बलौदाबाजार कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो इसके लिए लगातार कृषि विभाग द्वारा जिले के विभिन्न सोसायटी और निजी कृषि दुकानों का लगातार निरीक्षण कर स्टॉक मिलान किया जा रहा है। इसी कड़ी में उप संचालक कृषि संत राम पैकरा ने नेतृत्व में कृषि विभाग की टीम ने पलारी और बलौदाबाजार विकासखण्ड के विभिन्न सहकारी समिति और निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया गया।
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निरीक्षण के दौरान पलारी विकासखंड के अंतर्गत सहकारी समिति अमेरा में उर्वरकों के स्टॉक में अनियमितता पाई गई। समिति के POS मशीन में उपलब्ध स्कंध 325.91 मैट्रिक टन के खिलाफ भौतिक रूप से सिर्फ 132.21मैट्रिक टन उर्वरक ही पाया गया। कुल 193.70 मैट्रिक टन उर्वरक कृषकों को बिना POS मशीन के ही बेच दिया गया है। जिसका समायोजन समिति द्वारा किया जाना है।
कारण बताओ नोटिस जारी
इस संबंध में समिति प्रबंधक दुष्यंत कुमार साहू को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी प्रकार सिमगा विकासखंड में उर्वरक निरीक्षक सह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अखिलेश दत्त दुबे द्वारा निजी उर्वरक विक्रय केंद्रों और सहकारी समितियों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 18 सहकारी समितियों में अनियमितता पाये जाने पर सभी प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
उर्वरक विक्रय केंद्रों में उपलब्ध स्कंध का सत्यापन
उन्होंने बताया कि सहकारी समिति विश्रामपुर में पीओएस मशीन में उपलब्ध स्कंध 269.579 मैट्रिक टन के खिलाफ भौतिक रूप से 24.03 मैट्रिक टन और सहकारी समिति पौसरी में 27.05 मैट्रिक टन उर्वरक के खिलाफ भौतिक रूप से 0.1 मैट्रिक टन उर्वरक पाया गया। जिन्हें की जवाब-तलब किया गया है। जिले में इसी प्रकार अन्य विकासखंडों में भी उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा समस्त निजी और सहकारी उर्वरक विक्रय केंद्रों में उपलब्ध स्कंध का सत्यापन किया जा रहा है।
जल्द ही समायोजन करने के निर्देश
वहीं अनियमितता पाये जाने पर कलेक्टर के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। विक्रेताओं को नियमानुसार POS मशीन, बायोमेट्रिक से ही उर्वरक विक्रय करने की समझाइश दी जा रही है। जो भी उर्वरक बिना POS के ही विक्रय किया गया है। उसका जल्द ही समायोजन करने के निर्देश दिया गया है। जिससे जिले को आगामी खरीफ के लिए मांग मुताबिक उर्वरक उपलब्ध हो सकें। गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार समस्त उर्वरक विक्रेताओं को DBT (उर्वरक) योजनान्तर्गत पॉस मशीन, बायोमेट्रिक,कंप्यूटर और मोबाइल एपलीकेशन में प्रयोग कर उर्वरक विक्रय करने के निर्देश पूर्व में दिए गए हैं।