Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label National Lok Adalat. Show all posts
Showing posts with label National Lok Adalat. Show all posts

9 मार्च को आयोजित नेशनल लोक अदालत, लंबित प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से किए जाएंगे निराकरण

No comments Document Thumbnail

 कोरिया : जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भीष्म प्रसाद पाण्डेय ने जिला न्यायालय के सभाकक्ष में अधिवक्ता संघ वैकुण्ठपुर के सभी सदस्य, नगरपालिका, बैंक तथा विभिन्न विभागों से उपस्थित अधिकारीगण को 9 मार्च 2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के सबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।


 पाण्डेय जी द्वारा बैठक में पांच वर्ष से अधिक समय से लंचित प्रकरणों का चिन्हांकित कर उसे लोक अदालत के माध्यम से निराकरण किए जाने तथा ऐसे प्रकरण जो प्री-लिटिगेशन से सबंधित है उन्हें प्रकरण पेश होने से पूर्व ही आपसी सहमति से समाप्त करने हेतु विशेष रूप से प्रयास करने हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में उपस्थित विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विरेन्द्र सिंह ने बताया कि 9 मार्च 2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार प्रदेश के प्रत्येक न्यायालय में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पक्षकार अपने प्रकरण को राजीनामा के आधार पर समाप्त कर सकते है तथा ऐसे मामले जो सिविल प्रकृति, मोटर दुर्घटना दावा, चेक संबंधित प्रकरण, परिवार न्यायालय से संबंधित प्रकरण, श्रम न्यायालय से संबंधित प्रकरण एवं राजस्व न्यायालय से संबंधित प्रकरण है उन्हे भी पक्षकार आपसी राजीनामा के आधार पर समाप्त कर सकते हैं तथा आम नागरिक ऐसे टैक्स जो नगर निगम या नगर पालिका में देय है उसे भी लोक अदालत में उपस्थित होकर भुगतान कर अपना प्रकरण समाप्त कर सकते हैं।

लोक अदालत-
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, आपसी सुलह या बातचीत की एक प्रणाली है। यह एक ऐसा मंच है जहां अदालत में लंबित मामलों (या विवाद) या जो मुकदमेबाजी से पहले के चरण में हैं, उन दो पक्षों में समझौता किया जाता है या सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाया जाता है ।

लोक अदालतों से लाभ
वकील पर खर्च नहीं होता, कोर्ट-फीस नहीं लगती, पुराने मुकदमें की कोर्ट-फीस वापस हो जाती है, किसी पक्ष को सजा नहीं होती, मामले को बातचीत द्वारा हल की जाती है, मुआवजा और हर्जाना तुरन्त मिल जाता है, मामले का निपटारा तुरन्त हो जाता है, सभी को आसानी से न्याय मिल जाता है।

बैठक में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहन सिंह कोर्राम तथा अन्य न्यायिक अधिकारीगण के साथ साथ अधिवक्ता संघ के सभी अधिवक्तागण एवं नगर पालिका तथा विद्युत विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

नेशनल लोक अदालत में 50 हजार से ज्यादा मामलों का निराकरण, बिलासपुर हाईकोर्ट की पांच खंडपीठों में 83 प्रकरण हुए निराकृत

No comments Document Thumbnail

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार  छत्तीसगढ़ राज्य में तहसील से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। सभी न्यायालयों में राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह-समझौते से निराकृत किया गया। प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार लोक अदालतों में 50 हजार प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों की भौतिक और वर्चुअल उपस्थिति में हुआ। 


छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के द्वारा नेशनल लोक अदालत में 05 खंडपीठों के द्वारा कुल 83 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिसमें मोटर दुर्घटना के 63 प्रकरणों का निराकरण करते हुए एक करोड़ 89 लाख 92 हजार 290 रूपए का अवार्ड पारित किया गया है। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार लोक अदालत हेतु प्रत्येक जिलों को मजिस्ट्रेट की स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान दी गई थी। 

दंड प्रक्रिया संहिता

छोटे-छोटे मामलों में पक्षकारों की स्वीकृति के आधार पर निराकृत किए गए। इसके अतिरिक्त विशेष प्रकरणों जैसे दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321, 258 और पेट्टी आफैन्स के प्रकरणों और कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया गया। ऐसे मामले जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे, उन्हें भी प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के रूप में पक्षकारों की आपसी समझौते के आधार पर निराकृत किए गए। समाचार लिखे जाने तक कुल 50 हजार प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, जिसमें लगभग एक हजार मामले कोरोना काल में उल्लंघन से संबंधित धारा 188 के हैं, जो शासन की पहल पर वापस लिए गए हैं। 

नेशनल लोक अदालत में 14,203 राजस्व प्रकरणों का निपटारा

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सरगुजा द्वारा 11 सितंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत के तहत 14 हजार 203 राजस्व प्रकरणों का निपटारा किया गया जिसमें 2 करोड़ 40 लाख 50 हजार रूपए समझौता राशि जमा कराया गया। प्रकरणों में 946 नामांतरण तथा 13 हजार  192 अन्य मामले शामिल हैं। कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत में राजस्व प्रकरणों के निपटारे के लिए 23 खंडपीठों का गठन किया गया था। खंडपीठ में कलेक्टर न्यायालय सहित विभिन्न तहसीलों में खंडपीठ बनाए गए थे।

नेशनल लोक अदालत के लिए 13 खंडपीठ गठित, 522 लंबित और 540 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की होगी सुनवाई

No comments Document Thumbnail

अंबिकापुर में 10 जुलाई 2021 को आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के लिए जिला-सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आर.बी. घोरे के निर्देशानुसार जिला स्तर पर 13 खंडपीठ का गठन किया गया है। इस खंडपीठ में परिवार न्यायालय और जिला न्यायालय के न्यायाधीशों की खंडपीठ को शामिल किया गया है। गठित खंडपीठ में पीठासीन अधिकारी के अलावा एक-एक अधिवक्ता और एक-एक सामाजिक कार्यकर्ता की नियुक्ति की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जनार्दन खरे ने बताया है कि जिला और तालुका स्तर पर लोक अदालत के निराकरण के लिए संबंधित न्यायालयों में लंबित 522 प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं। साथ ही 540 प्री-लिटिगेशन प्रकरण प्राप्त हुए हैं।





लॉकडाउन की अवधि तक हाईकोर्ट का सामान्य काम-काज स्थगित, अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों की ही की जा सकती है सुनवाई





जिला न्यायाधीश ने अपील की है कि नेशनल लोक अदालत 10 जुलाई को जिला न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, एनआई एक्ट बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत और पानी बिल संबंधी मामलों जो राजीनामा योग्य हों, पारिवारिक मामले, राजस्व ममाले और अन्य सिविल मामलों सहित प्री-लिटिगेशन प्रकरण का ज्यादा से ज्यादा संख्या में निराकरण कर नेशनल लोक अदालत को सफल बनाएं।





10 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन





बस्तर जिला न्यायाधीश सुमन एक्का के मार्गदर्शन में शनिवार 10 जुलाई को होने वाले नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को आसानी से न्याय पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है। इस लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, व्यवहार वाद के प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण, धारा 138 निई एक्ट के प्रकरण, पारिवारिक विवाद के प्रकरण, श्रम विवाद के प्रकरण और अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण के साथ-साथ राशि वसूली से संबंधित विवाद पूर्व प्रकरण (प्री-लिटिगेशन) का निराकरण किया जाना है।





लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश





बीते दिनों एक्का द्वारा आपसी सुलह से निराकरण योग्य प्रकरणों की सुनवाई सुनिश्चित कर संबंधितों को न्याय सुलभ कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सुनवाई फिजिकल उपस्थिति में भी होगी और जो लोग सीधे उपस्थित नहीं होकर सुनवाई चाहते हैं, उनके लिए वर्चुअल माध्यमों का विकल्प भी रखा गया है। उन्होंने राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों के मध्य प्री-सिटिंग कर नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए।





लोक अदालत की महत्ता





नेशनल लोक अदालत में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। नेशनल लोक अदालत की सफलता और उसकी तैयारियों के संबंध में जिला न्यायाधीश एक्का द्वारा जिला अधिवक्ता संघ जगदलपुर के अध्यक्ष सचिव और पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में अधिवक्ता संघ से नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिए पक्षकारों को लोक अदालत की महत्ता बताते हुए उन्हें अपने प्रकरणों को राजीनामा के माध्यम से निराकृत किए जाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करते हुए नेशनल लोक अदालत में अपना सहयोग और सहभागिता देने के लिए प्रेरित किया गया।





विवादों का समाधान के लिए प्रेरित करने की अपील





नेशनल लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज द्वारा बैंकों और नगर निगम के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में राजीनामा की संभावना वाले वसूली योग्य प्रकरणों का निराकरण करवाने के लिए निर्देशित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने पैरालीगल वालिंटिर्स से भी नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता और राजीनामा के आधार पर उनके बीच उत्पन्न विवादों का समाधान के लिए प्रेरित करने की अपील की। जिससे ज्यादा से ज्यादा नागरिक लाभान्वित होकर अपने मामलों का निराकरण करा सकेंगे।





आपसी समझाइश और सुलह





उन्होंने कहा कि लोक अदालत लोगों को शीघ्र और सस्ता न्याय सुलभ कराने का एक सशक्त माध्यम और विवादों को आपसी समझौते के द्वारा सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित या विवाद पूर्व प्रकरणों का आपसी समझाइश और सुलह के आधार पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में निराकरण कराया जाता है। बता दें कि आयोजित नेशनल लोक अदालत में समझौता के माध्यम से प्रकरण के निराकरण में विवाद का अंत हो जाता है जिससे समय और पैसे की बचत होती है।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.