Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label budget 2021. Show all posts
Showing posts with label budget 2021. Show all posts

सरकार बेच रही LIC की हिस्सेदारी, क्या पॉलिसीधारकों पर होगा कुछ असर ?

No comments Document Thumbnail

दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) 'जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी'। LIC (LIC Update) अभी चर्चे में बना हुआ है। बाजार में चर्चा है कि सरकार हिस्सेदारी बेचने वाली है। इस खबर के बाद से इसके पॉलिसीधारकों में चिंता बढ़ जाती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए साल 2021-22 में विनिवेश के जरिये पौने दो लाख करोड़ (1.75 लाख करोड़) रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत एलआईसी की कुछ हिस्सेदारी बेचने का भी ऐलान किया गया है।





पिछले साल ही सरकार ने एलआईसी, बीपीसीएल, एयर इंडिया जैसी कंपनियों के विनिवेश का ऐलान किया था, लेकिन कोरोना संकट की वजह से ये योजनाएं परवान नहीं चढ़ पाईं। पिछले साल सरकार ने विनिवेश से 2.4 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन जुटा करीब 20 हजार करोड़ रुपया ही। अब वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 की पहली छमाही में एलआईसी का आईपीओ लाने का ऐलान किया है।





Read More- दसवीं फेल होकर शुरू की नौकरी, अब करोड़पति किसान हैं आनंदराम





दरअसल, आज के दौर में आपको गांव-गांव में एलआईसी के एजेंट मिल जाएंगे। लोग एलआईसी को निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया मानते हैं। ऐसे में पॉलिसीधारकों में चिंता बढ़ जाती है। हालांकि जानकार बताते हैं कि सरकार की इस पहल से पॉलिसीधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।





भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर के.वी. सुब्रमण्यम ने पिछले साल यह संकेत दिया था कि एलआईसी की 6 से 7 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर सरकार 90 हजार करोड़ रुपये के आसपास जुटा सकती है। इसके आधार पर एलआईसी का वैल्यूएशन 13 से 15 लाख करोड़ रुपये का होता है और यह वैल्यूएशन के मामले में रिलायंस को चुनौती दे सकती है।





एलआईसी ((LIC Update)) में हिस्सेदारी बेचने के पीछे सरकार का तर्क है कि सूचीबद्धता से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़ता है। इसमें काफी हद तक सच्चाई है। अगर सरकार 6-7 फीसदी की हिस्सेदारी बेचती है तो इससे कंपनी के प्रबंधन या स्वामित्व पर किसी दूसरे का नियंत्रण नहीं होगा। लेकिन इससे पारदर्श‍िता बढ़ जाएगी।


जानिए बजट में क्या है सस्ता और क्या है महंगा

No comments Document Thumbnail

आम बजट 2021-22(Union Budget Updates) में सरकार ने स्वास्थ्य पर अपने खर्च को बढ़ाया है। इस खर्च की भरपाई के लिए बहुत से उत्पादों पर सीमाशुल्क में कमी और बढ़ोतरी की गई है। बहुत सी वस्तुओं पर एग्री इन्फ्रा सेस भी लगाया है जो 2 फरवरी 2021 से ही लागू हो रहा है।





ये भी पढ़ें- आसान शब्दों में समझें आम बजट 2021






ये हुआ महंगा(Union Budget Updates)





शराब पीना महंगा





सरकार ने घोषणा की है कि नया एग्री इन्फ्रा डेवलपमेंट सेस 2 फरवरी से ही लागू हो जाएगा। इस हिसाब से शराब पीना भी महंगा हो सकता है। बजट में एल्कोहॉलिक बेवरेज पर 100 प्रतिशत एग्री इन्फ्रा सेस लगाया है।





पेट्रोल-डीजल महंगे





बजट में पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है। ऐसे में इनकी कीमत 2 फरवरी से ही बढ़ने की संभावना है।





सेब, खाद, चमड़ा महंगा





सरकार ने चमड़ा पर सीमाशुल्क को 10% कर दिया है। यह पहले शून्य था, वहीं सेब पर 35% और खाद पर 5% का एग्री इन्फ्रा सेस लगाया है।





मोबाइल, रेफ्रिजरेटर, चार्जर महंगे





बजट में मोबाइल से जुड़े विभिन्न कलपुर्जों पर सीमाशुल्क को शून्य से बढ़ाकर 2.5% किया गया है। वहीं प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, चार्जर निर्माण के उपकरण, लीथियम आयन बैटरी, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशन के कंप्रेसर, एलईडी बल्ब, सोलर इल्वर्टर, सोलर लालटेन पर भी सीमाशुल्क में बढ़ोत्तरी हुई है।





ये हुआ सस्ता(Union Budget Updates)





खाने के तेल पर महंगाई का असर नहीं





सरकार ने कच्चे पाम तेल पर 17.5% एग्री इन्फ्रा सेस, कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर 20% का सेस लगाया है। लेकिन ग्राहकों पर इससे कीमतों का अतिरिक्त भार ना पड़े इसके लिए इन पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) में कटौती की गई है।





सस्ता हो सकता है सोना-चांदी





बजट में सोने और चांदी पर उत्पाद शुल्क दरों में कटौती की गई है। इसे 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है। वहीं सोने-चांदी के बिस्कुटों पर भी सीमाशुल्क घटाया गया है। ऐसे में सोने चांदी के सस्ते होने की संभावना है। सरकार ने इसी के साथ सोने और चांदी पर 2.5 प्रतिशत का एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है। इससे तत्काल आधार पर सोने-चांदी की कीमतें बढ़ने की संभावना है। इसी के साथ रत्न और नग इत्यादि पर भी सीमाशुल्क को बढ़ाकर 15% किया गया है।





सस्ते हो सकते हैं वाहन





सरकार ने बजट में चुनिंदा ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी 7.5% और 10% से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी है। वहीं नट-बोल्ट्स पर भी सीमाशुल्क को 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है। इससे वाहनों के महंगे होने की संभावना कम ही है। सरकार ने स्टील सेक्टर के लिए कस्टम ड्यूटी को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही वाहन स्क्रैप पॉलिसी भी घोषित की है जिससे वाहनों की कीमत घट सकती है।





सूती कपड़े महंगे, सिंथेटिक सस्ते





बजट प्रावधान लागू होने के बाद आपका कपड़े खरीदने का शौक महंगा हो सकता है। सरकार ने कपास पर सीमाशुल्क को शून्य से बढ़ाकर 5% और कच्चे रेशम पर 10% से 15% कर दिया है। हालांकि नायलॉन के धागे पर उत्पाद शुल्क 7.5% से घटकर 5% रह गया है।


आसान शब्दों में समझें आम बजट 2021

No comments Document Thumbnail

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज भारत का आम बजट(Union Budget 2021) पेश किया। संसद में हंगामे के बीच देश का बजट पेश किया। कोरोना महामारी के संकट के बीच देश को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में कई उपायों को घोषणा की। स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि से जुड़ी कई तरह के फैसलों से जुड़ा बजट आज देश के सामने रखा गया। आज पेश हुए बजट की एक मुख्य बात ये भी रही की पहली बार बजट पेपरलेस पेश किया गया।





पेट्रोल-डीजल(Union Budget 2021)





वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाने की घोषणा की है, लेकिन उपभोक्ताओं को इस उपकर के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क में कटौती का भी फैसला किया है। इसके अलावा एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदने पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा। इस कटौती की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होगी जिसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक होगा।





ऑपरेशन मुक्ति : दो वाहनों से 110 किलो गांजा बरामद, 37 लाख की संपत्ति जब्त





सिनियर सिटिजेन(Union Budget 2021)





सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से राहत भी दी है। 75 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिनकी आमदनी का स्रोत सिर्फ पेंशन और ब्याज आय है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।





किफायती आवास(Union Budget 2021)





सस्ते मकानों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने आवास ऋण के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया है।





बीमा क्षेत्र






बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा/भुगतान के बाद ही बनेगी।





स्टार्टअप को बढ़ावा





स्टार्ट-अप के लिए कर अवकाश या छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है।





टैक्स





बजट में आयकर के पुन: आकलन के लिये तीन साल कर दिया गया है। अब तक छह साल पुराने मामलों को दुबारा खोला जा सकता था, यदि किसी साल में 50 लाख रुपये या इससे अधिक की अघोषित आय के सबूत मिलते हैं, तो उस मामले में 10 साल तक तक भी पुन: आकलन किया जा सकता है।
सर्राफा, शराब, कोयला और सेब से लेकर दाल तक कृषि उत्पादों पर मंगलवार यानी कल से सीमा शुल्क पर एक नया कृषि संरचना एवं विकास उपकर लगाया जाएगा।





स्वास्थ्य





बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान के वित्तपोषण और देश में स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने पर 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया। सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। सीतारमण ने कहा, 'इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को काफी बढ़ाया गया है।'





उद्योग






बजट में सूती, रेशम, मक्का छिलका, चुनिंदा रत्नों व आभूषणों, वाहनों के विशिष्ट कल-पुर्जों, स्क्रू व नट आदि पर सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं।





इलेक्ट्रॉनिक





इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रिंटेड सर्किट बोर्ड एसेंबली, वायर व केबल, सोलर इनवर्टर और सोलर लैंप पर भी सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं।





सोना-चांदी





नेफ्था, लौह व इस्पात कबाड़, विमानों के कल-पुर्जे तथा सोना-चांदी पर सीमा शुल्क कम किया गया है।


Budget 2021: आज पेश होगा आम बजट, कोरोना काल में लिए जा सकते हैं कई अहम फैसले

No comments Document Thumbnail

संसद का अभी बजट (budget 2021) सत्र चल रहा है। इसके तहत एक फरवरी यानी आज देश का आम बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस दौरान देश की जनता को सरकार की ओर से बजट में कई अहम ऐलान किए जाने की उम्मीद है। कोरोना वायरस के कारण बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस बजट में कई अहम ऐलान किए जा सकते हैं।





बजट से उम्मीद(Budget 2021)





वहीं सूत्र ने बताया कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण 15 फरवरी के बजाए 13 फरवरी को संपन्न हो सकता है। इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें महामारी से पीड़ित आम आदमी को राहत दी जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और रक्षा पर अधिक खर्च के माध्यम से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिए जाने की भी उम्मीद की जा रही है।





यह भी पढ़ें: बजट: कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठा सकती है केंद्र सरकार





एक अंतरिम बजट (budget 2021) समेत मोदी सरकार का यह नौवां बजट होने वाला है। यह बजट ऐसे समय पेश हो रहा है, जब देश कोविड-19 संकट से बाहर निकल रहा है। इसमें व्यापक रूप से रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर खर्च को बढ़ाने, विकास योजनाओं के लिए उदार आवंटन, औसत करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने और विदेशी कर को आकर्षित करने के लिए नियमों को आसान किए जाने की उम्मीद की जा रही है।





अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत





वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था और लाल कपड़े में लिपटे ‘बही-खाते’ के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था। वहीं उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।









अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट कोरोना महामारी की वजह से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत होगा। उनका यह भी कहना है कि इस बजट को महज बही-खाते या लेखा-जोखा या पुरानी योजनाओं को नए कलेवर में पेश करने से अलग हटकर होना चाहिए।









अभी बड़े स्तर पर अर्थशास्त्रियों की आम राय है कि वित्त वर्ष 2020-21 (budget 2021) में देश की अर्थव्यवस्था में सात से आठ प्रतिशत की गिरावट आने वाली है। यदि ऐसा होता है तो यह विकासशील देशों के बीच सबसे खराब प्रदर्शन में से एक होगा।





टीकाकरण कार्यक्रम में क्रमिक प्रगति





सरकार को अर्थव्यवस्था को गर्त से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। अब जबकि महामारी कम संक्रामक होने के लक्षण दिखा रही है और टीकाकरण कार्यक्रम में एक क्रमिक प्रगति हो रही है, यह एक बेहतर भविष्य की आशा को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में एक स्थायी आर्थिक पुनरुद्धार के लिए नीतिगत उत्प्रेरक की आवश्यकता होगी। यहीं पर यह बजट विशेष प्रासंगिक हो जाता है।





आज पेश होगा आम बजट (Budget 2021 Update)





सत्रहवीं लोकसभा का पांचवां सत्र 29 जनवरी से शुरू हो चुका है और सत्र का समापन 8 अप्रैल को होने की संभावना है। सदन के शुरू होने से पहले राष्ट्रपति भी सुबह 11 बजे संसद के दोनों को एक साथ संबोधित करेंगे। वहीं केंद्रीय बजट आज सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा।


बजट: कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठा सकती है केंद्र सरकार

No comments Document Thumbnail

वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट (Budget 2021 Update) की तैयारियां पूरी हो चुकी है, जिसके तहत कल यानी 1 फरवरी 2021 को आम बजट पेश किया जाएगा। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट(Education Sector Budget) पेश करेंगी।





यह भी पढ़ें: बजट 2021 में लग सकता है कोरोना वैक्सीन टैक्स





वहीं कोरोना के कारण इस बार आम बजट 2021 (Budget 2021 Update) में कई अहम ऐलान भी किए जा सकते हैं। कोरोना संकट के कारण कई क्षेत्रों पर इसका असर देखने को मिला है। हालांकि शिक्षा के क्षेत्र में कोरोना का असर काफी ज्यादा रहा है। कोरोना के कारण कई महीनों तक स्कूल-कॉलेज को बंद रखा गया और अभी भी कई जगहों पर स्कूल-कॉलेज या तो बंद हैं या पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे हैं।





यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ राज्य बजट में हो सकता है कुछ नया, चाइल्ड बजट पर भी फोकस





कोरोना काल के बाद इस बार के बजट (Budget 2021 Update) में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई अहम ऐलान देखने को मिल सकते हैं। कोरोना के कारण ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में बूस्ट देखने को मिला है। साथ ही सरकार भी अब ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा सकती है। सरकार इस बार के बजट में शिक्षा के क्षेत्र पर काफी फोकस करती हुई दिखाई दे सकती है।





शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपग्रेड करने की जरूरत(Education Sector Budget)





एजुकेशन सेक्टर के विशेषज्ञों को इस बार उम्मीद है कि बजट में शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपग्रेड करने की जरूरत है। साथ ही ऑफलाइन शिक्षा प्रणाली को भी मजबूत किए जाने की दरकार है ताकि स्कूल और कॉलेज का अस्तित्व भी बना रह सके। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी को सस्ता बनाया जाए, ताकि यह हर किसी को यह आसानी से उपलब्ध हो सके।





यह भी पढ़ें: बड़ी उपल्ब्धि : टाटा ट्रस्ट की प्रतिष्ठित इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ का देशभर में दूसरा स्थान





विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को एडवांस्ड लर्निंग और कोर्सेज को लागू करना चाहिए। साथ ही ई-लर्निंग के लिए छात्रों को आसानी से सस्ती दरों पर डिवाइसेज मुहैया करवाने की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए। बढ़िया इंटरनेट की भी इसमें अहम भूमिका होगी। वहीं ऑनलाइन शिक्षा में किसी भी प्रकार के तकनीकी दिक्कतों को खत्म करना चाहिए।





नई शिक्षा नीति का ऐलान





केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति का ऐलान कर चुकी है और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय भी कर चुकी है। इसके अलावा कोरोना महामारी ने भी सरकार का ध्यान शिक्षा के क्षेत्र पर खींचा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस बार एजुकेशन सेक्टर, स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए बजट में कुछ खास ऐलान कर सकती है।





एक फरवरी को पेश होगा आम बजट (Budget 2021 Update)





सत्रहवीं लोकसभा का पांचवां सत्र 29 जनवरी से शुरू हो चुका है और सत्र का समापन 8 अप्रैल को होने की संभावना है। सदन के शुरू होने से पहले राष्ट्रपति भी सुबह 11 बजे संसद के दोनों को एक साथ संबोधित करेंगे। वहीं केंद्रीय बजट एक फरवरी को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.