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बहुमंजिला खेती से किसानों की आय होगी दोगुनी

बीजापुर कृषि विज्ञान केंद्र ने कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले के उद्यानिकी कृषकों के लिए बहुमंजिला खेती यानी मल्टीलेयर फार्मिंग कार्ययोजना तैयार किया है। इसके लिए बीजापुर जिले के 200 किसानों का चयन किया गया है। साथ ही आवश्यक संसाधन जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे किसानों के आय में बढ़ोतरी हो सके। बहुमंजिला खेती के इस तकनीक से एक साथ 05 फसलों की बुआई कम लागत में 08 गुना ज्यादा आय प्राप्त होगी, जो कि कृषकों की आय दोगुनी करने में एक रामबाण साधन साबित होगी। 





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यह तकनीक लघु और सीमांत कृषकों जिनके पास कृषि भूमि कम होती है, जिससे उत्पादन कम प्राप्त होती है, जिसके कारण समय बहुत कम मिलता है। इस तकनीक को किसान अपनाकर अपनी खेती को बेहतर बना सकता है। तकनीक मल्टी लेयर फार्मिंग की बात करें तो इसे किसान बहुस्तरीय खेती या बहुमंजिला खेती के नाम से जाना जाता है। मल्टी लेयर फार्मिंग के  इस तकनीक में लकड़ी, बल्ली, बांस की सहायता से मचान संरचना तैयार किया जाता है और मचान के ऊपर घास, पत्ता  की सहायता से छाव तैयार किया जाता है। 


 बिना फसल प्रतिस्पर्धा से खेती


खेत में मचान की सहायता से एक आंशिक छाव वातावरण तैयार कर एक साथ 4 से 5 फसलों की खेती एक साथ किया जाता है। इसके लिए जमीन के अंदर कंद वाली फसल जैसे हल्दी और अदरक इसके बाद उसी जमीन के ऊपर में हरी पत्ती वाली भाजी जैसे-धनिया, लाल भाजी, पालक और गोभी लगा सकते हैं। साथ ही खेत के मेड़ में बेला (नार) वाली फसल जैसे करेला, सेम, बरबट्टी और मचान के ऊपर ज्यादा फैलने वाली बेला सब्जी जैसे-कद्दू, लौकी, कुदंरू की फसल आसानी से बिना फसल प्रतिस्पर्धा से खेती किया जा सकता है।

 

लगाया जा सकता है 4 से 5 फसल  


बहुमंजिला खेती से किसानों को  विभिन्न लाभ होंगे, जैसे कि किसानों को मुनाफा प्रति इकाई क्षेत्र ज्यादा मिलेगा। इससे खेत का प्रबंधन आसानी से किया जाता है। इस पद्धति से पानी की 70 प्रतिशत बचत होती है। खाद उर्वरक की बचत होती है और फसल में जितनी खाद,उर्वरक लगती है उतने में 4 से 5 फसल लगाया जा सकता है और भूमि खरपतवार प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है।


 आय कर सकते हैं दोगुनी


बीजापुर जिले में पहली बार कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के देख-रेख में इस पद्धति का किसानों के बाड़ी में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि कृषकों को साल भर आय प्राप्त होती रहे और अपनी आय दोगुनी किया जा सके। इस कड़ी में जिले के कलेक्टर महोदय  रितेश कुमार अग्रवाल ने कुयेनार गांव में मल्टी लेयर फार्मिंग मॉडल का निरीक्षण किया और किसानों को इस तकनीक को अपनाने के लिए कृषकों को प्रेरित किया।

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