वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज भारत का आम बजट(Union Budget 2021) पेश किया। संसद में हंगामे के बीच देश का बजट पेश किया। कोरोना महामारी के संकट के बीच देश को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में कई उपायों को घोषणा की। स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि से जुड़ी कई तरह के फैसलों से जुड़ा बजट आज देश के सामने रखा गया। आज पेश हुए बजट की एक मुख्य बात ये भी रही की पहली बार बजट पेपरलेस पेश किया गया।
पेट्रोल-डीजल(Union Budget 2021)
वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाने की घोषणा की है, लेकिन उपभोक्ताओं को इस उपकर के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क में कटौती का भी फैसला किया है। इसके अलावा एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदने पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा। इस कटौती की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होगी जिसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक होगा।
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सिनियर सिटिजेन(Union Budget 2021)
सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से राहत भी दी है। 75 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिनकी आमदनी का स्रोत सिर्फ पेंशन और ब्याज आय है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।
किफायती आवास(Union Budget 2021)
सस्ते मकानों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने आवास ऋण के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया है।
बीमा क्षेत्र
बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा/भुगतान के बाद ही बनेगी।
स्टार्टअप को बढ़ावा
स्टार्ट-अप के लिए कर अवकाश या छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है।
टैक्स
बजट में आयकर के पुन: आकलन के लिये तीन साल कर दिया गया है। अब तक छह साल पुराने मामलों को दुबारा खोला जा सकता था, यदि किसी साल में 50 लाख रुपये या इससे अधिक की अघोषित आय के सबूत मिलते हैं, तो उस मामले में 10 साल तक तक भी पुन: आकलन किया जा सकता है।
सर्राफा, शराब, कोयला और सेब से लेकर दाल तक कृषि उत्पादों पर मंगलवार यानी कल से सीमा शुल्क पर एक नया कृषि संरचना एवं विकास उपकर लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य
बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान के वित्तपोषण और देश में स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने पर 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया। सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। सीतारमण ने कहा, 'इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को काफी बढ़ाया गया है।'
उद्योग
बजट में सूती, रेशम, मक्का छिलका, चुनिंदा रत्नों व आभूषणों, वाहनों के विशिष्ट कल-पुर्जों, स्क्रू व नट आदि पर सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं।
इलेक्ट्रॉनिक
इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रिंटेड सर्किट बोर्ड एसेंबली, वायर व केबल, सोलर इनवर्टर और सोलर लैंप पर भी सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं।
सोना-चांदी
नेफ्था, लौह व इस्पात कबाड़, विमानों के कल-पुर्जे तथा सोना-चांदी पर सीमा शुल्क कम किया गया है।