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अंबागढ़ के बायोटेक किसान हब परियोजना के किसानों ने सीखा एग्री ड्रोन तकनीक, जानिए क्या है एग्री ड्रोन

राजनांदगांव जिले के आदिवासी अंचल अंबागढ़ चौकी में डीबीटी बायोटेक किसान हब की स्थापना की गई है, जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान बरौंडा रायपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव के द्वारा संचालित किया जा रहा है। 


किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिये इस योजना के तहत किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी समय-समय पर दी जा रही है। डीबीटी बायोटेक किसान हब के तहत इन किसानों को हाई टेक खेती के तर्ज पर ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन अम्बागढ़ चौकी विकासखंड के पांच ग्राम सोनसायटोला, मांगाटोला, कौडूटोला, भड्सेना और सेम्हरबन्धा के किसानों के लिए किया गया।

20 मिनट में 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव 

गौरतलब है कि बीते दिनों राजनांदगांव के सुरगी कृषि विज्ञान केंद्र में एग्री ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव तकनीक का प्रदर्शन किया गया। राजनांदगांव कृषि विज्ञान केंद्र  के वरिष्ठ वैज्ञानिक बीएस राजपूत और इस परियोजना की प्रभारी  गुंजन झा विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यानिकी ने बताया कि तमिलनाडु की कंपनी गरूड़ा ऐरो स्पेस द्वारा विकसित एग्री ड्रोन तकनीकी के माध्यम से 1 एकड़ क्षेत्र में 20 लीटर पानी का उपयोग कर 20 मिनट में 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव किया गया। जबकि हस्त चलित स्प्रे पंप से छिड़काव करने पर 1 एकड़ के लिए 400 से 500 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है।

रसायनों का छिड़काव

2 श्रमिक 1 एकड़ क्षेत्र को 1 दिन में छिड़काव करते हैं। एग्री ड्रोन तकनीक द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र में लगे धान फसल में नैनो यूरिया के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया। यह एग्री ड्रोन बैट्री चलित है इसकी बैटरी बिजली से चार्ज होती है। बैटरी का चार्ज करने में 20 मिनट का समय लगता है। इस ड्रोन की कीमत 6 लाख 50 हजार रूपए है। इस एग्री ड्रोन के द्वारा सभी प्रकार के उर्वरक, कीटनाशक, फफूंद नाशक और रसायनों का छिड़काव किया जा सकता है। 

जिले के 65 किसानों ने लिया भाग 

एग्री ड्रोन का कंपनी द्वारा प्रति एकड़ 400 रूपए किराया निर्धारित किया है। इस एग्री ड्रोन तकनीकी की जिले के कृषकों द्वारा प्रशंसा की गई और भविष्य में इस तकनीक को अपनाने की इच्छा प्रकट की। इस एग्री ड्रोन तकनीकी प्रदर्शन के अवसर पर उप संचालक कृषि जीएस धु्रर्वे, सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा, कृषि महाविद्यालय राजनांदगांव के वैज्ञानिक डॉ. अविनाश गुप्ता, डॉ. एलके रामटेके,  द्विवेदी प्रसाद चौधरी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा राजू साहू सहित जिले के 65 किसानों ने भाग लिया।

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