Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

अब किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए जरूरी नहीं होगी कोरोना जांच रिपोर्ट


रायपुर : सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में इलाज करवाने के लिए अब कोरोना जांच रिपोर्ट (Corona Test report) जरूरी नहीं है। मेडिसिन, ईएनटी, डेंटल और नेत्र विभाग सहित कोई सी भी बीमारी या तकलीफ होने पर सीधे इलाज करवाने जा सकते हैं। कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के बाद सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना की रिपोर्ट दिखाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।





केवल किसी तरह का ऑपरेशन (Operations) होने पर सर्जरी (surgery) के पहले कोरोना रिपोर्ट दिखाना जरूरी है। कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही ऑपरेशन किए जाएंगे। राजधानी में 18 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिलने के बाद सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज के पहले कोरोना की रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया था।





मरीजों की बढ़ गई थी परेशानी(Corona Test report)





सामान्य क्लीनिक से लेकर बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों तक में कोरोना की जांच रिपोर्ट के बिना मरीज को एंट्री नहीं दी जा रही थी। कई प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिक तो बंद कर दिए गए थे, जिन्होंने क्लीनिक खोलकर रखा था, वे भी बड़ी ऐहतियात बरत रहे थे और मरीजों से कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट मांग रहे थे। ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ गई थी।





मरीज भी अस्पताल जाने के बजाय घर में तकलीफ सहना बेहतर समझ रहे थे। पिछले दो माह से प्रदेश में दो हजार से कम तथा 10 जनवरी से एक हजार से कम मरीज मिल रहे हैं। राजधानी में भी 200 से कम व पिछले 5 दिनों से 100 से कम नए मरीज मिल रहे हैं।





कोविड जांच रिपोर्ट दिखाने का सिस्टम हटा(Corona Test report)





केस कम होने के कारण सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड की जांच रिपोर्ट दिखाने का सिस्टम हटा दिया है। इतना ही नहीं अंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों के लिए बेड भी बढ़ाया जा रहा है।





जब कोरोना के मरीज ज्यादा संख्या में मिल रहे थे। तब कई निजी अस्पतालों में मरीज के साथ एक या किसी अटेंडेंट को प्रवेश करने की मनाही थी। जिन अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं हुआ, वहां भी मरीजों से कोरोना रिपोर्ट मांगी जा रही थी। ऐसे में मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही थी।





निजी अस्पतालों में रूटीन सर्जरी शुरू





कोरोना काल में रूटीन सर्जरी पूरी तरह बंद थी। सरकारी व निजी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी में सर्जरी की जा रही थी। अब अंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में रूटीन सर्जरी शुरू कर दी गई है। सबसे पहले वेटिंग वाले मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। इससे मरीजों को राहत मिली है। कई मरीज रूटीन में सर्जरी के लिए फोन करते थे, लेकिन उन्हें मना कर दिया जाता था। मोतियाबिंद ऑपरेशन भी बंद था, जो शुरू कर दिया गया है।





दांत की सड़न ने किया परेशान: कोरोना के पीक समय में दांत के मरीजों को खासी दिक्कत उठानी पड़ी। डॉ. अरविंद जैन के अनुसार दांत के मरीजों की जांच के समय डाक्टरों का सीधा कांटेक्ट रहता है। इसलिए सावधानी जरूरी थी। पहले सारे डॉक्टर कोरोना रिपोर्ट मांग रहे थे जो अब नहीं मांग रहे।





प्रदेश में दिनों-दिन बढ़ रहा क्राइम, मामूली विवाद को लेकर युवक पर चाकू से हमला





मोतियाबिंद के मरीज वेटिंग में: सरकारी सहित निजी अस्पतालों में मोतियाबिंद के मरीजों की सर्जरी अनिश्चतकाल के लिए टाल दी गई थी। डॉ. अनिल गुप्ता के मुताबिक पहले एहतियातन सारे आई स्पेशलिस्ट कोरोना रिपोर्ट मांग रहे थे, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं है।





ओपीडी सेवा पूरी तरह से शुरू





नाक, कान, गले के मरीज भटके: डॉ. सुनील रामनानी ने बताया कि कोरोना का खौफ इतना ज्यादा था कि दांत और आंखों के साथ-साथ ईएनटी के डाक्टरों ने भी अपनी ओपीडी लगभग बंद कर दी थी। लेकिन अब कोरोना के मरीज कम हो गए हैं। इसलिए सभी ईएनटी स्पेशलिस्ट ने तय कर लिया कि कोरोना रिपोर्ट की जरूरत नहीं।





“कोरोना के मरीज कम हो गए हैं। इसलिए रूटीन सर्जरी भी शुरू कर दी गई है। सबसे पहले वेटिंग वाले मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। सर्जरी के पहले कोरोना की जांच कराई जा रही है।”
-डॉ. विष्णु दत्त, डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज






Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.