छत्तीसगढ़ में माता कौशिल्य को लेकर राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है। वहीं रायपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थिति चंदखुरी को कौशल्या माता की जन्मस्थली माना जाता है। भूपेश सरकार ने अपने दो साल पूरे होने का जश्न यहीं मनाया था, लेकिन अब प्रदेश की राजनीति चंदुखरी (Chandukhari) पर गरमाई हुई है।

पूर्व मंत्री और कुरुद विधायक अजय चंद्राकर (Kurud MLA Ajay Chandrakar) ने कहा है कि चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर है, उनका जन्मस्थान नहीं। अजय ने कहा कि मां कौशल्या का जन्मस्थान कोसला में है। इस पर मंत्री शिव डहरिया (Minister Shiv Dhariya) ने पलटवार किया है। डहरिया ने कहा कि चंदखुरी माता कौशल्या की नगरी रही है। किसी के कहने से कुछ बदल नहीं जाएगा।
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कुरुद विधायक ने कही ये बात
पूर्व संस्कृति मंत्री और भाजपा नेता अजय चंद्राकर (ajay chandrakar) ने कहा है कि चंदखुरी भगवान राम की मां कौशल्याजी की जन्मस्थली नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार से चंदखुरी के माता कौशल्या के जन्मस्थली होने का प्रमाण भी मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) चाहे तो वे अपनी बात को लेकर प्रमाण उन्हें सौंप सकते हैं। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया (Minister Shiv Dhariya) ने पलटवार किया है। मंत्री ने कहा है कि अजय चंद्राकर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने पहले कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार कर्जमाफी कर देगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन उन्होंने आज तक इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में उन्हें पहले अपना वादा निभा लेना चाहिए।

कांग्रेस को घेरते हुए बीजेपी नेता ने कहा था कि 'मुझे इनकी सोच व जानकारी पर तरस आता है। कांग्रेस माता कौशल्या के नाम पर बेवजह राजनीति कर रही है। कांग्रेस माता कौशल्या संबंधी जानकारी को तोड़ मरोड़कर पेश कर रही है, जो सही नहीं है।' बीजेपी नेता चंद्राकर ने यह भी कहा कि 'अगर मुख्यमंत्री कहेंगे तो मैं इस संबंध की जानकारी, जो मैंने पढ़ी है, उन्हें सौंप दूंगा।'

बहस को दूसरी ओर ले जा रही है कांग्रेस - अजय चंद्राकर
बीजेपी नेता चंद्राकर ने कहा था कि 'जैसे राजस्थान के पुष्कर में ब्रह्माजी का देश का एकमात्र मंदिर है। वैसे माता कौशल्या छत्तीसगढ़ में अत्यंत पूजनीय है। भगवान राम की माता रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ भांजे के पूजा होती है, उनके चरण छुए जाते हैं। हर मौके पर उनकी अहम भूमिका होती है। उसके अस्तित्व का सवाल नहीं है। कांग्रेस बहस दूसरी ओर ले जा रही है।'
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चंद्राकर ने कहा था कि 'मैंने ये कहा कि छत्तीसगढ़ में आज भी जितना लेखन व शोध हुआ है, उसमें कहा गया है माता कौशल्या का जन्म स्थल दूसरा है। कौशल्याजी छत्तीसगढ़ की हैं। कोशला जमींदारी जो बिलासपुर में है उसे उनका जन्म स्थान माना जाता है। दक्षिण कोशल की कौशल्या जी उत्तर कोशल के राजा दशरथ से ब्याही गई थी, ये माना जाता है।'
बीजेपी नेता ने सीएम से मांग प्रमाण
चंद्राकर ने आगे कहा कि कांग्रेस को तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का हक नहीं है। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल से कहा कि कांग्रेस को तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का हक कहां से मिल गया। कांग्रेस जो बोले वो सही और जो छत्तीसगढ़ के लोगों ने आज तक लिखा, शोध किया वो सब गलत। ये तो नई बात हो गई।
राम वन गमन पथ परियोजना में शामिल है चदंखुरी
बता दें कि चदंखुरी राम वन गमन पथ परियोजना में शामिल है. इसके तहत चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण और परिसर विकास का कार्य दो चरणों में कार्य पूरा किया जाना है. पहले चरण में 6 करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में 9 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च होंगे. योजना के मुताबिक चंदखुरी को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जाना है. प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है।

मां कौशल्या की गोद में बैठे भगवान रामलला
चंदखुरी भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मस्थली मानी जाती है। यह जगह रायपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी में स्थित है। जहां करीब 126 तालाब वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच प्राचीन द्वीप पर यह मंदिर बना है. यहां भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है और भगवान राम उनकी गोद में विराजमान हैं।