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छत्तीसगढ़ में विफलताओं के ढाई साल बाद शुरू होने वाली है कांग्रेस की ढलान : शिवरतन शर्मा


महासमुंद। विफलताओं का ढाई साल कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में 16 जून को पूरा कर रही है। हाथ में गंगा जल लेकर शराबबंदी का चुनावी वादा करने वाली इस सरकार ने लॉक डाउन में शराब की घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराई। शराब की बुरी लत ने बेमचा गांव में एक पूरे परिवार को तबाह कर दिया। अब तक बेरोजगारी भत्ता, कर्जमाफी, शराबबंदी जैसे वादे पूरे नही किए है। लोकतंत्र प्रणाली में ढाई वर्ष के बाद इस सरकार का ढलान शुरू हो जाएगा। इस सरकार के खिलाफ 14 और 15 जून को भाजपा संगठन के प्रत्येक मंडल में पांच कार्यक्रम आयोजित कर सवाल पूछे जाएंगे कि क्या हुआ तेरा वादा? जवाब तो देना होगा भूपेश। घोषणा पत्र पर आधारित प्रश्र पत्र या पांपलेट का प्रत्येक बूथों में वितरण किया जाएगा। भाजपा के सभी प्रकोष्ठों को अलग-अलग जवाबदारी देकर कार्यक्रम आयोजित करने कहा गया है। उक्त बातें पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व भाठापारा विधायक शिवरतन शर्मा ने कही।





प्रेस क्लब महासमुन्द में आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद चुन्नीलाल साहू, भाजपा जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी, पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायकगण डा. विमल चोपड़ा, परेश बागबाहरा, रामलाल चौहान, देवजीभाई पटेल, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महेंद्र जैन विशेष रूप से उपस्थित थे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की लुभावने वादों को लेकर जनसामान्य को समीक्षा करने की जरूर है। पूरे प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया गया था किंतु शराबबंदी हुई नही और भूपेश सरकार समिति गठन व शराबबंदी के साइड इफेक्ट का हवाला देकर बहानेबाजी कर रही है। लाकडाउन के दौरान होम डिलीवरी किया गया और 4 बाटल की छूट देकर गांवों में कोचिया पैदा किया गया।





प्रदेश नशे की गिरफ्त में





भाजपा नेताओ ने कहा कि शराबबंदी नही होने से प्रदेश नशे की गिरफ्त में है। कानून व्यवस्था समाप्त हो गई है। विधानसभा में सरकार ने स्वयं आंकड़े देकर बताया कि 1828 हत्या, 1281 हत्या के प्रयास, 12,800 चोरियां, लूट डकैती को सरकार स्वीकार कर चुकी है। उन्होंने बताया कि 10 दिनों में कर्ज माफी का वादा किसानों से किया गया था किंतु 25 प्रतिशत किसानों का कर्ज आज भी माफ नही हुआ है। इस सरकार ने केवल अल्पकालीन ऋण माफ किया, मध्यम और दीर्घकालीन ऋण में किसानों को कोई लाभ नही हुआ। इसी तरह राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए गए ऋण में केवल 40 प्रतिशत ही माफ किया गया। रमन शासन के दो वर्ष का बोनस देने की बात भी कही थी किंतु ढाई साल की अवधि बीत जाने के बाद भी बोनस नही दिया गया। खरीदे गए धान गत वर्ष भी सड़ गया और इस वर्ष भी सडऩे के कगार पर है, यह राष्ट्रीय क्षति है।





मुख्यमंत्री के क्षेत्र में किसान कर रहे आत्महत्या





छग में 841 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जिसमें सर्वर्धिक दुर्ग जिले के किसान है। दुर्ग जिले से मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, कृषि मंत्री प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं सर्वाधिक किसान आत्महत्या किए हैं चुनावी वादों में 10 लाख युवकों को रोजगार देने की बात कही गई थी। रोजगार नही दे पाने पर बेरोजगारी भत्ता ढाई हजार रुपए देने का वादा किया था। जो अब तक छलावा साबित हुआ है। पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती के आदेश इस सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी जारी नही किया। केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश के लिए 7 लाख आवासगृह स्वीकृत हुआ था। जिसमें से साढ़े 5 लाख आवास योजना की राशि वापस चली गई। इसके पीछे वजह बताते हुए शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपना अंशदान नही दिया। इससे हितग्राही आवास से वंचित हो गए।





कोवैक्शीन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की





उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने वैक्शिनेशन पर छग में इस सरकार ने राजनीति की और कोवैक्शीन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की। विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि वैक्शिन का वेस्टेज कांग्रेस शासित राज्यों में सर्वधिक हुआ है। पहले शराब माफिया हुआ करता था। इनके शासनकाल में कोयला, रेत माफिया, शराब माफिया पैदा हो गए है। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। महासमुंद के अधिकारी को भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ा। उन्होंने टूलकिट, कोविड मामले की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री को नही बुलाने, विपक्ष की आवाज को दबाने सहित कर्ज की ब्याज पटाने के लिए कर्ज लेने जैसे अनेक मुद्दों पर भी सरकार को घेरा।


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