महासमुन्द। सामाजिक समरसता बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा को न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। बीस हजार रुपये के सक्षम जमानत पेश करने पर रिहा करने का आदेश न्यायालय ने दिया है। गौरतलब है कि आज सुबह अंकित बागबाहरा ने बागबाहरा थाना पहुँचकर आत्म समर्पण किया। बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक मजिस्ट्रेट गीता बृज के न्यायालय में पेश किया। जहां आरोपी अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित बागबाहरा की ओर से अधिवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने पैरवी की।
न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार मीडिया के माध्यम से मांफी मांगने, राजनीतिक व्यक्ति होने से फरार होने की संभावना नहीं होने और राजनीतिक प्रतिद्वंदितावश फंसाये जाने जैसी दलीलें जमानत अर्जी में पेश की गई। जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने की हिदायत और बीस हजार रुपये का जमानत-मुचलका पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया। पश्चात जमानत पेश करने पर रिहा कर दिया गया है। पुलिस द्वारा कोर्ट में चालान पेश किए जाने पर मामले की सुनवाई प्रारंभ होगी।
अपराध प्रमाणित होने पर तीन साल तक की सजा
भादवि की धारा 505(2): विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि, परिचालित करना इस धारा के तहत दंडनीय अपराध है। न्यायालय में दोष सिद्ध पाए जाने पर तीन वर्ष का कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।