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नाकामी छिपाने राज्य सरकार ने केंद्र को दी झूठी जानकारी : सांसद चुन्नीलाल साहू


महासमुंद, सांसद चुन्नीलाल साहू ( MP chunnilal sahu news) ने मुख्यमंत्री के उस बयान को झूठा बताया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने खरीफ की धान खरीदी लक्ष्य को पूरा कर लिया है। उनका कहना है कि वनभूमि में खेती करने वाले किसानों ने अभी तक धान नहीं बेचा है तो लक्ष्य पूरा कैसे हो जाएगा। सांसद का आरोप है कि खरीदी की नियत अंतिम तारीख नज़दीक आते ही राज्य सरकार ने ढोंग रचना शुरू कर दिया है। दरअसल, सरकार किसानों का पूरा धान खरीदने में नाकाम रही है, इसीलिए लक्ष्य पूरा होने का झूठा आंकडा देकर किसानों को उनके हाल पर छोड़ रही है।





वन अधिकार पट्टाधारी किसानों का नहीं जारी किया गया टोकन






सांसद साहू का कहना है कि अभी तक वन अधिकार पट्टाधारी किसानों के धान को खरीदने के लिए राज्य सरकार ने कोई उचित प्रबंध नहीं किया। खरीदी केंद्रों से ऐसे पट्टाधारी किसानों को टोकन ही जारी नहीं किया जा रहा है, यह उन किसानों की गाढ़ी मेहनत पर डाका जैसा व्यवहार है। सरकार जब ऐसे किसानों का धान खरीदने टोकन जारी नहीं कर रही है, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि आखिर वे अपनी उपज कहां और कैसे समर्थन मूल्य में बेचेंगे।





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सांसद साहू (MP chunnilal sahu news) ने महासमुंद कलेक्टर के साथ राज्य के खाद्य सचिव को अवगत कराया है कि आंदोलन के समय किसानों और वन अधिकार पट्टाधारी लोगों के साथ किए गए वादे से कांग्रेस की सरकार मुकर रही है।





सभी किसानों का धान खरीदे सरकार





सांसद साहू ने राज्य सरकार से कहा है कि धान खरीदी में कांग्रेस भेदभाव को छोड़कर सभी किसानों का धान खरीदे, आखिर उन किसानों ने भी खेतों में पसीना बहाकर फसल उपजाया है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से वन अधिकार पट्टाधारी किसानों की फसल को समर्थन मूल्य में खरीदने के लिए टोकन जारी करे ताकि उन मेहनतकश लोगों के साथ न्याय हो सके।





सांसद चुन्नीलाल साहू ने बताया कि-केंद्र सरकार को भेजी गई जानकारी में राज्य सरकार ने महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के तीनों जिलों (महासमुंद, गरियाबंद और धमतरी) से 20 फरवरी की स्थिति में मात्र 722 लोगों को प्रवासी मजदूर बताया, लेकिन 22 जून को सार्वजनिक हुई जानकारी के अनुसार अकेले महासमुंद जिले में 60 हजार 560 प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन किया गया है।





कांग्रेस दे रही झूठी जानकारी





सांसद चुन्नीलाल साहू ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र को झूठी जानकारी दी, इसलिए राज्य के जिले पीएम गरीब कल्याण योजना के पहले चरण में शामिल नहीं हुआ। राज्य की सरकार वास्तविक स्थिति को केंद्र से नहीं छिपाती तो गरीब और मजदूर परिवारों के लिए शुरू की जा रही योजना में छत्तीसगढ़ के प्रवासी तबके को लाभ से वंचित नहीं होना पड़ता।






अक्सर पानी की कमी के चलते महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के किसानों की फसल सूखे की भेंट चढ़ जाती हैं। क्षेत्र को इस संकट से उबारने के लिए उन्होंने संसद के तीन सत्रों में मगध प्रोजेक्ट यानि महासमुंद, गरियाबंद और धमतरी जिले के विकास के लिए विशेष बजट की मांग रखी। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव के लिए राज्य सरकार से जानकारियां मंगाई कि सूखे के चलते महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से फरवरी 2020 तक कितने लोग अन्य राज्यों में काम करने गए? तो राज्य सरकार ने बताया कि मात्र 722 (जिसमें महासमुंद जिले से 561, गरियाबंद जिले से 161 और धमतरी जिले से निरंक) लोगों ही राज्य के बाहर काम कर रहे हैं।






साहू ने महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के संदर्भ में चर्चा करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि





  • 20 फरवरी 2020 की स्थिति में मात्र 722 प्रवासी मजदूर थे, तो 22 जून 2020 को जारी रिपोर्ट में क्वारेंटाइन होने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या 60 हजार 560 कैसे हो गई।
  • क्या राज्य की सरकार कोविड 19 को अपने निजी बजट में बढ़ोत्तरी का साधन बना रही है। सरकारी आंकड़ों का यह घालमेल जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
  • उन्होंने बताया कि अकेले महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लाक में 14 हजार 215, पिथौरा ब्लाक में 20 हजार 874, बसना से 14 हजार 215, महासमुंद से 6 हजार 625 और सराईपाली जनपद क्षेत्र के गांवों से 5 हजार 215 मजदूर देश के दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटे हैं।
  • मानना है कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों की जानकारी सही-सही उपलब्ध कराती तो देश के छह राज्यों के 116 जिलों की तरह छत्तीसगढ़ के जिले भी गरीब कल्याण योजना में शामिल होते। उन्होंने बताया कि यदि राज्य की सरकार अपनी नाकामी को छिपाने से बचे तो केंद्र सरकार के सामने सारे आंकडे स्पष्ट होंगे और छत्तीसगढ़ के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी।





सांसद साहू (MP chunnilal sahu news) ने राज्य सरकार से कहा है कि अब देश संकट के दौर में है, और उससे देश को निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी राज्यों के लिए एक समान सोच है, वे समवेत विकास चाहते हैं, इसके लिए जानकारी का माध्यम सिर्फ राज्य की सरकार है और गलत जानकारी का नुकसान राज्य की जनता को हो रहा है। जैसे अभी कोरोना काल में राज्य सरकार के दो आंकडे हैं जिसमें वे केंद्र सरकार को बता रहे हैं कि सवा लाख मजदूर प्रवास पर गए हैं और इधर यह भी बता रहे हैं कि दस लाख से अधिक लोगों को क्वारेंटाइन किया जा चुका है। वास्तव में जनता और केंद्र की सरकार को दो आंकडे देकर राज्य की सरकार भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। जिससे उन्हें प्रदेश हित में सतर्क होना चाहिए।


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