महासमुन्द। सामाजिक समरसता बिगाड़ने के आरोप में कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इस मामले को लेकर साहू समाज लामबंद हो गया था। सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने सामाजिक-राजनीतिक बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद घटना के पांचवें दिन आज बागबाहरा थाना में जुर्म दर्ज किया गया।
वार्ड नं. 05 गणेशपारा बागबाहरा निवासी प्रेम साहू ने पुलिस में कराये गए एफआईआर में बताया है कि वह नगर साहू (तेली) समाज बागबाहरा का अध्यक्ष हैं। दिनांक 17.05.2021 को वाट्सअप ग्रुप "बागबाहरा एक्सप्रेस" में अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित बागबाहरा ने दोपहर 03:54 बजे अपने मोबाईल नम्बर 9926644470 से एक वीडियो अपलोड किया। जिसमें एक व्यक्ति द्वारा तेली समाज के व्यक्तियों एवं महिलाओं के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। जिससे तेली समाज की भावनायें आहत हुई। अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित बागबाहरा के द्वारा किये गये उक्त कृत्य से समाज के विभिन्न वर्गो के मध्य शत्रुता एवं घृणा पैदा हो सकती है। जिस संबंध में जिला साहू संघ महासमुंद एवं समस्त साहू सामाज के प्रतिनिधि के तौर पर एक लिखित आवेदन पेश किया गया।
यह है शिकायत पत्र में
व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट वीडियो से साहू समाज (तेली समाज) की भवनाएं आहत हुई है। विडियो में दिखाये जाने वाले व्यक्ति के द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुये साहू समाज वर्ग और खास कर समाज के महिलाओं की भावनाओं को आहत किया गया है। उपरोक्त पोस्ट के संदर्भ में पोस्टकर्ता अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित वागबाहरा को ग्रुप के माध्यम से व अन्य माध्यम से भी उक्त पोस्ट (विडियो) को डिलीट करने व उक्त संबंध में अपना स्पष्टीकरण देते हुए माफी मांगने आग्रह किया गया था। किन्तु पोस्टकर्ता अंकित द्वारा उपरोक्त सभी अनुरोध की अवहेलना करते हुए किसी भी प्रकार स्वयमेव से कोई भी कार्यवाही नही की गई। जिससे यह स्पष्ट होता है कि उपरोक्त पोस्टकर्ता के द्वारा जानबूझकर एवं सोच समझ कर समाज (जाति) विशेष के भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से पोस्ट किया गया है। जिसके संदर्भ में आवश्यक जांच कर कार्यवाही किया जाना उचित होगा। कार्यवाही नही किये जाने की स्थिति में समाज द्वारा अपने स्तर पर उपरोक्त व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही हेतु ठोस कदम उठाये जाने हेतु बाध्य होना पड़ेगा। पुलिस ने धारा 505 (2) के तहत जुर्म दर्ज किया है।
यह है कानूनी प्रावधान
धारा 505(2): विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि, परिचालित करना। न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर तीन वर्ष कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह अपराध गैर-जमानती तथा संज्ञेय है। आक्रोशित साहू समाज के लोगों द्वारा तत्काल गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।