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गर्भवती महिलाओं को कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की सलाह

भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा गर्भवती महिलाओ को कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त हुए और नेशनल टेक्नीकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाईजेशन और NEGVAC द्वारा अनुशंसा की गई हैं। ऐसे में विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा तथा विभिन्न स्टेक होल्डर्स के सहयोग से भारत सरकार के द्वारा गर्भवती महिलाओं के कोविड-19 टीकाकरण की अनुमति प्रदान की गई है। 




मुख्य जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी मीरा बघेल ने बताया कि इस संबंध में बीते दिनों ऑनलाइन उन्मूखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसके तहत गर्भवती महिला के कोविड-19 टीकाकरण के लिए जारी दिशा-निर्देशानुसार गर्भावस्था की किसी भी अवधि में सभी गर्भवती महिलाएं (प्रथम तिमाही, द्वितीय माह, तृतीय) कोविड टीकाकरण करवा सकती हैं। गर्भवती को लगने वाले टी.डी वैक्सीन के साथ या टी.डी लगने के 15 दिन बाद भी लगाया जा सकता है। अत्याधिक जटिलता वाले गर्भवती माता अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर कोविड-19 का टीकाकरण करवा सकती हैं।





टीकाकरण के बाद कोविड व्यवहारों का पालन


90 प्रतिशत प्रकरणों में गर्भवती माताओं को घर पर रखकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ प्रकरण में गर्भवती महिला की स्थिति बहुत जल्दी गंभीर हो सकती हैं। ऐसे स्थिति में उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है, नहीं तो विपरित परिणाम का जोखिम ज्यादा रहता हैं। उदाहरण के रूप में ऐसे समय सिजेरियन की जरूरत पड़ सकती हैं, समय से पूर्व डिलीवरी हो सकती हैं, मौत भी हो सकती हैं। इन सभी समस्या को टीका लगा के जोखिम से बचा जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण के बाद कोविड व्यवहारों का पालन करना हैं।



 

टीका लगवाने की सलाह


कोविड टीकाकरण के बाद उन्हें भी आम लोगों की तरह किसी-किसी में बुखार, इंजेक्शन वाले स्थान में दर्द, सूजन, बदन दर्द इत्यादि लक्षण दिखते है जो सामान्यत 2-3 दिनो में ठीक हो जाते हैं। उन गर्भवतियों को टीका नहीं लगाना चाहिए जिनका पूर्व में प्रथम टीका लगने के बाद जिसे कोई दुष्प्रभाव हुआ हो या उन्हें किसी भी अन्य टीका से रियेक्शन हुआ हो या ऐसी गर्भवती माता जो वर्तमान में काविड-19 से ग्रसित हो और जो उपचारित हों। गर्भवती होने के पहले महिला यदि कोविड पॉजिटिव होती है, तो ठीक होने के 03 माह या 84 दिन बाद प्रथम खुराक के बाद शेड्यूल के हिसाब से दूसरी खुराक दिया जा सकता है। गर्भवस्था के दौरान अगर महिला कोविड पॉजिटिव हो गई है या तो उसे पहला टीका लगा है या कोई टीका नहीं लगा है, ऐसी स्थिति में डिलीवरी तक टीका न लगाए और  जंचकी के बाद ही उसे टीका लगवाने की सलाह दी गई है।


छत्तीसगढ़ में अब तक लगाए गए 1.13 करोड़ टीके 


कोरोना से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ में 19 जुलाई तक  एक करोड़ 13 लाख 42 हजार 263 टीके लगाए गए हैं। प्रदेश के 92 लाख 45 हजार 685 लोगों को इसका पहला टीका और 20 लाख 96 हजार 578 को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में तीन लाख नौ हजार 021 स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 16 हजार 630 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45+ के 50 लाख 36 हजार 207 और 18 से 44 आयु वर्ग के 35 लाख 83 हजार 827 नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। वहीं दो लाख 43 हजार 223 स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 21 हजार 302 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45+ के 15 लाख 36 हजार 138 और 18 से 44 आयु वर्ग के 95 हजार 915 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।  


इनको लगा टीका


छत्तीसगढ़ में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45+ के 86 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 27 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 72 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 76 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45+ के 26 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं। प्रदेश में कुल एक करोड़ 99 लाख 32 हजार 392 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है। इनमें तीन लाख 39 हजार 732 स्वास्थ्य कर्मी, दो लाख 93 हजार 040 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45+ के 58 लाख 66 हजार 599 और 18+ के एक करोड़ 34 लाख 33 हजार 021 लोग शामिल हैं।

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