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आकाशीय बिजली की चपेट में आने से चाचा-भतीजे की गई जान, 2 लोग गंभीर रूप से घायल

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कुदरत ने जमकर कहर बरपाया है। जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से चाचा-भतीजे की मौत हो गई है। दरअसल, कोरबा में आकाशीय बिजली गिरने से तीन अलग-अलग घटनाओं में चाचा-भतीजा की मौत हुई है। वहीं महिला और 8 साल का बच्चा झुलस गए हैं। मरने वालों में 14 साल का बच्चा भी शामिल है। बच्चा अपने चाचा के साथ मछली पकड़ने के लिए गया था। महिला और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर है। हादसे बांगो, बांकीमोंगरा और सिटी कोतवाली क्षेत्र में हुए हैं।


जानकारी के मुताबिक बांकीमोंगरा क्षेत्र के भद्रापारा के रहने वाले रामसिंह धनवार अपने 14 साल के भतीजे घुड़देवा के साथ छत घाट पर शाम करीब 6 बजे मछली पकड़ने गया था। दोनों घर लौटने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान गरज-चमक के साथ तेज बारिश होने लगी। इससे पहले कि दोनों वहां से लौटते आकाशीय बिजली उनके ऊपर गिर गई। सूचना मिलने पर पुलिस उन्हें SECL के अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

8 साल का बच्चा घायल

दूसरी ओर बांगो क्षेत्र के लमना में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 8 साल का देवसाय घायल हो गया। वह अपने पिता के साथ घर की बाड़ी में ही बकरी चरा रहा था। बिजली गिरने से बच्चे की शरीर और चेहरा झुलस गया। सूचना मिलने पर 112 की टीम गांव के आस-पास मौजूद हाथियों के झुंड को पार कर पहुंची और बेहोश बच्चे को उपस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। वहीं शहर के DDM रोड पर आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तुलसी नगर निवासी राधा बाई गंभीर रूप से झुलस गईं।

प्रदेश में अच्छी बारिश के आसार

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र तटीय ओडिशा और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर है। ऊपरी हवा का चक्रवात भी है। एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका निम्न दाब के केंद्र से उत्तर तमिलनाडु तक 1.5 किमी ऊंचाई तक है। मानसून द्रोणिका फिरोजपुर, हिसार, दिल्ली, हरदोई, वाराणसी, देहरी, रांची, निम्न दाब के केंद्र होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक है। इसके चलते आज बिलासपुर और सरगुजा संभाग में भारी बारिश की संभावना है। जबकि बाकी हिस्से में हल्की बारिश हो सकती है।

आकाशीय बिजली गिरने पर इस तरह बचें

आकाशीय बिजली गिरने पर खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें, एक साथ कई आदमी इकट्ठे न हो, दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो, तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे जितना जल्दी हो सके पानी से बाहर निकल जाए, गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य काम कर रहे किसानों और मजदूरों या तालाब में कार्य रहे व्यक्ति तुरंत सूखे और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

इन चीजों को कर लें दूर

धातु से बने कृषियंत्र, डंडा से अपने को दूर कर लें। अगर आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हो या किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए तो - जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना जल्दी हो सके झुका लें। साथ ही सिर को जमीन से न छुआएं, जमीन पर कभी भी न लेंटे।

खुद को धात्विक संपर्क से बचाए

अपने घरों और खेल-खलिहानों के आस-पास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगाएं, ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफ गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाए, मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल है। अगर संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथा संभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाए रखना चाहिए।

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