महासमुन्द में आयोजित वर्चुअल प्रेसवार्ता में भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर, जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस टीका पर नहीं टिप्पणियों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है। कोरोना काल में कांग्रेस का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है। जब प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिये कार्य कर रहे हैं तो कांग्रेस हमेशा देश के स्वाभिमान को कमजोर करने का कार्य किया है। देश में नए संसद भवन का निर्माण राष्ट्र गौरव का कार्य है। इस दिशा में मजबूत संकल्प लिया गया है। इस पर भी कांग्रेस राजनिति से नही चुकना चाहती है। कांग्रेस को बताना चाहिये संसद का विरोध कर रही है तो प्रदेश में विधानसभा भवन का निर्माण किसलिये करवा रही है।
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उन्होंने कहा है कि जब पूरा देश इस एकजुटता के कोरोना को परास्त करने जुटा है। जब कांग्रेस केवल इस मुद्दों पर गैर वाजिब सवाल उठाकर देश का ध्यान भटकाना चाहती है। वैश्विक स्तर पर कोरोना से लड़ने हम जितना सफल हो रहे है। दुनियां के अन्य देश के लिये सशक्त उदाहरण है।
कोरोना से लड़ने के लिये टीका इस समय महात्वपूर्ण अस्त्र है ,लेकिन इस पर कांग्रेस की प्राथमिकता में टीकाकरण नहीं बल्कि उस पर टिप्पणी जरूरी है। प्रदेश में समय रहते टीकाकरण प्रांरभ कर दिया जाता तो जो परेशानियां वर्तमान हो रही है। वह नही होती है और प्रदेश में जनमानस की सुरक्षा में अहम कदम होता। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस की सरकार को इसकी जरा भी चिंता कभी नही रही है।
इस महामारी काल में अंत्योदय की चिंता हमारे हमेशा लक्ष्य में रहा है और रहेगा। कोरोना के विस्तार के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा सबकी चिंता की है। सबके लिए अन्न योजना चला रहे हैं। अंत्योदय चिंता करते देश की 80 करोड़ जनता को इस काल में राशन सुलभ करवा रहे है।
प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय का आदेश का अनुपालन ही कर रही है। सर्वहित और सर्व समाज के लिये टीकाकरण नीति बनाया जाये। लेकिन प्रदेश की सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये जुटी है। उसे कभी प्रदेश के जनता की चिंता नही रही है। जरा भी चिंता होती तो टीकाकरण के लिये आवश्यक कार्रवाई जरूर करती।
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मौत के आंकड़े छुपाए जा रहे
शहरों के गांव के स्तर पर कोरोना की भयावह तस्वीर देखने को मिल रही है। उपचार के अभाव में लगातार लोगों की मौते हो रही है। प्रदेश की सरकार को जरा भी इसकी चिंता नही है। समय रहते उपाचार नही मिलने की स्थिति कहीं और चिंताजनक न हो जाये इसकी चिंता करने की जरूरत है। लेकिन प्रदेश की सरकार में अपसी संवाद नहीं बजाय विवाद अधिक है। गांवों के स्तर को कोई सुविधा नही है। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को चुकाना पड़ रहा है।
प्रदेश में कोरोना के जांच के नाम पर केवल औपचारिकता ही हो रही है। कोरोना की जांच सही समय पर नही हो रही है। व समय पर रिर्पोट नही मिलने पर कोरोना के विस्तार का अंदेशा बना रहता है। जिसकी जरा भी चिंता नही है। कोरोना का वास्तविक स्थिति पर पर्दा डाला जा रहा है। मौत के अंकड़े भी छिपाये जा रहे हैं।
विपक्ष से संवाद नहीं करना चाहते
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश मे मजबूत विपक्ष सरकार से संवाद करना चाहता है तो प्रदेश की सरकार इससे बचना चाहती है। हम प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखकर सुझाव देना चाहते है। लेकिन प्रदेश की सरकार विर्चुअल बैठक करने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता ऑनलाईन शराब बेचना अधिक है। जनता की जरा भी चिंता होती तो शराब के बजाय दवा सुलभ करने की दिशा में कार्य करती। पूरे प्रदेश में इस कोरोना काल के बाद भी अवैध तरीके से शराब बिक रही है। जिस पर अंकुश लगाने के बजाये उसे प्रोत्सहित करने प्रदेश की सरकार जुटी है। नशे के कारोबारियों का यह एक प्रमुख केन्द्र बन गया है। इन सब पर इस गैरजिम्मेदाराना सरकार की कोई चिंता नही है।
इस प्रदेश में कोरोना काल में कई अधिकारियों व कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना सेवा कार्य के दौरान हुई है। इन लोगों के परिजनों को तत्काल सारे नियमों को शिथिल करते हुए अनुकंपा नियुक्ती दी जानी चाहिये।