हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में हुए लैंडस्लाइड में अब तक 15 शव बरामद हुए हैं। खोज और बचाव अभियान अभी भी जारी है। बता दें कि 11 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में अचानक लैंडस्लाइड हो गई थी, जिसके मलबे में एक बस सहित अन्य वाहन दब गए थे।
ITBP के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया है कि ITBP की तीन बटालियनों के 200 जवान रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया है कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि ITBP के साथ NDRF और पुलिस की टीम भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश: किन्नौर में भूस्खलन स्थल से अब तक 15 शव बरामद हुए हैं। खोज और बचाव अभियान चल रहा है। pic.twitter.com/T9b0AeizoM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 13, 2021
ठाकुर ने बताया कि इस हादसे के बाद 50 से 60 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। उन्होंने ये भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें हर तरह की मदद के लिए आश्वासन दिया है। ठाकुर ने बताया कि भारतीय सेना ने भी मदद की पेशकश की है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन की चपेट में एक ट्रक और HRTC समेत चार गाड़ियां दबी हुई हैं।
PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
वहीं प्रधानमंत्री ने मृतक परिजन और घायलों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है।सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है।पत्थरों के लगातार गिरने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।सीएम ठाकुर ने कहा कि फंसे हुए लोगों की संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
सीएम ने बताया कि हादसे को लेकर उनकी बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई है और उन्होंने ने एनडीआरएफ की टीम को बचाव के लिए मौकेपर पहुंचने के आदेश दिए हैं। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में दो हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।साथ ही उन्होंने हादसे पर दुख प्रकट करते हुए, मृतकों के परिजन को सांत्वना प्रकट की है।जानकारी के अनुसार हादसे की सूचना मिलते ही सीएम जयराम ठाकुर मौके के लिए रवाना हो गए।घटनास्थल शिमला से करीब 200 किमी दूर है।सीएम ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द लोगों को मलबे से बाहर निकाल लिया जाएगा और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।
हिमाचल में लगातार हो रहे हादसे
इससे पहले 25 जुलाई को किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में नौ लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे। इसी तरह 27 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी, दो अन्य घायल हो गए थे और दो लापता हो गए थे। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने 4 अगस्त को राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग लापता हैं।