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बस्तर में फिर बढ़ रहे मलेरिया के मरीज, बुजुर्ग और गर्भवतियों सहित सामने आए 2500 पॉजिटिव केस


छत्तीसगढ़ में सालाना मलेरिया से पीड़ित होने वालों की औसत संख्या तेजी से बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना के मामले पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसी बीच अब मलेरिया ने दस्तक दे दी है। मानसून के आते ही बस्तर जिले में लगातार मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। खासकर इनमें बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती की संख्या ज्यादा है। ग्रामीण अंचलों में काफी बुरा हाल है, जिले के 7 ब्लॉकों में से 6 ब्लॉक में मलेरिया का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। बस्तर में मलेरिया अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। इसको लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में चिंता का विषय बना हुआ है।





बुलंद हौसलों से साकार हो रहा मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का सपना





वहीं जिले में 16 जून से 31 जुलाई तक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का चौथा चरण चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान लगातार मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिलते जा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन के पास पर्याप्त मलेरिया जांच किट और दवाइयां है। लगातार मलेरिया से पॉजिटिव मरीजों का बेहतर उपचार भी किया जा रहा है। बस्तर के ग्रामीण अंचलों में गर्भवती महिला और बच्चे मलेरिया के चपेट में आ रहे हैं। जिले के बास्तानार और लौंहडीगुड़ा ब्लॉक में सबसे ज्यादा मलेरिया पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।





इन इलाकों में मिले मलेरिया के मरीज





मलेरिया मुक्त अभियान के चौथे चरण में 5 जुलाई तक बस्तर जिले में मलेरिया के कुल 520 मरीज मिले हैं। इसमें लौंहडीगुड़ा ब्लॉक में सबसे ज्यादा 170 मिले हैं। इनमें 94 बच्चे हैं। वहीं बस्तानार ब्लॉक में 30 जून तक 116 मलेरिया पीड़ितों में 70 बच्चे और तोकापाल ब्लॉक में 12 में 6 बच्चे, दरभा ब्लॉक में 135 पीड़ितों में 64 बच्चे नानगर में 66 बच्चों में 27 बच्चे बस्तर ब्लॉक में मलेरिया के सिर्फ 23 मरीज मिले जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं।





गर्भवती महिलाएं भी मलेरिया की चपेट





बस्तर संभाग की बात की जाए तो इसमें बीजापुर में 389, दंतेवाड़ा में 325 कांकेर में 120, कोंडागांव में 195, सुकमा में 537, नारायणपुर में 414 मरीज मलेरिया पॉजिटिव में पाए गए हैं। इसमें 1 से 14 साल तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है। इधर, बस्तर में मलेरिया से गर्भवती महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई हैं, जिले भर के 7 ब्लाकों में 304 महिलाओं की जांच में जहां लौंहडीगुड़ा ब्लॉक में 4 गर्भवती महिलाएं मलेरिया से पीड़ित पाई गई हैं। वहीं जगदलपुर छोड़ अन्य ब्लॉकों में 12 गर्भवती महिलाएं भी मलेरिया की चपेट में आई हैं, जिनका इलाज जारी है।





42 गांव में मलेरिया का प्रकोप ज्यादा





जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि लौंहडीगुड़ा ब्लॉक, बास्तानार ब्लॉक के किलेपाल इलाके और दरभा ब्लॉक में अधिकतर मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। मलेरिया मुक्त अभियान के दौरान लगातार टीम के द्वारा गांव के सभी घरों में जाकर जांच किया जा रहा है। वहीं बास्तानार ब्लॉक के किलेपाल के 42 गांव में भी मलेरिया का प्रकोप ज्यादा है। वहीं प्रशासन की ओर से और स्वास्थ विभाग के द्वारा जिले के हर उप स्वास्थ्य केंद्रों में मच्छरदानी पहुंचाई जा रही है। अभियान के दौरान सभी को मुफ्त मच्छरदानी वितरित किया जा रहा है। साथ ही मलेरिया से बचने के लिए जागरूक करने का काम भी स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में कर रही है।





31 जुलाई तक चलाई जाएगी मलेरिया मुक्त अभियान





उन्होंने कहा कि विभाग के पास पर्याप्त दवाई है और मलेरिया रोकथाम के लिए पूरे प्रयास विभाग के द्वारा किए जा रहे हैं। बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने भी जिले में लगातार मिल रहे मलेरिया पॉजिटिव मरीज के संख्या को देखते हुए चिंता जताया है। कलेक्टर ने कहा कि निश्चित तौर पर जिले में बढ़ रहे मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए विभाग के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन इसके रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि 16 जून से मलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलाई जाएगी।





शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का चौथा चरण शुरू





इस दौरान जिले के एक-एक घर में जाकर विभाग की टीम सभी लोगो की मलेरिया जांच करेगी। कलेक्टर ने कहा कि विभाग के पास पर्याप्त दवाइयां और जांच किट है। साथ ही उपचार के लिए भी स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि अब तक जिले में मलेरिया से एक भी मौत के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन लगातार बढ़ रहे मलेरिया पॉजिटिव की संख्या को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है।





मलेरिया के लक्षण





बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। इस रोग से बचने के लिए घर के आस-पास गंदगी और पानी इकठ्ठा न होने दें। ऐसी कोई भी चीज जिससे मच्छर पैदा हो सकते हो उसे करने से बचें। मरीज को अत्यधिक सर्दी लगना, कंपकंपी, सिरदर्द, उल्टी, बदनदर्द और तेज बुखार के साथ पसीना आता है। दवा देने पर 5-10 दिन में मरीज ठीक हो जाता है। लेकिन अगर परजीवी की वाइवेक्स या मलेरी प्रजाति शरीर में फैल रही है तो ठीक होने के बाद लक्षण दोबारा दिखने लगते हैं।


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