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अधिकारी के अनशन पर गरमाई राजनीति, कलेक्टर ने जारी किया बयान


महासमुंद। महिला बाल विकास विभाग जिला अधिकारी के अनशन से राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के तहत हितग्राहियों को सामग्री वितरण में गड़बड़ी व रेडी टू इट वितरण में खराब व निम्न स्तर के सामग्री वितरण कार्य मे कथित अनियमितता पाये जाने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे व्यथित महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले द्वारा अपने निजी निवास में अनशन पर बैठे हैं। जिसका भाजपा नेताओं ने वहाँ पहुँचकर समर्थन किया। पूर्व राज्यमंत्री पूनम चन्द्राकर,नपाध्यक्ष प्रकाश
चन्द्राकर,पूर्व जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह गोल्डी,भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य संतोष वर्मा ने बोदले से मुलाक़ात कर मामले की विस्तार से जानकारी ली। ज्ञात हो कि महिला बाल विकास विभाग में हुए अनियमितता को लेकर अधिकारी बोदले द्वारा शासन के उच्चाधिकारियों को अनेकों पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन आज पर्यन्त तक दोषियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई । वर्ष 2020-21 में वितरण सामग्री ब्रांडेड की जगह लोकल सामग्री वितरण किया गया था। जिसकी जांच करने पर करीब 20 लाख रुपये की अनियमितता सामने आई थीं।





नेता प्रतिपक्ष को दी जानकारी





भाजपा नेता व नपाध्यक्ष प्रकाश चन्द्राकर ने कहा है कि महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा अपने ही विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ अनशन करना इस सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को दर्शाता है। जांच पश्चात दोषी कर्मचारियों के खिलाफ आज पर्यन्त तक कार्यवाही नहीं होना सरकार की ओर से संरक्षण को दर्शाता है। चन्द्राकर ने कहा कि सुधाकर बोदले के इस गांधीगिरी को वे अपना समर्थन देते हैं और जब तक दोषियों पर उचित कार्यवाही नहीं होती वे इस अधिकारी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं। पश्चात श्री चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक से दूरभाष पर उक्त मामले की विस्तार से जानकारी दी।





किसी भी क़ीमत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : कलेक्टर





    महासमुन्द कलेक्टर डोमन सिंह ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि सुधाकर बोदले,जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद द्वारा द्वारा जो शिकायतें भ्रष्टाचार के संबंध में की गई है ।उसमें शासन स्तर पर जांच चल रही है। इस पर जिला स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी। किसी प्रकार के भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान का यह मामला दिखाई पड़ता है। किसी भी तरह की शिकायत आने पर चाहे वह आम जनता से प्राप्त हुई हो या किसी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी से सभी शिकायतों की संबंधित विभागों के द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाती है। श्री बोदले संबंधी शिकायत की जाँच भी राज्य और प्रशासन  स्तर पर चल रही है। 




अनशन को बताया गलत कदम





जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा द्वारा जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद सुधाकर बोदले, द्वारा आज रविवार से अनशन एवं सत्याग्रह को ग़लत बताते हुए कहा कि श्री बोदले विभागीय अधिकारियों द्वारा जारी आदेश/निर्देश का पालन कभी भी नहीं किया। हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों का उल्लंघन करते रहे है। ​ सुधाकर द्वारा प्रतिकूल व्यवहार किया जा रहा है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। इस प्रकार उनके द्वारा शासन की छवि खराब की जा रही है एवं शासकीय कार्योें में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है।





धारा 144 का उल्लंघन





जिले में कोविड पैनडेमिक अंतर्गत धारा 144 लागू है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेष/शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अनशन एवं सत्याग्रह हेतु प्रतिबंधित करता है। मनोज सिन्हा ने स्पष्ट किया कि जब से जिले में उनकी पदस्थापना जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के पद पर हुआ है। तभी से सुधाकर बोदले जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद को समस्या हो रही है। पूर्व में श्री बोदले जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के प्रभार में पदस्थ थे। इसलिए सुधाकर बोदले समय-समय पर कोई न कोई समस्या उत्पन्न कर मनोज सिंहा की छवि खराब करने का प्रयत्न करते रहे हैं। सुधाकर वर्तमान वरिष्ठ अधिकारी मनोज सिंहा एवं कनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति द्वेषपूर्ण व्यवहार करते है।
पूर्व पदस्थ जिला बस्तर एवं सुकमा में भी उनके द्वारा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस प्रकार की कार्य कर समस्या उत्पन्न करते रहे है। वहां भी उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध खराब रहे है एवं शासकीय आदेशों/उच्च अधिकारियों के आदेशों का अवहेलना करते रहे है।





राज्य स्तर से की जा रही जांच





​ सुधाकर द्वारा की गई शिकायत की जांच राज्य स्तर से की जा रही है। 15 मई को राज्य स्तरीय दल जांच हेतु महासमुंद ब्लॉक में आया था। जिसमें रेडी टू ईट फूड की गुणवत्ता एवं प्रदाय संबंधी जांच की गई। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत शासकीय नियमों का पालन करते हुए गुणवत्तायुक्त सामग्री का वितरण किया गया है।
​जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिंहा द्वारा जारी आदेश/निर्देश का पालन कभी भी सुधाकर के द्वारा नहीं किया गया। हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों का उल्लंघन करते रहे है।​श्री सुधाकर द्वारा प्रतिकूल व्यवहार किया जा रहा है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। इस प्रकार उनके द्वारा शासन की छवि खराब की जा रही है एवं शासकीय कार्योें में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जिले में कोविड पैनडेमिक अंतर्गत धारा 144 लागू है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेष/शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अनशन एवं सत्याग्रह हेतु प्रतिबंधित करता है।


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