रायपुर। छत्तीसगढ़ में कहने को छत्तीसगढ़ी सरकार है। जमीन से जुड़े नेता छत्तीसगढ़िया सरकार होने का दावा करते हुए खुद की पीठ थपथपाने से नहीं चूकते हैं। लेकिन, यह क्या यहां तो गृहमंत्री का सख्त आदेश भी दरकिनार हो रहा है। जमीन से जुड़े नेता और कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब अफसरों के अनुसार ही मंत्री लोग शासन चलाएंगे, हमारी कोई सुनने वाला नहीं है, तब हमारी जरूरत ही क्या है? कार्यकर्ता क्या केवल चुनावी झंडा उठाने के लिए हैं? उनकी फरियाद पर मंत्री अधिकारी को आदेश देते हैं और ऐसा क्या होता है कि मंत्री का आदेश ही दरकिनार हो जाता है ? कार्यकर्ताओं में पनपता यह आक्रोश यदि समय रहते शांत नहीं हुआ तो सत्तारूढ़ दल के लिए खासा नुकसानदायक हो सकता है।
क्या है माजरा, आप भी जानिए
माजरा कुछ ऐसा है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री व महासमुन्द जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू जिला मुख्यालय महासमुन्द मुख्य समारोह में 15 अगस्त 2021 को ध्वजारोहण करने पहुंचते हैं। समारोह के बाद सर्किट हाउस लभराखुर्द पहुँचकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। इस बीच सांकरा (पिथौरा) क्षेत्र से आए सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता और नेता सांकरा टीआई पर आम जनता के साथ ज्यादती करने, खुलेआम वसूली करने, क्षेत्र में खुडखुडिया नामक जुआ को संरक्षण देकर लाखों रुपये उगाही करने और कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओ को टारगेट कर परेशान करने का आरोप लगाते हैं।
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सबकुछ सुनने, शिकायत पत्र लेने के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एक डायरी में नोट करते हैं। एसपी दिव्यांग पटेल को सबके बीच में बुलाते हैं। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बीच में एसपी से कहते हैं कि सांकरा टीआई की बहुत शिकायत है, टीआई को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर उन्हें अवगत कराएं। इसके अलावा और भी बहुत से विषयों पर चर्चा-परिचर्चा दिशा निर्देश देने का क्रम चलता है। बाद गृहमंत्री राजधानी रायपुर लौट गए।
नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत चरितार्थ
इस बात को आज पूरे नौ दिन बीत गया। क्षेत्र में थानेदार कथित तौर पर कांग्रेस नेताओं को चिढ़ाने वाले लहजे में बात कर रहे हैं। "गृहमंत्री से शिकायत कर मेरा क्या बिगाड़ लिए ? हम जो भी करते हैं, खुद के लिए नहीं करते। इसमें सबका हिस्सा होता है। " इस तरह टीआई के अड़ियल रवैया से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान को गहरा आघात लगा है। और वे नौ दिन बाद भी गृहमंत्री के आदेश का पालन नहीं होने की वजह ढूंढने का अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सबके जेहन में एक ही सवाल है कि गृहमंत्री का आदेश एसपी नहीं मानेंगे, ऐसा हो ही नहीं सकता है। ऐसा क्या कारण है कि गृहमंत्री का आदेश दरकिनार होकर कथित जांच-कार्यवाही में तब्दील हो गया ?
TI ने 50 हजार रुपये की उगाही की !
इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने मीडिया प्रतिनिधि को बताया कि उनके एक कार्यकर्ता से टीआई ने 50 हजार रुपये की उगाही की है। जिसकी शिकायत गृहमंत्री से की गई थी। इसे बहुत गंभीरता से लेते हुए मंत्री जी ने सबके सामने एसपी को आदेश दिया कि टीआई को तत्काल लाइन हाजिर करें। तब गृहमंत्री ने यह भी कहा कि आम आदमी को परेशान करने वाले थानेदार की खैर नहीं होनी चाहिए। सांकरा टीआई की बहुत ज्यादा शिकायत मिल रही है। उन्होंने कहा कि इतना होने के बावजूद अब तक टीआई को हटाया नहीं गया है। यह समझ से परे है।
आदेश देने के बावजूद कार्रवाई कैसे नहीं हुई ?
इधर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने मीडिया24मीडिया प्रतिनिधि के पूछने पर इस बात पर आश्चर्य जताया कि टीआई को लाइन अटैच करने का सख्त आदेश देने के बावजूद कार्रवाई कैसे नहीं हुई है? इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू बहुत सरल और सौम्य स्वभाव के हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उनके द्वारा सख्त लहजे में आदेश दिया जाना कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मंत्री के द्वारा मौखिक रूप से दिया गया हर आदेश भी शासनादेश माना जाता है। विभागीय अधिकारी, मंत्री के इस आदेश का पालन क्यों नहीं कर पाए हैं ? यह समझ से परे है।
महासमुंद SP दिव्यांग पटेल की जुबानी
'माननीय मंत्री महोदय ने जांच के आदेश दिए हैं। जिसके परिपालन में जांच आदेशित की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।'