देश के साथ ही विदेशों में भी हत्या के वारदात लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा मामला पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो (Burkina Fas) का है, जहां से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। इस देश में 130 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इन लोगों को मारने वाले हत्यारों में ज्यादातर 12 और 14 साल की उम्र के बच्चे शामिल थे। इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र और इस देश की सरकार ने दी है। यहां के सोलहन गांव में 4 जून की शाम अचानक हथियारों के साथ कुछ लोग आ गए थे, जिन्होंने घरों को आग लगा दी। साथ ही इंसानों को भी जिंदा जला दिया था।
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इस इलाके में हुआ ये अब तक का सबसे घातक हमला है। यहां से आए दिन कत्लेआम से जुड़ी ऐसी ही खबरें सामने आती रहती हैं। ज्यादातर इलाकों पर इस्लामिक स्टेट और अल कायदा से जुड़े जिहादियों का कब्जा है। सरकार के प्रवक्ता ओउसेनी तंबौरा का कहना है कि हमलावरों में ज्यादा बच्चे थे। जिसकी संयुक्त राष्ट्र ने काफी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने कहा कि 'हम सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों और किशोरों की भर्ती किए जाने की कड़ी निंदा करते हैं। यह उनके मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।'
2018 से बढ़े नागरिकों और सैनिकों पर हमले
संयुक्त राष्ट्र शांति दूतों और अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र बलों की लाख कोशिशों के बावजूद पड़ोसी देश नाइजर और माली सहित पश्चिम अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में इस्लामी चरमपंथियों के हमले जारी हैं । बुर्किना फासो के उत्तरी हिस्से के स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि बीते कुछ सालों से इस्लामिक समूह बच्चों का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन इस हफ्ते हुआ हमला अब तक का सबसे बड़ा मामला है। यह एक गरीब पश्चिम अफ्रीकी देश के लिए बहुत बुरा है, जहां 2018 से नागरिकों और सैनिकों पर हमले बढ़े हैं।
12 लाख से ज्यादा लोगों को छोड़ना पड़ा घर
यूनिसेफ का कहना है कि बुर्किना फासो में हजारों की संख्या में लोगों को मारा गया है और 12 लाख से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर विस्थापित होना पड़ा है। ज्यादातर लोग उत्तर, पूर्व और केंद्रीय क्षेत्र में स्थित सूखे स्थान पर कैंप में रहने को मजबूर हैं। जबकि इससे बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है। अभी तक 2200 से ज्यादा स्कूल बंद हो गए हैं। जिससे 3 लाख से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं।