नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान (Naxalite eradication Campaign) के तहत सुकमा पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। बता दें कि जिले के एक-एक लाख के दो इनामी नक्सली सहित तीन नक्सलियों ने CRPF DIG योज्ञान सिंह और SP सुनील शर्मा के सामने सरेंडर किया है। तीनों नक्सली राज्य सरकार के पुनर्वास नीति और जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'पुना नर्कोम' अभियान से प्रभावित होकर और नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर समाज के मुख्यधारा में शामिल हुए हैं।
SP सुनील शर्मा ने बताया कि नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन की पुनर्वास नीति और जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार, बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने, स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़े 3 नक्सली सदस्यों ने सरेंडर किया है। सरेंडर नक्सलियों में रमेश मड़कम उर्फ जीवन LOS सदस्य, सीतानदी एरिया कमेटी अन्तर्गत (मैनपुर-नुआपाड़ डिवीजन) इनामी 1 लाख रूपये), कवासी जोगा (सीएनएम कमांडर, दुलेड़ आरपीसी अंतर्गत इनामी 1 लाख रूपये ) और दुधी भीमा (जोनागुड़ा मिलिशिया प्लाटून सदस्य) ने सरेंडर किया है।
सरेंडर नक्सलियों को दिया गया प्रोत्साहन राशि
सुकमा के CRPF DIG ऑफिस में पुलिस और CRPF अधिकारियों के सामने तीनों ने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की राहत और पुनर्वास नीति के तहत दस-दस हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदाय किया गया है। वहीं सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान
बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
लोन वर्राटू अभियान
बस्तर में इन दिनों पुलिस लोन वर्राटू अभियान चला रही है। जिसमें माओवाद का रास्ता छोड़ नक्सलियों की घर वापसी कराई जा रही है। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली ने समर्पण किया। नक्सली माओवादियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा से लगातार जुड़ रहे हैं।
क्या है ‘लोन वर्राटू’ अभियान ?
दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।