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महासमुन्द में इस वजह से इस साल नहीं खुल पाएगा मेडिकल कॉलेज : चुन्नीलाल


महासमुंद। मेडिकल कांउसिल के निर्धारित मापदंडों को पूरा नही करने के कारण मेडिकल कालेज शुरू होने में विलंब हो रहा है। राज्य शासन को तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करना चाहिए। कुछ कमियां है तो उसे अविलंब दूर करना चाहिए। केंद्र सरकार ने मेडिकल कालेज खोलने के लिए 50 करोड़ रुपए आबंटित कर दी है। इस राशि का सदुपयोग कर कमियों को दूर किया जा सकता है। उक्त बातें प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए महासमुन्द लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू ने कही। उन्होंने राज्य शासन पर आरोप लगाया कि राज्य की उदासीनता के चलते इस साल कॉलेज नहीं खुल पाया।





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वहीं, कुछ लोगों द्वारा यह प्रचार किया जा रहा है कि केंद्र सरकार को तुरंत मेडिकल कालेज खोलना चाहिए। इस संबंध में जब उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय नई दिल्ली से संपर्क किया तो बताया गया कि विस्तृत जानकारी नेशनल मेडिकल कांउसिल से प्राप्त की जा सकती है। इस पर उन्होंने काउंसिल के चेयरमैन डा. सुरेश चंद्र शर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि नए मेडिकल कालेज आरंभ करने हेतु कांउसिल की नियम-शर्ते हैं। जिसे पूर्ण करने के उपरांत ही नया मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किया जा सकता है। इसके लिए बोर्ड गठित की गई है। जिसके चेयरमैन एम्स नई दिल्ली के डा. गुलेरिया हहैं। जब सांसद साहू ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने चौकाने वाली जानकारी दी। कि नया मेडिकल कालेज खोलने के लिए कम से कम 330 बिस्तर का अस्पताल होना आवश्यक है। किंतु महासमुंद में राज्य शासन द्वारा जो जानकारी भेजी गई है वह केवल 210 बिस्तर का है। जबकि पूर्व में 165 बिस्तर की जानकारी ऑनलाइन दी गई थी। जब तक 300 बिस्तर से उपर का मापदंड पूरा नही होगा, तब तक मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होने में दिक्कते आएगी। साहू को पत्रकारों ने जानकारी दी कि यहां से 330 बिस्तर से उपर की जानकारी प्रेषित की जा चुकी है। इस पर उन्होंने बताया कि अब तक बोर्ड के पास केवल 210 बिस्तर का ही अपडेट है। दिक्कतों को दूर करने क्या वे विधायकों से बैठक करेंगे? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे छग शासन के स्वास्थ्य मंत्री से अवरोधों को दूर करने चर्चा करेंगे।





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सांसद साहू ने कहा कि महासमुन्द आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल है। इस वजह से केंद्र सरकार यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने वचनबद्ध है। यह बड़ी सौगात है। जिसका लाभ समीपवर्ती जिलों बलौदाबाजार, गरियाबंद यहां तक पड़ोसी राज्य ओड़िशा के नुआपाड़ा जिले के लोगों को भी मिलेगा। राज्य सरकार को आवश्यक मापदंडों को अविलम्ब पूरी कराना चाहिए। प्रेसवार्ता में पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर, भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप चंद्राकर भी उपस्थित थे।





मेडिकल काॅलेज के लिए नार्म्स पूरा, खुलने का मार्ग हुआ प्रशस्त-विनोद





महासमुंद में प्रस्तावित मेडिकल काॅलेज खुलने का मार्ग जल्द ही प्रशस्त हो सकता है। नेशनल मेडिकल कमीशन के नार्म्स को पूरा करने के साथ ही एनएमसी के सचिव को पत्र भेज दिया गया है। यह बातें संसदीय सचिव व महासमुन्द विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने बयान जारी कर कही है। सांसद के प्रेसवार्ता के बाद उन्होंने मीडिया को जारी बयान में बताया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव लगातार मेडिकल काॅलेज स्थापना को लेकर प्रयासरत हैं। संसदीय सचिव चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने मेडिकल काॅलेज के डीन पीके निगम से चर्चा की है। जिस पर डीन ने उन्हें बताया कि एनएमसी के नार्म्स को पूरा कर लिया गया है। बीते चार जून को नेशनल मेडिकल कमीशन नईदिल्ली के सचिव को नार्म्स के हिसाब से बिस्तरों की पर्याप्त संख्या की जानकारी दे दी गई और जीएसटी राशि जमा कराकर इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से भेजी गई है।





जिसके अनुसार यहां 333 बेड उपलब्ध हैं। जिसमें जनरल मेडिसीन में 80 बेड, जनरल सर्जरी में 78 बेड, गायकोलाॅजी में 46 बेड, पीडियाट्रिक्स में 24 बेड, आर्थोपेडिक्स में 25 बेड, आप्थमोलाजी, ईएनटी, टीबी चेस्ट, स्कीन व साइकेट्री में 10 बेड तथा इमरजेंसी मेडिसीन में 30 बेड की उपलब्धता होने की जानकारी बताई गई है। संसदीय सचिव चंद्राकर ने बताया कि पूर्व में भेजे गए पत्र में कुछ लिपिकीय त्रुटियां थी जिसे सुधार व नार्म्स के अनुसार पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल काॅलेज की स्थापना के लिए वे लगातार प्रयासरत रहे हैं और शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराते रहे हैं। 325 करोड़ की लागत से सर्वसुविधायुक्त मेडिकल काॅलेज का निर्माण होना है। मेडिकल काॅलेज के लिए पहली किश्त भी जारी होने के साथ ही सेटअप व मेडिकल काॅलेज के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के लिए हाॅस्पिटल का निर्धारण भी हो गया है। अनुपूरक बजट में भी राशि का प्रावधान किया गया है। शासन स्तर से मेडिकल काॅलेज को व्यवस्थित रूप से संचालित करने पूरा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मेडिकल काॅलेज में डीन की नियुक्ति के साथ ही राज्य शासन ने नवीन स्थापित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद के लिए चिकित्सा शिक्षक संवर्ग के स्वीकृत पदों का विभागवार विभाजन किया है।





शासन को भेजा गया है नया कॉलेज भवन का प्रस्ताव









संसदीय सचिव चंद्राकर ने बताया कि मेडिकल काॅलेज स्थापना के लिए राज्य सरकार गंभीर है। महासमंद में मेडिकल काॅलेज के लिए अनुपूरक बजट में करोड़ों रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद और कोरबा के लिए चिकित्सकीय उपकरण क्रय के लिए 26 करोड़ तथा भवन निर्माण के लिए 4 करोड़ कुल 30 करोड़ का प्रावधान किया है। वहीं महासमुन्द व कोरबा में नवीन पदों के सृजन, स्थापना व अन्य व्यय के लिए 324.60 लाख का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल काॅलेज के लिए नया भवन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अनुमति मिलने के साथ ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।


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