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राजनांदगांव सड़क हादसे में 4 महिला मजदूरों की मौत, 11 घायल


देश में सड़क दुर्घटना (Road accident increased in india) लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की है, जहां के डोंगरगांव ब्लॉक के अर्जुनी से रातापायली जा रही गाड़ी पेड़ से टकरा गई। हादसे में 4 महिला मजदूरों की मौत हो गई। वहीं ड्राइवर समेत 11 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। गाड़ी में 16 मजदूर सवार थे।





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टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मालवाहक वाहन के परखच्चे उड़ गए। एक्सीडेंट में एक महिला की मौके पर और 3 महिलाओं की अस्पताल जाते हुए रास्ते में मौत हो गई। घायल मजदूरों को डोंगरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां उनका प्राथमिक उपचार कर राजनांदगांव रेफर कर दिया गया। फिलहाल सभी का इलाज जारी है।





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पूरी घटना गुरुवार 10 जून की है, जहां एक प्राइवेट कंपनी में बारदाना सिलाई का काम करने वाली महिला मजदूरों को वाहन से वापस छोड़ा जा रहा था। इसी बीच गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वाहन की गति काफी तेज थी, जिसके कारण ड्राइवर अपना नियंत्रण खो बैठा और गाड़ी एक पेड़ से टकराते हुए दूसरे पेड़ में जा घुसी। उसमें सवार महिला मजदूर लगभग 50 मीटर दूर तक जा गिरी। जिसके बाद घटनास्थल पर अफरातफरी मच गई।





ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग





पुलिस को तत्काल सूचित किया गया। घायलों को जैसे-तैसे पुलिस वाहन सहित अन्य वाहनों से डोंगरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जिसमें अति गंभीर मरीजों को राजनांदगांव रेफर कर दिया गया, उसमें से दो महिला मजदूरों को गंभीर अवस्था में रायपुर रेफर किया गया है। इस दर्दनाक सड़क दुर्घटना में महिला मजदूरों की मौत के बाद से ग्रामीणों के बीच मातम पसर गया है। उन्होंने ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि उसे पहले भी तेज गति के लिए कई बार चेताया गया था, लेकिन वो नहीं माना और उसका खामियाजा महिला मजदूरों को भुगतना पड़ा।





आरोपी चालक के खिलाफ अपराध दर्ज





मृतकों में सरोज बाई ( 50 वर्ष), शिवकुमारी साहू (40 वर्ष), जंत्रीबाई (53 वर्ष) और सुमित्रा ठाकुर (53 वर्ष) शामिल है। लॉकडउन के दौरान आम जनता के लिए प्रशासन और पुलिस ने काफी सख्ती बरती है। आए दिन गाइडलाइन के नियमों का पालन नहीं करने वालों से चालान वसूला जाता है, लेकिन बड़ी और नामी कंपनी के मजदूरों को मालवाहक सहित अन्य वाहनों में जानवरों की तरह ढोया जाता है। जिन पर कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। फिलहाल इस घटना में डोंगरगांव पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।





साढ़े चार लाख सड़क हादसे





बता दें कि भारत में दुनिया के एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़कों पर वाहन दुर्घटनाओं के चलते विश्वभर में होने वाली मौतों में 11 प्रतिशत मौत भारत में होती हैं। विश्वबैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। भारत में सालाना करीब साढ़े चार लाख सड़क हादसे होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है।





सड़क हादसों से हर चार मिनट में एक मौत





रिपोर्ट के मुताबिक ‘सड़क हादसों में हताहत होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11 प्रतिशत है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और हर 4 मिनट में एक मौत होती है।’





रक्षा मंत्री ने जताई चिंता





वहीं आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सड़क हादसों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने सीमा सड़क संगठन BRO) के मुख्यालय में कहा कि यह आश्चर्य का विषय है कि हमारे देश में दुनिया के कुल 3% से भी कम वाहन हैं, पर दुर्घटनाएं 11% के करीब होती हैं। हर साल लगभग साढ़े चार-पांच लाख दुर्घटनाएं और डेढ़ लाख दुर्भाग्यपूर्ण मौतें होती हैं।






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