महासमुंद। जिला पंचायत के पूर्व सभापति (कृषि विभाग) अमृता नरेंद्र चंद्राकर ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि महासमुंद जिला के खल्लारी क्षेत्र में सबसे कम वर्षा हुई है। वर्षा नही होने से आज भी कई गांवों में रोपाई नही हो पायी है । जहां रोपाई हुई है, वहां धान के पौधे मरने के कगार पर है। बोई गई धान फसल की ब्यासी नही हुई है। जिसके कारण खेतों में धान से ज्यादा खरपतवार उग आया है । खेत में पानी नही होने के कारण खाद, दवाई, जैविक खाद आदि का असर नहीं हो रहा है। किसान भाई बारिश होने की उम्मीद में अपनी पूरी पूंजी खेती मे लगा चुके हैं।
अब एक सप्ताह के अंदर बारिश होने पर भी आधी से ज्यादा फसल हो पाना मुश्किल ही है। इस स्थिति में क्षेत्र के किसानों को राहत देने खल्लारी क्षेत्र को अकाल घोषित कर तत्काल अकाल संहिता लागू किया जाना चाहिए। भविष्य में निस्तारी एवं पेयजल संकट से बचने के लिए अभी से प्रत्येक गांव में तालाब भरने के लिए नलकूप तथा नदी-नालों मे स्टापडेम और पेयजल के लिए पाइपलाइन विस्तार करना अतिआवश्यक है ।
सरकार को पहल करने की जरूरत
पंचायत विकास मद,खनिज मद और निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति मद की बैंक में जमा राशि के ब्याज का उपयोग सिर्फ पेयजल और स्वास्थ्य से संबंधित कार्य के लिए स्वीकृत करने का आदेश जारी करना चाहिए। कोमाखान क्षेत्र के गांवो में पतोरा बांध से एम.ओ.यू.के अनुसार पानी देने छत्तीसगढ़ शासन को पहल करने की जरूरत है ।
BJP किसान मोर्चा आंदोलन के लिए तैयार
नदी, नाला, तालाब से पानी लेने के लिए डीजल को निश्चित मात्रा तक कम कीमत में तथा इलेक्ट्रिक पम्प के लिए निशुल्क अस्थायी बिजली कनेक्शन देना चाहिए । छत्तीसगढ़ सरकार यदि उक्त कार्यो को यथाशीघ्र पूरा नहीं करतीं है, तो भाजपा किसान मोर्चा आंदोलन करने के लिए किसानों के साथ तैयार है।