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पहाड़ी कोरबा ट्रिपल मर्डर केस: राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात


लेमरू क्षेत्र के तीन पहाड़ी कोरवाओं की हत्या (Pahari Korba Triple Murder Case) से पीड़ित परिवार से छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के दल ने मुलाकात की। उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान के नेतृत्व में सदस्य नितिन पोटाई, सचिव एच. के. सिंह उईके के दल ने पीड़ित परिवार से घटना की पूरी जानकारी ली और इस संबंध में परिवार के सदस्यों सहित प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से तथ्यों के बारे में पूछा।





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आयोग के सदस्यों ने इस दुखद हत्याकांड पर प्रशासन की तरफ से अबतक की गई कार्रवाई की भी सिलसिलेवार जानकारी ली। इस दौरान राज्य जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान ने पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और सभी ने तीनों मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की कामना की। आयोग के सदस्यों ने पीड़ित परिवार को संबल प्रदान करते हुए कहा कि इस दुःख की घड़ी में पूरा शासन-प्रशासन उनके साथ है।





कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कार्रवाई





इस घटना क्रम को अंजाम देने वाले आरोपियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें इस घिनौने कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। दीवान के नेतृत्व में राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के दल ने पीड़ित परिवार को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दी जाने वाली सहायता की 50 प्रतिशत राशि चार लाख 12 हजार 500 रूपए का धनादेश भी सौंपा।





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परिवार को शेष राशि पुलिस द्वारा न्यायालय में चालान पेश करने के बाद दी जाएगी। इस दौरान एसडीएम आशीष देवांगन, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संतोष कुमार वाहने, नायब तहसीलदार सोनू अग्रवाल, जनपद पंचायत के सीईओ जी. के. मिश्रा, पुलिस अधिकारी एस. एस. पटेल, सहायक अनुसंधान अधिकारी एस. के. भुवाल, संदीप नेताम, जयसिंह राज, पम्मी दीवान, सरपंच बंधन सिंह कंवर, उप सरपंच परमेश्वर सिंह और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन भी मौजूद रहे।





25 हजार रूपए की तात्कालिक सहायता





राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से प्रशासन द्वारा घटना के बाद अब तक की गई सहायता की जानकारी ली। परिवार के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन द्वारा राशन आदि के साथ 25 हजार रूपए की तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। दीवान ने परिवार से खेतीहर भूमि, आजीविका के बारे में भी पूछा। उन्होंने पीड़ित परिवार के पांचवी पास बेटे को आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित नजदीकी आश्रम या छात्रावास में योग्यता अनुसार काम पर नियोजित करने की अनुशंसा मौके पर की।





सौर सुजला योजना के तहत नलकूप खनन





दीवान और आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने पीड़ित परिवार को वनाधिकार मान्यता पत्र से मिली ढाई एकड़ खेतीहर भूमि पर सौर सुजला योजना के तहत नलकूप खनन कराकर सौर ऊर्जा चलित पंप स्थापित करने की अनुशंसा मौके पर ही की ताकि पीड़ित परिवार को खेती के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही आयोग के सदस्यों ने पहाड़ी कोरवा बस्ती बरपानी में प्रकाश व्यवस्था के लिए सौर ऊर्जा चलित लाईट पोस्ट भी लगाने की अनुशंसा की।





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उपाध्यक्ष और सदस्य ने बरपानी पारा में घरों तक पहुंचने के लिए खेतों से अस्थाई पहुंच मार्ग भी बनाने की अनुशंसा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को की। आयोग की उपाध्यक्ष ने सभी अनुशंसाओं पर 31 मार्च तक अमल करते हुए कार्य पूरे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए और पीड़ित परिवार की सहायता के लिए किए गए कार्यों की जानकारी भी आयोग को प्राथमिकता से भेजने को कहा।





महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम





आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने कहा कि अधिकांश पहाड़ी कोरवा दूसरे लोगों के घरों या खेतों में रोजी करके अपना जीवन-यापन करते हैं। पहाड़ी कोरवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें आजीविका के स्थाई साधन उपलब्ध कराने से भी ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। पोटाई ने कहा कि बरपानी में दूर-दूर घर बनाकर रहने वाले पहाड़ी कोरवाओं को आसानी से अपने घरों तक पहुंचने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत काम स्वीकृत कर अस्थाई पहुंच मार्ग बनाने का काम कराया जाए।





सौर ऊर्जा चलित नलकूप





उन्होंने घरों के पास ही पहले से ही बनी डबरी का गहरीकरण कराकर उसे पहाड़ी कोरवाओं को मछली पालन के लिए भी आबंटित करने की अनुशंसा की। इसके साथ ही आयोग के सदस्यों ने पहाड़ी कोरवाओं को वन अधिकार पट्टे से मिली जमीनों को समूह बनाकर फेंसिंग कराकर और सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा चलित नलकूप कराकर आजीविका का स्थाई साधन भी उपलब्ध कराने की अनुशंसा की।


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