गुरुवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपने शासन का 2 साल पूरा किया। इसके साथ ही भूपेश सरकार ने चंदखुरी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया था। चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर बनने जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राम वन गमन पथ को विकसित करने के लिए बाइक रैली का भी आयोजन किया था। इस बीच देर रात अचानक केंद्रीय पर्यटन मंत्री एवं राज्य संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल अचानक रायपुर पहुंचे। प्रहलाद पटेल बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक माने जाते हैं। उन्हें एयरपोर्ट पर देर रात बीजेपी के नेता लेने पहुंचे।
राम वन गमन पथ की ली जानकारी
केंद्रीय मंत्री का इस तरह छत्तीसगढ़ प्रवास पर अचानक आने से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि राम वन गमन पथ केंद्र के प्रोजेक्ट के भीतर शामिल किया जा सकता है। शुरू से ही बीजेपी राम के नाम से जनता के बीच पहुंच रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ दोबार काबिज होने के लिए बीजेपी राम का सहारा ले सकती है। इस वक्त कांग्रेस राम वन गमन पथ को करोड़ों रूपये की लागत से विकसित कर रहा है। बता दें कि राम वन गमन पथ का आधा हिस्सा मध्यप्रदेश में भी है। ऐसे में इस तरह प्रहलाद पटेल का छत्तीसगढ़ आना केंद्र के किसी नए योजना की ओर इशारा कर रहा है।
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मंत्रियों से मिले प्रहलाद पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने गृह और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से मुलाकात की। इस दौरान 'राम वन गमन पथ' पर उन्होंने लंबी चर्चा की। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय मंत्री को राम वन गमन पथ के बारे में विस्तार से बताया। प्रहलाद पटेल ने कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने की बधाई भी दी।
संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से मांगी मदद
मंत्री अमरजीत भगत ने पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में खुलने वाली संभावनाओं की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ की लोक-कला, संस्कृति व पर्यटन को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए कुछ महत्वपुर्ण बिंदुओं पर केंद्रीय मंत्री पटेल से चर्चा भी की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के द्वारा पहल किए जाने का अनुरोध भी किया है।
राम वन गमन पथ में सात राज्य शामिल
राम वनगमन पथ को लेकर केंद्र और राज्य में टकराहट के सवाल पर पटेल ने कहा कि मुझे इस मसले पर कोई टकराहट नहीं दिखती। पर्यटन मंत्रालय ने रामअवतार शर्मा की 2010 में रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र ने राम वनगमन पथ पर टूरिस्ट सर्किट विकसित करने का फैसला किया है। इस सर्किट में सात राज्य शामिल हैं। हमने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। एक राज्य की सीमा के भीतर विकास बिना राज्य सरकार की सहमति से नहीं हो सकता।
पर्यटन विकास के लिए विवाद से बचना जरूरी
राज्यों के सहयोग से यह काम होगा, भारत सरकार केवल स्क्रिप्ट लिखने का काम करेगी। पटेल ने कहा कि यदि मार्गों को लेकर किसी तरह की तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, तो उसका एकमात्र हल संवाद ही है। केंद्र सरकार ने 300 स्थानों की पहचान की है। अगर स्थानों को लेकर राज्यों को आपत्ति है, तो उसे बदल देंगे। पर्यटन के विकास के लिए विवाद से बचना चाहिए, ताकि जल्द काम शुरू हो सके।