Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

महिला-बाल विकास विभाग: सुपरवाइजरों का निलंबन एकपक्षीय, यूनियन लीडर का बयान


महासमुंद के महिला-बाल विकास विभाग में अधिकारियों के बीच टकराव की भेंट दो महिला पर्यवेक्षक चढ़ी हैं। मामले में विभाग के संचालक द्वारा दो पर्यवेक्षकों का निलंबन के निर्देश को एक पक्षीय कार्यवाही करार दिया जा रहा है ।





पर्यवेक्षक संघ के छत्तीसगढ़ प्रांतीय प्रवक्ता विद्याभूषण दुबे ने बयान जारी कर सवाल उठाया है कि यदि दोनों पर्यवेक्षक प्रथम दृष्टि में दोषी थे, तो निलंबन की कार्यवाही जिला कार्यक्रम अधिकारी अथवा जिला महिला बाल विकास अधिकारी के द्वारा पहले ही क्यों नहीं की गई ?





आनन -फानन में निलंबित किया जाना न्यायोचित नहीं है। दोनों पर्यवेक्षकों को इस मामले में अपना पक्ष रखने का अवसर क्यों नहीं दिया गया ? गुणवत्ताहीन रेडी टू ईट वितरण के लिए संबंधित क्षेत्र के सीडीपीओ की भूमिका क्या थी?





पर्यवेक्षकों का निलंबन उचित है या अनुचित साफ-साफ शब्दों में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले को स्पष्ट करना चाहिए।





शासन के नियमों के अनुसार रेडी टू ईट सैंपल जांच की जिम्मेदारी पर्यवेक्षक कि नहीं अपितु सीडीपीओ की है। तब किस आधार पर सुपरवाइजर को बलि का बकरा बनाया गया है।





समय-समय पर संचालनालय से जो अधिकारी इस अवधि में महासमुंद गए हैं। उन्होंने अपने निरीक्षण में क्या कमी देखी, यह भी स्पष्ट होना चाहिए ।





उन्होंने मांग की है कि दोनों पर्यवेक्षक का निलंबन तत्काल वापस लिया जाए और उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.