महासमुंद। युवक ने पड़ोसी नाबालिग को शादी का प्रलोभन दिया। जब वह नहीं मानी तो आत्महत्या कर लेने की धमकी दी। इससे किशोरी डरकर युवक के चंगुल में फंस गई। वह नए साल की जश्न मनाने के बहाने 31 दिसम्बर की रात उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। बाद चार महीने तक अनाचार करता रहा। नाबालिग से अनाचार का मामला न्यायालय में सिद्ध हो जाने पर लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विशेश न्यायाधीश श्रीमती योगिता विनय वासनिक ने युवक को सजा सुनाई।
मामला खल्लारी थाना क्षेत्र के ग्राम बीकेबाहरा का है। गांव के निवासी 34 वर्षीय रामप्रसाद बरिहा पिता भगवान सिंह बरिहा को पाक्सो एक्ट की धारा 5 (2) (ठ)/ लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 06 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था। जहां 20 वर्ष के सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड की राशि नही पटाने पर 6 माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।
चार महीने तक करता रहा दुष्कर्म
अभियोजन के अनुसार आरोपी ने 31 दिसंबर 2020 से 4 अप्रैल 21 तक नाबालिग से शारीरिक संबंध स्थापित करता रहा। 4 अप्रैल 21 की रात्रि किशोरी की मां रात्रि साढ़े 10 बजे लघुशंका के लिए उठी तो देखा कि गांव का रामप्रसाद बरिहा उसकी लड़की को हाथ पकड़कर बाहर ले जा रहा था। पूछताछ करने पर आरोपी भाग खड़ा हुआ। जब उसकी पुत्री से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि शादी का प्रलोभन दिया। जब वह नहीं मानी तो आत्महत्या की धमकी देकर 31 दिसंबर 2020 से वह अनाचार करता रहा है। विवेचना के उपरांत पुलिस ने मामला कोर्ट को सौंपा। जहां अपराध सिद्ध होने पर आरोपी को सजा सुनाई गई। मामले में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक शलीम कुरैशी ने पैरवी की।