रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह के दिशा-निर्देशन और CMHO एस.एन. केशरी के मार्गदर्शन में जिले में संचालित निजी पैथोलॉजी लैब की जांच की गई। जिले के 26 पैथोलॉजी लैब की जांच जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने की। CMHO केशरी ने बताया कि जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन लैब्स में तय मानकों के आधार पर संचालन संबंधी व्यवस्थाओं में कमी पाई गई है, वहां कलेक्टर सिंह के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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निरीक्षण के दौरान कुछ-कुछ कमियां सभी पैथोलॉजी केंद्र में देखने को मिली, जैसे स्पर्श पैथोलॉजी का लाइसेंस समयावधि 3 महीने से खत्म हो गया था। राजप्रिय अस्पताल लैब का आकार मानक स्तर पर नहीं मिला और लैब टेक्नीशियन उपस्थित नहीं पाए गए। संजीवनी अस्पताल के पैथोलॉजी लैब में PPE किट की अनुपलब्धता, बालाजी पैथोलाजी में फायर एक्स्टींगिशर, BMW अपशिष्ट प्रबंधन में कमी और PPE किट की अनुपलब्धता पाई गई। साथ ही कार्यरत स्टाफ बिना मास्क के काम करते पाए गए, जिसके लिए 2500 रुपये की चालानी कार्रवाई भी की गई और लैब का आकार भी मानक स्तर पर नहीं मिला।
26 निजी पैथालॉजी लैब की जांच
अरूण केडिया पैथोलॉजी लैब में साफ-सफाई की कमी पाई गई। इसी तरह निरीक्षण किए गए सभी पैथालॉजी लैब में जांच की दरों का सही तरीके से प्रदर्शन नहीं किया गया था। निरीक्षण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और शहरी कार्यक्रम प्रबंधक शामिल थे। इसी तरह लैलूंगा में जांच के दौरान कौशिक मेडिकल पैथोलॉजी को बिना लाइसेंस के पैथॉलोजी लैब को संचालन करते पाए जाने पर SDM और BMO की संयुक्त टीम ने सील कर दिया। इसी तरह बरमकेला में 5, सारंगढ़ में 3, पुसौर में 1, रायगढ़ में 6, खरसिया में 4, तमनार में 2, घरघोड़ा में 2, लैलूंगा में 3 सहित कुल 26 निजी पैथालॉजी लैब की जांच की गई।