रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज उनके निवास कार्यालय में सिलगेर आंदोलन के संबंध में जनसंगठनों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री बघेल के साथ उन्होंने इस आंदोलन से जुडे़ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मण्डल को बताया की सिलगेर घटना की दण्डाधिकारी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की विकास से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये राज्य सरकार तत्पर है, उन्होंने जनसंगठनों से आगे आकर राज्य सरकार के साथ विकास के काम में सहयोग करने की अपील की। प्रतिनिधि मण्डल ने यह मांग रखी कि सिलगेर गांव का एक प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री बघेल से मिलना चाहता है। मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग पर सहमति व्यक्त की ।
प्रतिनिधि मण्डल में मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, छत्तीसगढ़ बचाव आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला, छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और ट्रेड यूनियन संगठन एक्टू के महासचिव बिजेन्द्र तिवारी शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार रूचिर गर्ग, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, विशेष पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा उपस्थित थे।
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ये था मामला
बीजापुर और सुकमा की सीमा पर सिलगेर गांव में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का नया कैम्प बन रहा है। स्थानीय आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं। कई सप्ताह से उन्होंने कैम्प स्थल के बाहर धरना दिया हुआ है। 13 मई को घेराव और प्रदर्शन के बीच पुलिस ने गोली चला दी। इसमें 3 आदिवासियों की मौत हो गई और करीब 18 लोग घायल हुए। पुलिस का कहना था, प्रदर्शनकारियों की आड़ में नक्सलियों ने कैम्प पर हमला किया था। जवाबी हमले में तीन लोग मारे गए। आदिवासी तीनों शवों को वहीं रखकर प्रदर्शन करते रहे। बाद में अफसरों ने जाकर हस्तक्षेप किया। दंडाधिकारी जांच का आदेश हुआ उसके बाद शवों का अंतिम संस्कार हो सका।