महासमुंद। रेत माफिया महासमुंद जिले में सक्रिय हैं। खासकर महासमुंद ब्लॉक में सर्वाधिक शिकायतें मिल रही थी । ग्रीन ट्रिब्यूनल (हरित अभिकरण) द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्षाकाल में 10 जून 2021 से 15 अक्टूबर 2021 तक गौण खनिज रेत का नदी-नालों से उत्खनन और परिवहन प्रतिबंधित किया है। इस संबंध में कलेक्टर डोमन सिंह ने जिले में संचालित समस्त रेत घाटों में रेत का उत्खनन और परिवहन प्रतिबंधित किया है। इस पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए दो जांच टीम गठित की है।
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महासमुंद विकासखंड में रेत के अवैध खनन, परिवहन, भंडारण के संबंध में नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार शिकायतें मिल रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए महासमुंद विकासखंड में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण के रोकथाम के लिए खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। इसमें दो दल प्रभारी अधिकारी और सहायक कर्मचारी की नियुक्ति की गई है।
दल क्रमांक-एक
प्रथम दल के प्रभारी अधिकारी महासमुंद खनिज निरीक्षक जितेन्द्र चंद्राकर और नायब तहसीलदार पटेवा क्षीरसागर बघेल शामिल हैं। इनके सहायक कर्मचारी नगर सैनिक प्रदीप प्रधान, नीलकंठ चंद्राकर, इमरान खान, मनीष ढीढी और तीर्थराज ठाकुर होंगे।
दल क्रमांक-दो
द्वितीय दल प्रभारी अधिकारी महासमुंद अतिरिक्त तहसीलदार प्रेमुलाल साहू और नायब तहसीलदार झलप देवेन्द्र नेताम शामिल हैं। इनके सहायक कर्मचारी नगर सैनिक गज्जु ध्रुव, लीलाधर चन्द्राकर, प्रशांत कालू, प्रसन्न कुमार, अनंतराम चन्द्राकर शामिल हैं। इन दलों द्वारा प्रत्येक दिवस बारी-बारी से रात 08ः00 बजे से सुबह 06ः00 बजे तक अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण के रोकथाम के लिए नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
रात में चौकसी या कुछ और..
ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बीच जिला प्रशासन ने जांच दल तो गठित कर दिया है। जांच दल में भी मैदानी अमला और निरीह अफसर, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक चौकसी करेंगे। रेत माफिया को सत्ता पक्ष का खुला संरक्षण है। ऐसे में यह दल जांच करेगी व कुछ और ही उद्देश्य है, इसकी चर्चा अभी से नागरिकों के बीच होने लगी है।