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नेशनल लोक अदालत के लिए 13 खंडपीठ गठित, 522 लंबित और 540 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की होगी सुनवाई


अंबिकापुर में 10 जुलाई 2021 को आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के लिए जिला-सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आर.बी. घोरे के निर्देशानुसार जिला स्तर पर 13 खंडपीठ का गठन किया गया है। इस खंडपीठ में परिवार न्यायालय और जिला न्यायालय के न्यायाधीशों की खंडपीठ को शामिल किया गया है। गठित खंडपीठ में पीठासीन अधिकारी के अलावा एक-एक अधिवक्ता और एक-एक सामाजिक कार्यकर्ता की नियुक्ति की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जनार्दन खरे ने बताया है कि जिला और तालुका स्तर पर लोक अदालत के निराकरण के लिए संबंधित न्यायालयों में लंबित 522 प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं। साथ ही 540 प्री-लिटिगेशन प्रकरण प्राप्त हुए हैं।





लॉकडाउन की अवधि तक हाईकोर्ट का सामान्य काम-काज स्थगित, अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों की ही की जा सकती है सुनवाई





जिला न्यायाधीश ने अपील की है कि नेशनल लोक अदालत 10 जुलाई को जिला न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, एनआई एक्ट बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत और पानी बिल संबंधी मामलों जो राजीनामा योग्य हों, पारिवारिक मामले, राजस्व ममाले और अन्य सिविल मामलों सहित प्री-लिटिगेशन प्रकरण का ज्यादा से ज्यादा संख्या में निराकरण कर नेशनल लोक अदालत को सफल बनाएं।





10 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन





बस्तर जिला न्यायाधीश सुमन एक्का के मार्गदर्शन में शनिवार 10 जुलाई को होने वाले नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को आसानी से न्याय पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है। इस लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, व्यवहार वाद के प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण, धारा 138 निई एक्ट के प्रकरण, पारिवारिक विवाद के प्रकरण, श्रम विवाद के प्रकरण और अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण के साथ-साथ राशि वसूली से संबंधित विवाद पूर्व प्रकरण (प्री-लिटिगेशन) का निराकरण किया जाना है।





लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश





बीते दिनों एक्का द्वारा आपसी सुलह से निराकरण योग्य प्रकरणों की सुनवाई सुनिश्चित कर संबंधितों को न्याय सुलभ कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सुनवाई फिजिकल उपस्थिति में भी होगी और जो लोग सीधे उपस्थित नहीं होकर सुनवाई चाहते हैं, उनके लिए वर्चुअल माध्यमों का विकल्प भी रखा गया है। उन्होंने राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों के मध्य प्री-सिटिंग कर नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए।





लोक अदालत की महत्ता





नेशनल लोक अदालत में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। नेशनल लोक अदालत की सफलता और उसकी तैयारियों के संबंध में जिला न्यायाधीश एक्का द्वारा जिला अधिवक्ता संघ जगदलपुर के अध्यक्ष सचिव और पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में अधिवक्ता संघ से नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिए पक्षकारों को लोक अदालत की महत्ता बताते हुए उन्हें अपने प्रकरणों को राजीनामा के माध्यम से निराकृत किए जाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करते हुए नेशनल लोक अदालत में अपना सहयोग और सहभागिता देने के लिए प्रेरित किया गया।





विवादों का समाधान के लिए प्रेरित करने की अपील





नेशनल लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज द्वारा बैंकों और नगर निगम के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में राजीनामा की संभावना वाले वसूली योग्य प्रकरणों का निराकरण करवाने के लिए निर्देशित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने पैरालीगल वालिंटिर्स से भी नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता और राजीनामा के आधार पर उनके बीच उत्पन्न विवादों का समाधान के लिए प्रेरित करने की अपील की। जिससे ज्यादा से ज्यादा नागरिक लाभान्वित होकर अपने मामलों का निराकरण करा सकेंगे।





आपसी समझाइश और सुलह





उन्होंने कहा कि लोक अदालत लोगों को शीघ्र और सस्ता न्याय सुलभ कराने का एक सशक्त माध्यम और विवादों को आपसी समझौते के द्वारा सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित या विवाद पूर्व प्रकरणों का आपसी समझाइश और सुलह के आधार पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में निराकरण कराया जाता है। बता दें कि आयोजित नेशनल लोक अदालत में समझौता के माध्यम से प्रकरण के निराकरण में विवाद का अंत हो जाता है जिससे समय और पैसे की बचत होती है।


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