अगर आपकी भी कहीं जाने की तैयारी है या अगर आप हाल ही में ट्रेन से यात्रा करने जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। दरअसल, भारतीय रेलवे ने पटरियों और मरम्मत के कार्यों के कारण देश भर के विभिन्न हिस्सों में चलने वाली ट्रेनों को रद्द या उनका रूट बदल दिया है। इन रेल गाड़ियों की संख्या करीब 50 है। भारतीय रेलवे समय-समय पर पटरियों और मरम्मत के कार्यों के कारण ट्रैफिक ब्लॉक करता है। इससे ट्रेनों की आवाजाही में सुधार होता है। इस लिए कुछ ट्रेनों को रद्द या उनका रद्द बदल दिया जाता है। कई दफा ट्रेनों के टाइम टेबल में भी बदलाव किया जाता है। रेलवे अपनी इनक्वायरी वेबसाइट पर कैंसिल ट्रेन लिस्ट जारी भी करता है।
रेलवे जिन ट्रेनों को रद्द करता है। उसकी जानकारी यात्रियों को दी जाती है। इसके लिए स्टेशनों पर अनाउंसमेंट भी होता है। वहीं रेलवे के इनक्वायरी नंबर 139 पर कॉल कर ट्रेनों का स्टेटस पता किया जा सकता है। ट्रेनों के कैंसिल होने पर यात्रियों को टिकट के पूरे पैसे रिफंड हो जाते है। देश में कोरोना के कारण इतिहास में पहली बार ट्रेनों का संचालन बंद हो गया है। अब स्थिति काबू में आते ही धीरे-धीरे ट्रेनों को चलाया जा रहा है। हालांकि पूरी तरह से ट्रेनें शुरू नहीं हुई है। भारतीय रेलवे स्पेशल ट्रेन चला रहा है। इस बीच रेलवे ने 50 ट्रेनों का रूट बदल दिया या उन्हें कैंसिल कर दिया है। ऐसे में जो यात्रा करने वाले हैं। वो लिस्ट चेक कर ही घर से बाहर निकले। नहीं तो आपको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यहां देंखे कैंसिल हुई ट्रेनों की लिस्ट
आपदा को अवसर में बदलने का और लोगों की जेब ढीली करके उनसे वसूली करने का गुर कोई रेलवे विभाग (Festival special train) से सीखे। यह बात इसलिए कही जा रही है कि कोरोनाकाल में बंद हुई ट्रेनें अब धीरे-धीरे चलनी शुरू हो गई है, लेकिन सभी ट्रेनों को फेस्टिवल स्पेशल के रूप में रेलवे (Indian railway) चला रहा है और यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर रहा है।
किराए से ज्यादा वसूली
सुविधाओं के नाम पर रेलवे की ओर से कुछ भी प्रदान नहीं किया जा रहा है, उसके बावजूद यात्री ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। अब यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर क्यों रेलवे ट्रेनों को स्पेशल नंबर पर चला रहा (Festival special train) है और यात्रियों से क्यों किराए की ज्यादा वसूली की जा रही है। जबकि कोरोना काल के चलते देश के सभी लोगों की आर्थिक स्थिति पर काफी बुरा असर पड़ा है। व्यापार -व्यवसाय भी बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन सबके बावजूद सरकार को और रेलवे को शायद इन सब बातों से कोई लेना-देना नहीं है। वह तो बस वसूली करने में लगी हुई है।
मध्यमवर्ग परिवार की जेब लगातार ढीली
इस बात को लेकर यात्रियों में घोर नाराजगी है। भाटापारा जैसे रेलवे स्टेशन से वर्तमान में लगभग 12 गाड़ियां चल रही हैं, लेकिन स्टेशन पर नाममात्र की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों ने रेल विभाग और केंद्र सरकार से यह मांग की है कि अब ट्रेनों को रेगुलर नंबर पर ही चलाया जाए, ताकि लोगों को नाहक परेशानियों का सामना ना करना पड़े। इसके अतिरिक्त यात्रियों ने यह भी मांग की है कि ट्रेनों में लिया जाने वाला भाड़ा पूर्ववत ही किया जाए। वर्तमान में स्पेशल नंबर व फेस्टिवल स्पेशल के नाम से अतिरिक्त भाड़ा लिया जा रहा है, जिससे मध्यमवर्ग परिवार की जेब लगातार ढीली हो रही है।