नियंत्रण के लिए शुरुआती अवस्था में प्रकाश प्रपंच या समन्वित कीट नियंत्रण विधियों का प्रयोग करने की सलाह किसानों को दी है। 

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह 

कीटों का प्रकोप बढ़ने पर क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर दवाइयां छिड़काव करने के लिए भी कहा है। बारिश की स्थिति को देखते हुए मिर्च, टमाटर सहित दूसरी सब्जी की फसलों और दलहनी और तिलहनी फसलों में जल निकासी की व्यवस्था करने के लिए भी कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.