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सावधान: भारतीयों के मोबाइल में चीन ने फिर लगाई सेंध, चीनी ऐप से करोड़ों की ठगी


कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में लोग अपना काम धंधा बंद कर घरों में बैठे थे। इस दौरान वे नौकरियां खो रहे थे। तब मोबाइल ऐप के जरिये घर बैठे पैसा कमाने की एक स्कीम उनके सामने उम्मीद की एक किरण बनकर आई। लोगों को लगा कि अब वे पैसे कमा सकते हैं, लेकिन उन्हें नही मालूम था कि ये लालच एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। जो देश की सरहद के पार चीन से रची गई है।





सावधान : लोन लेने के लिए चाइनीज एप का न करें इस्तेमाल, कर्ज के बदले बना रहे मौत का जाल





दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ठगों के एक ऐसे ही गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो देश से बाहर चीन में बैठकर लाखों लोगों को चूना लगा चुके थे। महज डेढ़ महीने के अंदर ही चीन के इन चालबाजों ने 5 लाख लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लिया। अभी तक 150 करोड़ रुपये की ठगी सामने आ चुकी है, आने वाले समय में यह रकम और बढ़ी हो सकती है।





जानिए क्या है पूरा मामला





दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने 11 लोगों को गिरफ्तार करते हुए चीनी ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले एक नए नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। दरअसल, इस समय देश मे ऑनलाइन फ्रॉड लगातार तेजी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि साइबर सेल भी काफी एक्टिव हो रहा है। साल 2021 की शुरुआत में पुलिस ने 2 चीनी ऐप पर एक्शन लिया था, लेकिन उसके बाद भी चीनी ठग शांत नहीं बैठे।





सोशल मीडिया के जरिए प्रचार





अप्रैल में सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए पुलिस को जानकारी मिली कि ठगी करने वाली कुछ और चीनी ऐप आ चुकी हैं, जो बड़े पैमाने पर देश के लोगों के पैसे के साथ-साथ डेटा भी चोरी कर रही है। साइबर सेल के DCP अनयेश रॉय का कहना है कि मई के दूसरे हफ्ते में पुलिस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पता चला कि प्ले स्टोर पर पावर बैंक, सन फैक्ट्री, इजी प्लान नाम की ऐप सक्रिय हैं, जिन्हें बड़ी तेजी से डाउनलोड किया जा रहा है।





साइबर लैब के जरिए एनालिसिस





इन ऐप के माध्यम से लोगों को ठगा जा रहा है और उनका डेटा चोरी करके विदेश भेजा जा रहा है। इसके बाद साइबर सेल ने डेकोय कस्टमर बनकर तुरंत इन ऐप को डाउनलोड किया और साइबर लैब के जरिए एनालिसिस किया गया। पता चला कि ये ऐप चीन से ऑपरेट की जा रही है। पुलिस के मुताबिक लोगों को पैसे इंवेस्ट कर पैसे कमाने का लालच दिया जा रहा था। साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि जो जितने लोगों को रेफर करेगा, उसे उतना रिटर्न मिलेगा।





अकेले 30 अकाउंट को हैंडल कर रहा था आरोपी





पुलिस ने देखा कि भले ही इनके सर्वर चीन में हो, लेकिन कुछ लोग भारत में बैठकर ये सारा खेल खेल रहे हैं, जिसके बाद पुलिस ने पश्चिम बंगाल और दिल्ली एनसीआर में भी कई जगह रेड की। पश्चिम बंगाल से पुलिस ने रोबिन अली नाम के शख्श को दबोचा, जो अकेले 30 अकाउंट को हैंडल कर रहा था। उसके बाद उसके 10 अन्य साथियों को पकड़ा गया, जिसमें हर एक का अलग रोल था।





DCP ने दी जानकारी





DCP अनेश रॉय का कहना है कि पूछताछ के दौरान रोबिन ने पुलिस को बताया कि वे लोग इन ऐप के जरिए तकनीक के नाम पर पैसे कमाने का लालच लोगों को दे रहे थे। कभी बताया जाता कि उनका स्टार्टअप है, पैसा इंवेस्ट करने पर अच्छा रिटर्न मिलेगा। एक बार एक शख्श इस ऐप को ज्वॉइन करता था, तो उसे और मेंबर्स बनाने का लालच दिया जाता था, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सके. कोई भी शख्स इसमे महज 300 रुपये देकर जुड़ सकता था, लेकिन कई लोगों ने इसमें लाखो रुपये भी इंवेस्ट किए हैं। ज्वॉइन करने के बाद इनको 10 परसेंट का रिटर्न आता था। इसकी वजह से लालच में आकर लोग ज्यादा से ज्यादा रकम लगाया करते थे, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि पैसे केवल मोबाइल ऐप में ही नजर आते थे, एकाउंट में नहीं।





मोदी सरकार का चीन पर डिजिटल स्ट्राइक, 43 Mobile APP बैन





DCP का कहना है कि जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये पैसे शैल कंपनीज के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था। साथ ही पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील कर देश से बाहर भेजा जाता था। ये शेल कंपनियां और अकाउंट भी फर्जी तरीके से बनाई गई, जिसमें मदद मिली 2 चार्टेड अकाउंटेंट की। पुलिस ने दोनों चार्टेड अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया है।





97 लाख रुपये बरामद





पुलिस का कहना है कि चीन में बैठे इस पूरे प्लान के मास्टरमाइंड अपने लिए ठगी का धंधा चलाने वालों को टेलीग्राम और यूट्यूब के माध्यम से तलाशते थे। पुलिस का मानना है कि अब तक करीब 50 लाख लोग इन ऐप को डाउनलोड कर चुके है, जिसमें से अभी तक 5 लाख लोगों का पता चला है, जो ठगी का शिकार हुए हैं। अभी तक कि जांच में पुलिस को 150 करोड़ रुपये की ठगी का पता चला है, लेकिन अंदेशा है कि ये आंकड़ा 250 करोड़ रुपये तक जा सकता है। पुलिस ने 97 लाख रुपये बरामद किए है. पुलिस का कहना है कि चीन में बैठे इन ठगों पर करवाई के लिए जो प्रॉपर चैनल होगा उसे अपनाया जाएगा।





कर्ज के बदले बना रहे मौत का जाल





आज कल तुरंत लोन देने जैसी कई सारे मोबाइल एप (Mobile app) और ऑनलाइन स्कीम (Online scheme) चल रही है, जिसमें दावा किया जाता है कि वे अपने कस्टमर (Customer) को तुरंत और जितना जल्दी हो सके लोग दिलाते है, लेकिन यही जल्दबाजी में लिया गया लोन (Loan App Crime) कई लोगों की मौत की वजह भी बन रही है।





एप से धोखाधड़ी





दरअसल भारत में लोन एप से धोखाधड़ी और बेइज्जत होने के बाद आत्महत्या के कई मामले सामने आ चुके हैं। इनमें चीनी नागरिकों की संलिप्तता सामने आई है। लोन एप फ्रॉड को लेकर हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) ने कुछ दिन पहले एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया था। जांच-पड़ताल में पता चला है कि तकरीबन 21 हजार करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था। इतनी बड़ी संख्या में ट्रांजेक्शन पेमेंट गेटवे और इन कंपनियों से जुड़े अकाउंट्स के जरिये हुए , जिस चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था उसका नाम झू वेई (Zhu Wei) है। चीन भागने के दौरान उसे दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) से गिरफ्तार किया गया था।


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