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प्रदेश में ब्लैक फंगस से हुई तीसरी मौत, बिलासपुर में मिले 3 नए मरीज


छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हफ्तेभर के अंदर इस फंगस ने 3 लोगों की जान ले ली है। दुर्ग में हुई पहली मौत के बाद 16 मई को दूसरी मौत महासमुंद में हुई है। वहीं इससे तीसरी मौत फिर दुर्ग जिले में दर्ज की गई है। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में बी लक्ष्मी का इलाज चल रहा था। महिला कोरोना से रिकवर हो चुकी थी। 4 मई को महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुकी थी। प्लेटलेट्स कम होने की वजह से उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया गया।





BIG NEWS : छत्तीसगढ़ के इस जिले में हुई ब्लैक फंगस से दूसरी मौत, रहे सावधान





भिलाई सेक्टर-1 निवासी एक युवक की ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस (Mucus Mycosis disease) से मौत हो गई थी। ब्लैक फंगस से छत्तीसगढ़ में मौत का पहला मामला था। सेक्टर 1 का निवासी वी श्रीनिवास राव कोरोना को मात देने के बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आया था। ब्लैक फंगस की रिपोर्ट आने पर युवक को 11 मई को सेक्टर 9 स्थित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सक अनुसंधान केंद्र में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया।





ब्लैक फंगस से संक्रमित 3 नए मरीजों की पहचान, बिलासपुर CIMS में भर्ती





बिलासपुर में 3 नए मरीज मिले





बिलासपुर के सिम्स में 2 महिलाओं सहित 3 मरीजों को भर्ती किया गया है। इसमें दो मरीजों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। तीनों ही कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे। इसके बाद उन्हें दिक्कत शुरू हुई। ब्लैक फंगस को लेकर शासन के निर्देश पर प्रशासन अलर्ट पर है। ब्लैक फंगस से प्रभावित मरीजों की पहचान की जा रही है। बताया जा रहा है कि सोमवार को तीन नए मरीजों को सिम्स लाया गया है। इसमें रतनपुर की 40 वर्षीय महिला, गौरेला पेंड्रा जिले की 35 वर्षीय महिला और जांजगीर अकलतरा का 50 वर्षीय पुरुष शामिल है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक 50 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं।





क्या है ब्लैक फंगस





ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाइयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। अगर व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अंदर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे, जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है। अगर इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।





ब्लैक फंगस के लक्षण





बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाइयां ले रहे व्यक्ति को या ICU में ज्यादा समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है। बीमारी के लक्षणों में आंख, नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना ब्लैक फंगस का लक्षण है।





ब्लैक फंगस से बचने के उपाय





इसी तरह चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाकध्तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़िला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना भी लक्षण है। धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रख कर ब्लैक फंगस से बचा जा सकता है।


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