रायपुर : खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 20 जनवरी 2021 तक छत्तीसगढ़ में 82 लाख 52 हजार मीट्रिक धान की खरीदी (paddy purchase in Chhattisgarh) की गई है। अब तक राज्य के 19 लाख 26 हजार 181 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है।

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वहीं राज्य के मिलरों को 27 लाख 34 हजार 188 मीट्रिक टन धान का D.O. जारी किया गया है, जिसके तहत मिलरों द्वारा अब तक 24 लाख 98 हजार 969 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है। बता दें कि धान खरीदी का आज 54वां दिन है। छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी (paddy purchase in Chhattisgarh) शुरू हुई थी।
खरीफ वर्ष 2020-21 में 20 जनवरी 2021 तक छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हुई इतनी धान खरीदी (paddy purchase in Chhattisgarh.)
- बस्तर जिले में एक लाख 16 हजार 484 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- बीजापुर जिले में 54 हजार 415 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- दंतेवाड़ा जिले में 13 हजार 75 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- कांकेर जिले में 2 लाख 58 हजार 220 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- कोंडागांव जिले में एक लाख 22 हजार 498 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- नारायणपुर जिले में 16 हजार 833 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- सुकमा जिले में 32 हजार 837 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- बिलासपुर जिले में 4 लाख 23 हजार 670 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 63 हजार 72 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- जांजगीर-चांपा जिले में 7 लाख 61 हजार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- कोरबा जिले में एक लाख 12 हजार 101 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- मुंगेली जिले में 3 लाख 39 हजार 14 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- रायगढ़ जिले में 4 लाख 86 हजार 641 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- बालोद जिले में 4 लाख 87 हजार 800 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- बेमेतरा जिले में 5 लाख 63 हजार 165 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- दुर्ग जिले में 3 लाख 74 हजार 337 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- कवर्धा जिले में 3 लाख 81 हजार 503 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- राजनांदगांव जिले में 6 लाख 87 हजार 980 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- बलौदाबाजार जिले में 5 लाख 85 हजार 820 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- धमतरी जिले में 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी
- गरियाबंद जिले में 2 लाख 88 हजार 901 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- महासमुंद जिले में 6 लाख 12 हजार 990 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- रायपुर जिले में 4 लाख 57 हजार 857 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- बलरामपुर जिले में एक लाख 30 हजार 706 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- जशपुर जिले में 97 हजार 380 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- कोरिया जिले में एक लाख एक हजार 516 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- सरगुजा जिले में एक लाख 30 हजार 468 मीट्रिक टन धान की खरीदी
- सूरजपुर जिले में एक लाख 52 हजार 758 मीट्रिक टन धान की खरीदी
धान खरीदी (paddy purchase in Chhattisgarh) के लिए इस साल 1 लाख 93 हजार से ज्यादा किसानों का हुआ पंजीयन
वहीं खरीदे गए धान के एवज में किसानों को 13 हजार 849 करोड़ रुपए का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है। राज्य में इस साल 1 लाख 93 हजार नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। गिरदावरी के माध्यम से लगभग 2 लाख 52 हजार नए किसानों के 2 लाख 42 हजार हेक्टेयर नए रकबे का पंजीयन धान खरीदी के लिए किया गया।
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गिरदावरी के प्रकरणों में 48 हजार 645 किसानों के रकबे में सुधार का काम भी राज्य में हुआ है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए कुल 21.48 लाख किसानों का पंजीयन किया गया, जो बीते हुए साल पंजीकृत किसान संख्या 19.55 लाख की तुलना में लगभग 1.93 लाख ज्यादा है। राज्य में धान विक्रय के लिए इस साल पंजीकृत कृषकों की संख्या, अब तक की सर्वाधिक पंजीकृत संख्या है।
धान उपार्जन के लिए कुल 27.90 लाख हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए कुल 27.90 लाख हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन किया गया है, जो बीते साल हुए पंजीकृत रकबे 26.86 लाख हेक्टेयर रकबे की तुलना में लगभग 1.04 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। राज्य में धान विक्रय के लिए इस साल पंजीकृत रकबा, अब तक का सर्वाधिक पंजीकृत रकबा है। इस साल फौती, जमीन बिक्री जैसे कारणों से लगभग 56 हजार कृषकों का पंजीयन गिरदावरी कर निरस्त किया गया।

वहीं फौती, जमीन बिक्री जैसे विभिन्न कारणों से निरस्ती की कार्रवाई प्रतिवर्ष होने वाली सामान्य प्रक्रिया है। इसके साथ ही इस साल गिरदावरी के माध्यम से लगभग 2.52 लाख नये किसानों के लगभग 2.42 लाख हेक्टेयर नवीन रकबे का भी पंजीयन किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार अपूर्ण और त्रुटिपूर्ण गिरदावरी के प्रकरणों में अब तक लगभग 48 हजार 645 कृषकों के रकबे में आवश्यक सुधार की कार्रवाई भी की जा चुकी है। इस सुधार के फलस्वरूप अब तक लगभग 29 हजार 611 हेक्टेयर रकबे की बढ़ोतरी हुई है।
89.00 लाख मीट्रिक टन के लिए लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता
खरीफ वर्ष 2020-21 में अनुमानि धान उपार्जन 89.00 लाख मीट्रिक टन के लिए लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता संभावित है। जिसके परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार से 3.5 लाख गठान नये जूट बारदानें अपेक्षित थे। इसके खिलाफ सर्वप्रथम भारत सरकार द्वारा 3 लाख गठान नये जूट बारदानों की आपूर्ति की सहमति दी गई, लेकिन कालांतर में भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को आपूर्ति किए जाने वाले नये जूट बारदानों की आपूर्ति में आधे से ज्यादा मात्रा की कटौती करते हुए, सिर्फ 1.45 लाख गठान जूट बारदानों की आपूर्ति के लिए स्वीकृति दी गई।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वीकृति के अनुकम में पर्याप्त समय पूर्व ही जूट कमिश्नर को इण्डेंट प्रेषित कर अग्रिम राशि अंतरित कर दी गई थी, आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ को सिर्फ 1.09 लाख गठान बारदाने ही जूट कमिश्नर से प्राप्त हुए है। इस प्रकार कटौती उपरांत प्राप्त होने वाले बारदानों में से भी 36 हजार गठान बारदानों की आपूर्ति अब भी शेष है, जिसकी शीघ्र आपूर्ति के लिए जूट कमिश्नर, कोलकाता और भारत सरकार से निरंतर अनुरोध किया जा रहा है। नये जूट बारदानों की आपूर्ति में सम्भावित कमी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा, भारत सरकार से माह जनवरी में 1.10 लाख गठान नये जूट बारदानों की अतिरिक्त आपूर्ति की अनुमति मांगी गई है, जो अब तक अप्राप्त है।
वर्तमान में धान के उठाव के लगभग 10 से 12 हजार गठान मिलर बारदाने प्रति हफ्ते प्राप्त हो रहे है। तो धान खरीदी की शेष अवधि में 10 हजार गठान मिलर बारदाने प्राप्त होने की पूर्ण सम्भावना है। साथ ही लगभग 2 हजार गठान बारदानों की नवीन आपूर्ति होने की भी पूर्ण संभावना है। इसी तरह पीडीएस दुकानों से अतिरिक्त बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह फरवरी 2021 के खाद्यान्न आबंटन का वितरण माह जनवरी में किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है।
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वहीं शेष खरीदी के लिए कुल 40 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता के हिसाब से शतप्रतिशत् बारदानों की आपूर्ति राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त जूट कमिश्नर के माध्यम से लगभग 36 हजार गठान नये जूट बारदाने भी अपेक्षित है। इस व्यवस्था के बावजूद भी जैसे किसी समिति में बारदानों की आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो इस के लिए किसान बारदानों में धान खरीदी की अनुमति भी राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई है। इस प्रकार धान खरीदी के लिए राज्य में बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था है। बारदानों के अभाव के कारण राज्य में कही भी धान की खरीदी बंद नहीं हुई है।