देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। अभी भी रोजाना 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं रोजाना 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच देश में फिर बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। देश में इस साल बर्ड फ्लू के मरीज की पहली मौत हुई है। दिल्ली के एम्स में 11 साल के बच्चे की H5N1 से मौत हो गई है। बच्चे को 2 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया गया था। मरीज की मौत के बाद संपर्क में आए सभी अस्पताल के कर्मचारियों को आइसोलेशन में रखा गया है।
दिल्ली एम्स के प्रशासन के मुताबिक 11 साल का ये बच्चा 2 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया गया था। इसके बाद लड़का एवियन फ्लू से संक्रमित पाया गया था। जानकारी के मुताबिक मृतक हरियाणा का था और NCDC की एक टीम को उस गांव में भेजा गया है, जहां इस मामले का पता चला है। इस एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 मौत के बाद सभी कर्मचारी जो संपर्क में थे, उन्हें फ्लू के किसी भी लक्षण और लक्षणों के लिए खुद की निगरानी करने के लिए आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी है। इसी साल शुरुआत में कई राज्यों बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे।
पक्षियों से इंसानों में कैसे आता है बर्ड फ्लू
लोगों में इंफेक्शन मरे या जिंदा संक्रमित पक्षियों से होता है। उसके आंख से, मुंह से, नाक से जो द्रव निकलता है या उसके मल से ये फैलता है। अगर इनमें से किसी भी चीज़ के संपर्क में मनुष्य आता है तो उसके अंदर भी ये संक्रमण आ सकता है। अगर किसी सतह पर या किसी संक्रमित पक्षी को छूने के बाद यदि कोई मनुष्य अपनी आंख नाक या मुंह में वो गंदा हाथ लगाता है तो उसे संक्रमण का खतरा हो सकता है। यह भी देखा गया है के जब जंगली पक्षी उड़ते समय मल निष्काषित करतें हैं तो उसके संपर्क में आने से ये बीमारी शहरी पक्षियों में भी फैल जाती है। ऐसे में जो लोग भी पोल्ट्री फार्म में कार्य करतें हैं या पक्षियों के संपर्क में सीधे तौर पर रहते हैं उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने कि जरूरत है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के प्रमुख लक्षणों में कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। अगर आपको यह लगने लगे की आपको बर्ड फ्लू हो गया है तो आप तुरंत किसी डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करें और किसी के भी संपर्क में आने से बचें। ताकि आपसे दूसरे इंसान को यह संक्रमण ना फैल पाए।
इस तरह कर सकते हैं बचाव
बर्ड फ्लू से बचने का तरीका कोरोना से बचने के लिए अपनाएं जाने वाली सावधानियों जैसी ही है। जैसे हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। करीब 15 सेकेंड तक धोएं। सैनिटाइजर साथ में रखें। हाथ ना धो पाने की स्थिति में सैनिटाइज करें। संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने से बचें। वहां काम करने वाले लोगों के संपर्क में भी आने से बचें। पोल्ट्री फार्म के कर्मचारियों या वहां जाने वाले लोगों को PPE किट पहननी चाहिए। डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें। इस्तेमाल के बाद इन्हें नष्ट कर दें। कपड़े पूरे बाजू के पहनें और अपने जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें। छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से कवर करें। सांस के संक्रणण से बचने के लिए मास्क पहनकर रखें। अगर आप बीमार हैं तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को डस्टबिन में डालें।
इन देशों में मिलता है ज्यादा केस
H5N1 वायरस मुख्य रूप से पक्षियों में होता है और उनमें अत्यधिक संक्रामक होता है। HPAI Asian H5N1 पोल्ट्री के लिए विशेष रूप से घातक होता है। इस वायरस का पहली बार 1996 में चीन में गीज में पता चला था। एशियाई H5N1 पहली बार 1997 में हांगकांग में एक पोल्ट्री प्रकोप के दौरान मनुष्यों में पाया गया था और तब से अब तक अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व के 50 से अधिक देशों में मुर्गी और जंगली पक्षियों में पाया गया है। पोल्ट्री (बांग्लादेश, चीन, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम) में H5N1 वायरस के लिए 6 देशों को स्थानिक माना जाता है।
2014 में मिला था पहला मामला
जनवरी 2014 में कनाडा ने अमेरिका में H5N1 वायरस से संक्रमित पहले व्यक्ति की सूचना दी थी। संक्रमित यात्री चीन से लौटा था। इसके बाद आज तक संयुक्त राज्य अमेरिका में H5N1 वायरस के संक्रमण की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। फ्लू के वायरस लगातार बदल रहे हैं और एनिमल फ्लू के वायरस इस तरह बदल सकते हैं कि वे लोगों को आसानी से संक्रमित करने और लोगों के बीच फैलने की क्षमता हासिल कर सकते हैं, जिससे महामारी फैल सकती है।
कई मानव संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है वायरस
यह वायरस कई मानव संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। जब भी महामारी की संभावना वाले वायरस की पहचान की जाती है तो सीडीसी नियमित सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों के उपाय करता है। क्योंकि एशियाई H5N1 का प्रसार जारी है और यह वायरस कई मानव संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। एशियाई H5 की तैयारी के प्रयास व्यापक रहे हैं. संयुक्त राज्य सरकार द्वारा महामारी की तैयारियों के लिए एशियाई H5N1 वैक्सीन को स्टोर किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल तब किया जा सकता है जब H5N1 वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से और कुशलता से ट्रांसमिट करना शुरू कर दे।