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बिना अपराध इंजीनियर को घण्टों हिरासत में रखा, बागबाहरा थानेदार की मानवाधिकार आयोग में शिकायत

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महासमुंद जिले के बागबाहरा थाना क्षेत्र के ग्राम अनवरपुर निवासी इंजीनियर सतीश पटेल, उनके पिता लक्ष्मीलाल पटेल ने प्रेस क्लब महासमुन्द में प्रेसवार्ता आयोजित कर पुलिस प्रताड़ना की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बागबाहरा थाना प्रभारी के खिलाफ मानव अधिकार आयोग से शिकायत की है। थाना प्रभारी द्वारा अपने पद एवं अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए बिना अपराध के घंटों हिरासत में रखने का आरोप लगाया। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि बौखलाहट में थानेदार उन्हें धमका रहे हैं। वे किसी झूठे मामले में फंसा सकते हैं। उन्होंने पुलिसिया आतंक से बचाने की गुहार मानवाधिकार आयोग और मीडिया से लगाई है।





मानवाधिकार आयोग में की गई शिकायत





प्रेसवार्ता में पटेल ने पत्रकारों को मानव अधिकार आयोग को प्रेषित आवेदन की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए पूरे मामले की जानकारी दी। आवेदन के अनुसार सतीश पटेल बीई स्नातक इंजीनियर हैं। उन्हें रोबस्ट प्रोटेक्टीव्ह फार्मिंग सॉल्यूशन टाटीबंध रायपुर के संचालक सुधांशु शर्मा द्वारा फरवरी 2020 में फील्ड इंजीनियर के पद पर 15000 रुपए मासिक वेतन, टी.ए.डी.ए. तथा आवास सुविधा देने के वादा के सेवा में रखा था। फील्ड वर्क करने के लिए बाइक भी दी है। सुधांशु शर्मा द्वारा तीन माह का वेतन, टी.ए.डी.ए. तथा पेट्रोल व्यय मिलाकर लगभग 56हजार रुपए का भुगतान नहीं किया है। मकान का किराया भी नहीं दिए जाने से मकान मालिक ने खाली करा दिया। इस वजह से सतीश पटेल ने सेवा त्यागने की इच्छा जताई व उक्त राशि भुगतान करने का निवेदन किया। सुधांशु शर्मा ने बकाया वेतन की राशि नहीं दी। उल्टा, कंपनी द्वारा प्रदत्त बाइक व दस्तावेज वापस करने का फरमान सुना दिया। सतीश पटेल बकाया वेतन का भुगतान कर बाइक वापस ले लेने का बार-बार निवेदन करते रहा। सुधांशु शर्मा द्वारा कोई रिस्पांस नहीं दिया गया, बल्कि आरक्षी केंद्र बागबाहरा में अपने प्रभाव और धनबल की मदद से बाइक वापसी के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है।





बिना अपराध घन्टों थाना में बैठाया





उन्होंने कहा कि इन तथ्यों के अनुसार विधि अनुसार कोई अपराध का गठन उनके विरुद्ध नहीं होता है। बल्कि दोनों पक्षों के बीच लेन- देन का सिविल विवाद का मामला है। यह जानते हुए बागबाहरा थाना प्रभारी द्वारा बिना अपराध के ही सतीश पटेल और उनके पिता को थाना बुलाकर घंटों बैठा कर हिरासत में रखा गया। मोबाइल से बार-बार फोन कर सुधांशु शर्मा का सामान वापस करने, सामान वापस नहीं करने पर अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। सतीश पटेल का कहना है कि लेन-देन का जो विवाद है, वह भी बागबाहरा आरक्षी केंद्र के क्षेत्र अंतर्गत नहीं हुआ है। इसलिए थाना प्रभारी द्वारा की जा रही कार्यवाही विधि विपरीत, क्षेत्राधिकार विहीन तथा पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग मात्र है।






मानव अधिकार आयोग में शिकायत पर अभी जांच शुरू नहीं हुई है। इस बीच थाना प्रभारी द्वारा कथित तौर पर फोन करके उन्हें थाना बुलाया जा रहा है। पटेल व उनके पिता ने आशंका जताई है कि उन्हें थाना बुलाकर शासकीय कार्य में बाधा तथा शासकीय व्यक्ति के ऊपर हमला करने जैसी फर्जी केस बनाया जा सकता है।






उन्होंने मामले की शिकायत एसपी महासमुन्द से भी की है। जिसकी जांच एसडीओपी बागबाहरा कर रही हैं। तब थानेदार द्वारा जांच को प्रभावित करने उन्हें धमकाया जा रहा है।


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