महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जानकारी के मुताबिक अब तक 14 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं। गढ़चिरौली के एटापल्ली में जंगली इलाके में महाराष्ट्र पुलिस की सी-60 यूनिट और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है।
पुलिस और नक्सलियों के बीच के मुठभेड़, 2 महिला नक्सली सहित 5 नक्सली ढेर
बता दें कि गढ़चिरौली जिले में देर रात हुई मुठभेड़ में 14 नक्सली ढेर हो गए हैं। वहीं 6 नक्सलियों का शव बरामद कर लिया है। अभी भी सी -60 कमांडोज और नक्सलियों के बीच रुक-रुक के फायरिंग जारी है। पाटिल के मुताबिक 6 नक्सलियों के शव महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर स्थित गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली के कटीमा के जंगल से बरामद हुए हैं। गढ़चिरौली के DIG संदीप पाटिल ने इसकी पुष्टि की है।
अब तक 14 नक्सलियों की मौत
एटापल्ली के जंगली इलाके में चले पुलिस अभियान में कम से कम 14 नक्सली मारे जा चुके हैं। इससे पहले 13 मई को नक्सल विरोधी अभियान में 2 नक्सली मारे गए थे। धनोरा तालुक के मोर्चुल गांव के पास जंगली इलाके में पिछले हफ्ते मुठभेड़ हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि मोर्चुल के जंगलों में 25 नक्सली जमा हैं।
नक्सलियों ने रॉकेट लॉन्चर से की पुलिस थाने को उड़ाने की कोशिश, रहे नाकाम
वहीं नक्सलियों ने बीते महीने गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली तालुका के गुट्टा पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका था। विस्फोट नहीं होने के कारण हादसा टल गया। हालांकि, नक्सलियों द्वारा थाने को उड़ाने की कोशिश को एक बड़ी घटना माना जा रहा था। माना जा रहा है कि इसी के बाद सी-60 कमांडोज ने यह कार्रवाई की है। इससे पहले टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (TCOC) के लिए जुटे नक्सलियों के साथ गढ़चिरौली पुलिस की 29 मार्च को मुठभेड़ हुई थी। इसमें कुख्यात नक्सली रुसी राव सहित पांच नक्सली ढेर हो गए थे। इस एनकाउंटर के विरोध में नक्सलियों ने 12 अप्रैल को गढ़चिरौली बंद बुलाया था। 12 अप्रैल को कई जगह नक्सलियों ने रोड कंस्ट्रक्शन में लगी मशीनों को आग लगा कर अपना विरोध जताया था।
नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।
नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।
छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रही नक्सल घटनाएं, IED ब्लास्ट में ITBP का एक जवान फिर शहीद
इससे पहले 3 मई 2019 को घात लगाकार बैठे 100 से ज्यादा नक्सलियों ने एक ऐसा ही हमला किया था। गढ़चिरौली में हुए आईईडी ब्लास्ट में 15 QRT जवान शहीद हो गए थे। इस दुर्दांत हमले के पीछे उत्तरी गढ़चिरौली के सीपीआई (माओवादी) का कमांडर भास्कर हमले का मास्टर माइंड बताया गया था।
बौखलाए नक्सली लगातार दे रहे वारदात को अंजाम
पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं और IED ब्लास्ट कर पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।