Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

ट्रेलर की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत, पहिए के बीच फंसा रहा दोनों का शव

छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना (Road accident increased in Chhattisgarh) बढ़ता ही जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में रोजाना 10 से ज्यादा लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवांते है। ताजा मामला बिलासपुर का है, जहां अनियंत्रित ट्रेलर की चपेट में आने से दो युवकों की मौत हो गई है। दोनों युवकों के शव ट्रेलर के पहिए के नीचे दब जाने के कारण शव को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। 


घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच में जुटी। कड़ी मशक्कत के बाद क्रेन की मदद से ट्रेलर को पलटाकर शवों को बाहर निकला गया। जानकारी के मुताबिक रतनपुर के कर्रा में कोरबा की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रेलर के ड्राइवर ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए बाइक सवार युवकों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में बाइक सवार कोनी क्षेत्र के पौंसरा के रहने वाले श्याम प्रसाद भार्गव और राकेश कुरेश्कर की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं ट्रेलर का चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इस पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। युवकों का शव ट्रेलर के पहिए से दबकर मिट्टी में धंस गया था।

मौत के मामले में 11वें नंबर पर छत्तीसगढ़

इस साल नवंबर में सड़क दुर्घटनाओं (Road accidents) में 408 लोगों की मौत और 884 लोग घायल हुए है। प्रदेश में 11 महीनों में 10 हजार 126 सड़क दुर्घटनाओं में 395 लोगों की मौत हुई और 9 हजार 270 लोग घायल हुए है। वहीं सड़क हादसे से होने वाली मौत के मामले में छत्तीसगढ़ देश भर में 11 वें नंबर पर पहुंच गया है।

सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या

सड़क हादसों (Road Accident in Chhattisgarh) में मौत के मामले में छत्तीसगढ़ के आंकड़ों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में करीब 14 हजार सड़क हादसों में 4 हजार 556 लोगों ने अपनी जान गवांई है। इसमें करीब 3 हजार 200 मृतक ऐसे हैं, जो दो पहिया वाहनों में थे।

दिन ब दिन बढ़ रहा सड़क हादसों का ग्राफ

इन 3 हजार 200 में से करीब 2450 लोगों की मौत सिर में चोट लगने की वजह से हुई है। इसके कारण प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ दिन ब दिन बढ़ता ही जा रह है, इसके कारण सड़क हादसों में जान गवांने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में सबसे ज्यादा हादसे राजधानी रायपुर में हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी रायपुर के टाटीबंध चौक पर हर महीने 4 से 5 लोगों की मौत होती है। ऐसा नहीं है कि सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है।

लोगों की लापरवाही बन रही हादसों का कारण

बता दें कि सड़क हादसों और इन हादसों में घायल लोगों को जल्द इलाज मुहैया करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने हर जिले के पुलिस को पेट्रोलिंग वाहन सौंपा है. साथ ही सड़क हादसों को कम करने और लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के जागरुकता अभियान भी चलाएं जा रहे है, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण सड़क दुर्घटना कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं पहनते है, बल्कि पुलिस से बचने के लिए हेलमेट पहनते है। वहीं लोग हर काम जल्दी करना चाहते है, कई बार लोगों की यहीं जल्दबाजी सड़क हादसों का कारण बनता है।

इन कारणों की वजह से हो रहा सबसे ज्यादा हादसा

  • शराब पीकर वाहन चलाने के कारण।
  • गलत साइड में ड्राइविंग करने के कारण।
  • बिना हेलमेट वाहन पहने गाड़ी चलाने के कारण।
  • मोबाइल फोन का उपयोग करते-करते ड्राइविंग करने के कारण।
  • नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने जैसे कारणों के कारण सबसे ज्यादा दुर्घटना और मौत हो रही है।

साल दर साल बढ़ रहा आंकड़ा

बीते तीन साल के सड़क हादसों के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट तैयार की हैं। वहीं साल 2016 से अगस्त 2020 तक के मौतों के आंकड़ों को देखा जाए तो हर साल सड़क हादसों होने वाले मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा हैं। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में सड़क हादसों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अनलॉक के बाद प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या में लगातार तेजी आई है। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बीते साल के मुकाबले सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी सितंबर में हुई है।

हेलमेट नहीं पहनने की वजह हो रही सबसे ज्यादा मौतें

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सड़क हादसों में हर 100 में से 95 लोगों की मौत हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हुई है। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए सभी जिलों में अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इन साल दस महीनों में सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी आई थी , लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे-जैसे आवाजाही बढ़ी वैसे-वैसे हादसों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।

इन जिलों में आई मृत्यु दर में कमी

आंकड़ों के मुताबिक रायपुर, गरियाबंद, मुंगेली, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में हादसों में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है,जबकि बाकी जिलों में मृत्यु दर में कमी आई है। प्रदेशभर के सड़क हादसों के रिपोर्ट के मुताबिक 67% दोपहिया वाहन सवारों की मौत हुई है। दोपहिया वाहन सवार 2359 लोग हादसे के शिकार हुए, जिनमें 2361 की मौत हो गई। इनमें से 2257 की मौत हेलमेट नहीं पहनने से हुई है। इस साल दस महीने में 9097 सड़क हादसे हुए हैं । इसमें 3543 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 8388 लोग घायल हुए हैं।

सबसे ज्यादा युवा हो रहे हादसे का शिकार

बता दें कि 40 प्रतिशत सड़क दुर्घटना फ्लाई ओवर के आस-पास होता हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा हादसा क्रॉसिंग पर होता है, आंकड़ों के मुताबिक क्रॉसिंग पर होने वाले सड़क हादसों का प्रतिशत 30 है। इनमें सबसे ज्यादा हादसों के शिकार बाइक सवार और पैदल यात्री होते है। वहीं हादसों के शिकार होने वाले लोगों में ज्यादातर लोग युवा हैं।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.