राज्य के धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक की ग्राम पंचायत करेलीबड़ी के आश्रित ग्राम खट्टी में महिला संगठन के प्रयास से न केवल वृक्षारोपण कर ऑक्सीजोन का निर्माण किया गया , बल्कि इससे उन्हें आजीविका का स्थायी साधन भी मिल गया है। वहीं जिले के ग्राम भेण्ड्री में ठोस अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन से ग्रीन आर्मी की इन महिलाओं को अतिरिक्त आय भी मिल रही है।
ग्राम खट्टी में इन दिनों दूर तक हरियाली ही हरियाली नजर आती है। किसी समय में सिर्फ चराई का काम आने वाली भूमि में अब अलग-अलग किस्म की सब्जियों की खेती लहलहा रही है। महानदी तट से लगे लगभग 2 एकड़ भूखण्ड पर ऑक्सीजोन निर्माण के लिए स्वीकृति जिला पंचायत द्वारा दी गई, जिसे तीन साल की लीज पर यहां के जय मां भवानी स्वसहायता समूह को अनुबंधित कर यह काम दिया गया।
यह ऑक्सीजोन फरवरी 2021 में तैयार हो गया, जिसमें 223 परिवार को मनरेगा से रोजगार मिला। समूह की महिलाओं के द्वारा यहां पर हल्दी, मिर्च, विभिन्न प्रकार की सब्जियों सहित प्याज की खेती की जा रही है। साथ ही वृक्षारोपण के तहत जामुन, अमरूद, आंवला, कटहल के अलावा अन्य मौसमी फलों के पौधे भी लगाए गए हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय मिल रही है। इसी प्रकार मगरलोड के ग्राम भेण्ड्री में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को महिलाएं कमाई का जरिया बना रही हैं। दैनिक उपयोग के बाद निकलने वाले कचरों को अलग-अलग कर ग्रीन आर्मी की महिलाएं उनका संग्रहण कर रही हैं।
स्वच्छ भारत मिशन से अभिसरण
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य के लिए साल 2020 में ही यहां स्वच्छ भारत मिशन से अभिसरण कर शेड तैयार किया गया, जिसमें शेड तैयार करने के साथ-साथ चेनलिंक फेंसिंग और पेवर ब्लॉक का काम किया गया। महिलाओं ने घरों से निकले कचरों के अलावा यत्र-तत्र बिखरे कचरों का समुचित निपटान किया।
बारहमासी रोजगार मुहैया
प्लास्टिक उत्पाद वाले कचरे को बेचकर और अपघटित होने वाले कचरे को नाडेप टांकों में डालकर खाद तैयार करने का कार्य महिलाओं ने किया। इसे किसानों को बेचकर वे अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रही हैं। शेड के बन जाने से महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर कचरों को व्यवस्थित ढंग से अलग कर रही हैं। इस प्रकार समूह की महिलाओं को जहां ठोस अपशिष्ट पदार्थ के प्रबंधन की समुचित जानकारी मिली, वहीं उन्हें अब बारहमासी रोजगार भी मुहैया हो गया है।