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आत्मसमर्पण के 3 दिन बाद महिला नक्सली ने की खुदकुशी, उठ रहे कई सवाल


लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्मसमर्पण करने वाली CNN सदस्य पांडे कावासी ने खुदकुशी (female surrendered naxalite committed suicide) कर ली है। बता दें कि 19 फरवरी को सरेंडर करने के बाद उसे कारली शांतिकुंज में रखा गया था। मंगलवार देर शाम खबर मिली कि पांडे कावासी ने बाथरूम में लटक कर जान दे दी है।





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बता दें कि पांडे कावासी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। इस दौरान कावासी ने कहा था कि उसने नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर करने का फैसला लिया है।





SP ने की पुष्टि





दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान के तहत 19 फरवरी को सीएनएन सदस्य पांडे कावासी ने सरेंडर किया था। उसे कारली शांतिकुंज में रखा गया था। मंगलवार देर शाम खबर मिली कि पांडे कावासी ने बाथरूम में चुन्नी से लटक कर आत्महत्या (surrendered naxalite committed suicide) कर ली है। खबर लगते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद उसकी डेड बॉडी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। एसपी अभिषेक पल्लव ने इसकी पुष्टि की है।





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SP अभिषेक पल्लव ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर जाकर देखा गया। वह बाथरूम में चुन्नी से लटकती नजर आई। आत्महत्या का कारण अभी पता नहीं चला है।अभी कुछ कह पाना मुमकिन नहीं है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।





परिवार ने किया शव लेने से इनकार





सरेंडर महिला नक्सली पांडे कवासी के आत्महत्या मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने सवाल उठाए हैं। इस मामले में पांडे कवासी के परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने पुलिस से शव लेने से इनकार कर दिया है।





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वहीं महिला नक्सली के सुसाइड का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। फिलहाल पुलिस उसके आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। महिला नक्सली पांडे कवासी ने 19 फरवरी को अन्य इनामी नक्सली साथियों के साथ लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर किया था। आत्मसमर्पण करने के बाद से पांडे कवासी डीआरजी कार्यालय के महिला विश्राम कक्ष में अन्य महिला नक्सली जोगी कवासी के साथ रह रही थी। इस दौरान दो महिला पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात थीं।





पांच अन्य ने भी किया था सरेंडर





बता दें कि 19 फरवरी को महिला नक्सली पांडे कवासी के साथ ही पांच अन्य साथियों के ने भी सरेंडर किया था। इधर इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई। सर्व आदिवासी समाज ने पुलिस से शव लेने से इनकार कर दिया है।





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मंगलवार दोपहर बाद पांडे कवासी नहाने चली गई। इसकी जानकारी उसने जोगी कवासी और अन्य दो महिला पुलिस कर्मियों को दी थी। जब लगभग 20 मिनट बाद भी पांडे कवासी बाथरूम से बाहर नहीं निकली, तब जोगी कवासी और अन्य दो महिला आरक्षकों ने दरवाजे को धक्का देकर खोला। वहां उन्होंने देखा कि पाण्डे कवासी ने खिड़की के सहारे गमछे से फांसी लगा ली है।





परिजन करवाना चाहते थे शादी





बताया जा रहा है कि महिला नक्सली पांडे कवासी के परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी थी। जिसकी वजह से वह तनाव में थी और शायद तनाव में आकर उसने ऐसा कदम उठाया होगा। अभी आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।





सर्व आदिवासी समाज ने लगाए कई आरोप





आत्मसमर्पित महिला नक्सली की आत्महत्या को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। सर्व आदिवासी समाज पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। बस्तर संभाग से सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों का कहना है कि पांडे कवासी ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है। परिवार के लोगों को उससे मिलने भी नहीं दिया गया।





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इधर एसपी अभिषेक पल्लव के मुताबिक आत्मसमर्पित महिला नक्सली ने परिजनों ने दवाब के चलते फांसी लगा ली। परिवार वाले उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन उसकी शादी करवाना चाहते थे। जिसके चलते उसने ये कदम उठाया।





पुलिस पर उठ रहे कई सवाल





सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी ने आत्मसमर्पित महिला नक्सली पांडे कवासी की आत्महत्या पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। सोढ़ी ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पुलिस अभिरक्षा में कैसे कोई आत्महत्या कर सकता है।





आत्मसमर्पित नक्सली के पिता की नक्सलियों ने की हत्या





दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पित नक्सली के पिता को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया है। जोगा ने लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्मसमर्पण किया था। मंगलवार देर रात कटेकल्याण एरिया में जोगा के पिता लखमा कवासी की नक्सलियों ने हत्या कर दी।





नक्सलियों ने दिया वारदात को अंजाम





आत्मसमर्पित नक्सली जोगा लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ चुका था। उसके पिता लखमा कवासी की तेजधार हथियार से नक्सलियों ने हत्या कर दी। खबर मिलते ही एसपी अभिषेक पल्लव ने डीआरजी की एक टीम को कटेकल्याण बड़े गादम के लिए रवाना किया। पुलिस लखमा कवासी की डेड बॉडी को रिकवर करने के लिए पहुंची थी, लेकिन पहले ही नक्सलियों ने लखमा कवासी का अंतिम संस्कार कर दिया था।





पिता का अंतिम दर्शन नहीं कर पाया बेटा





जोगा अपने पिता के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाया। मृतक लखमा कवासी की पत्नी और प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने बयान पुलिस के समक्ष दर्ज कराए हैं। घटना की पुष्टि एसपी अभिषेक पल्लव ने की है।





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पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं।


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