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डगमगाकर नैया पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हर नहीं होती, इस परिवार ने कहावत को किया चरितार्थ


मेहनती परिवार के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक छोटा सा संसाधन कितना महत्वपूर्ण हो सकता है इसका जीवंत उदाहरण है। ग्राम पंचायत गिरजापुर में रहने वाले जगमोहन का परिवार। पहले यह परिवार पेयजल और निस्तार के लिए गांव में लगे सार्वजनिक हैंडपंप पर आश्रित था। इससे जगमोहन के परिवार के लिए पानी की हर समय उपलब्धता अपने आप में बड़ा संकट था। लगभग साढ़े तीन एकड़ खेतों में सिंचाई की सुविधा ना होने से यह परिवार खेती करने के लिए सिंचाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर आश्रित रहता था। ऐसे में परिवार के सदस्यों के लिए कई परेशानियां सामने थी।





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इस परिवार के एक छोटे से प्रयास और महात्मा गांधी नरेगा की मदद से बने कुंए ने उनके परिवार की कई समस्याओं का निराकरण एक ही बार में कर दिया है। धान की खेती के लिए अभी बाकी किसान रोपा तैयार करने मे परेशान हैं। वहीं सिंचाई के साधन का लाभ लेते हुए जगमोहन का परिवार अपने खेतों में खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती के लिए रोपाई करने में व्यस्त है। बीते साल भी इन्होंने खरीफ के समय धान की भरपूर फसल लेने के बाद लगभग 35 क्विंटल धान सहकारी साख समिति में बेचकर 50 हजार रूपए से ज्यादा का लाभ अर्जित किया था। वहीं अपने खेतों में गेहूं की उपज लगाकर लगभग 13 हजार रूपए का लाभ लिया था।





खेती




बैकुंठपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत गिरजापुर मे रहने वाले जगमोहन पिता दलसाय के परिवार में कुल 5 सदस्य हैं। इस परिवार के लिए सबेरे से लेकर शाम तक पेयजल और निस्तार के लिए जल की व्यवस्था करना एक कठिन कार्य था। खासकर खराब मौसम या फिर गर्मियों में इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा खेतों में सिंचाई की सुविधा ना होने से किसी तरह सिर्फ बारिश आधारित धान की फसल होती थी, जिससे बमुश्किल साल भर खाने के लिए ही अनाज हो पाता था। इस परिवार ने गांव में ही एक हितग्राही के बाड़ी में बने कुएं का लाभ देखकर खुद के जमीन में एक कुंआ निर्माण कराए जाने का आवेदन अपने ग्राम पंचायत में दिया।





कुंआ निर्माण की स्वीकृति





ग्राम पंचायत ने इनके उपयोगिता का आंकलन करते हुए महात्मा गांधी नरेगा के तहत व्यक्तिगतमूलक कार्य में इनके मांग का चयन करते हुए ग्राम सभा का अनुमोदन कर दिया। ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद जगमोहन के निजी जमीन पर कुंआ निर्माण काम के लिए साल 2019-20 में कूप निर्माण के लिए जिला पंचायत द्वारा 2 लाख बीस हजार रूपए के मानक प्राक्कलन आधार पर एक कुंआ निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। ग्राम पंचायत एजेंसी के द्वारा तकनीकी सहायक मनहरण सिंह के देखरेख में इस कुएं का निर्माण काम कराया गया।





खरीफ और रबी की फसल





इस कार्य में जगमोहन के परिवार को 46 कार्य दिवस का अकुशल रोजगार भी प्राप्त हुआ और लगभग 9 हजार रूपए मजदूरी राशि प्राप्त हुई। अब इस परिवार के पास पेयजल और निस्तार के लिए पर्याप्त पानी है। वहीं सिंचाई के साधन के रूप में कुएं का इस्तेमाल करते हुए यह परिवार खरीफ और रबी की फसल के बाद के समय में प्रतिमाह सात से आठ हजार रूपए की साग सब्जी का उत्पादन कर स्थानीय बाजारों में आसानी से बेचकर अपने दैनिक खर्च के लिए भी पूरी तरह से निश्चित हो चुका है।





रोजगार और पेयजल सहित सिंचाई की सुविधा





जगमोहन कहते हैं कि पानी बर बहुत समस्या रहिस पर कुंआ बने ले सब निदान हो गइस है। वह अपने परिवार के साथ मिलकर बाड़ी में सब्जी का उत्पादन करने लगे। इससे इनके परिवार को साल भर काम मिलने लगा। वहीं दूसरी ओर समय पर सब्जी का उत्पादन करने से हर हफ्ते डेढ़ से दो हजार रूपए की निश्चित आमदनी का जरिया भी बन गया। जगमोहन ने बताया कि बीते लॉकडाउन के दौरान उन्होनें अपने खेतों से मटर, लहसुन, टमाटर, आलू जैसी सब्जियों का उत्पादन करके लगभग 15 से 20 हजार रूपए का लाभ प्राप्त किया। गेहूं की फसल के बाद जगमोहन ने अपने खेतों में गर्मी की उड़द की फसल भी लगाकर लगभग एक क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया है। महात्मा गांधी नरेगा के एक छोटे से काम के पूर्ण हो जाने से जगमोहन का परिवार अब रोजगार और पेयजल सहित सिंचाई की सुविधा के लिए पूरी तरह से निश्चिंत हो गया है।


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