Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label कर्मचारी भविष्य निधि संगठन. Show all posts
Showing posts with label कर्मचारी भविष्य निधि संगठन. Show all posts

EPFO का बड़ा कदम, GIS स्‍कीम कटौती बंद, बढ़ जाएगी हर महीने हाथ आने वाली सैलरी

No comments Document Thumbnail

 EPFO: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। कर्मचारियों के हाथ आने वाली हर महीने की सैलरी बढ़ सकती है। ये फायदा सिर्फ उन कर्मचारियों को होगा जिन्होंने 1 सितंबर 2013 के बाद ज्वाइन किया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 सितंबर 2013 के बाद जॉब में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह बीमा योजना (GIS) के तहत कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। ईपीएफओ ने 21 जून 2024 को एक सर्कूलर में कहा कि 1 सितंबर 2013 के बाद ईपीएफओ में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों के वेतन से GIS के तहत कटौती को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है।


सिर्फ ऐसे कर्मचारियों पर पड़ेगा असर

इस निर्णय से सभी सरकारी कर्मचारी प्रभावित नहीं होंगे। इस सर्कुलर का प्रभाव उन सरकारी कर्मचारियों तक सीमित है जो 1 सितंबर 2013 के बाद सेवा में शामिल हुए हैं। अगर एक्सपर्ट के माने तो 1 सितंबर 2013 के बाद ईपीएफओ में शामिल होने वाले कर्मचारी अब GIS के तहत कवर नहीं होंगे और उनके वेतन से पहले से की गई कोई भी कटौती उन्हें वापस कर दी जाएगी। प्रभावित होने वाले सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा क्योंकि उनकी सैलरी बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन सरकारी कर्मचारियों के लिए GIS बंद कर दिया गया है, उनकी नेट इन-हैंड सैलरी बढ़ सकती है।

बढ़ जाएगी हाथ आने वाली सैलरी

GIS के तहत कटौती बंद करने से वास्तव में टेक-होम वेतन में बढ़ोतरी हो जाएगी। पहले GIS को निधि देने के लिए कर्मचारियों के वेतन के अनुसार उनके मासिक वेतन से कटौती की जाती थी। यह योजना अभी सिर्फ 1 सितंबर 2013 के बाद ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों पर ही लागू है। इससे ऐसे कर्मचारियों की नेट-इन-हैंड सैलरी बढ़ जाएगी।

EPF से पैसा निकालने का बदला नियम, अब नहीं मिलेगा कोविड-19 एडवांस

No comments Document Thumbnail

 EPFO Claim : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( ईपीएफओ ) ने एडवांस राशि निकालने के नियम में बदलाव कर दिया है। इसके तहत बीते वर्षों से चल रही कोविड-19 एडवांस की सुविधा बंद करने का फैसला लिया है। इसी के साथ ईपीएफओ ने अधिसूचना भी जारी कर दिया है। 


कोविड-19 महामारी के दौरान ईपीएफ ( EPFO ) सदस्यों को कोविड-19 को लेकर एडवांस राशि देने का प्रावधान  किया था। इससे कोविड के दौरान नौकरी छूटने, वेतन में कटौती आदि संकटों से गुजर रहे सदस्यों को लाभ मिला था। लेकिन अब अधिसूचना में कहा गया है कि अब कोविड महामारी का कोई प्रभाव नहीं है। इसके लिए इसको बंद किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक इस एडवांस को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय किया गया है। हालांकि यह नियम सभी ट्रस्टों पर भी लागू होने वाला है। इसकी जानकारी उन्हें दे दी गई है।

 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत ईपीएफ खातों से राशि निकासी का प्रावधान पहली बार मार्च 2020 में किया गया। इसके बाद श्रम मंत्रालय की ओर से जून 2021 में ईपीएफ सदस्यों के लिए खातों से नान  रिफंडेबल एडवांस देने का प्रावधान किया। इसका लाभ काफी लोगों ने लिया था।

 ईपीएफओ के नियमानुसार, सदस्यों को उनके बेसिक सैलरी ( EPFO Basic Salary Claim ) के रूप में मिलने वाली राशि का तीन गुणा या उनके खाते में उपलब्ध राशि का 75 प्रतिशत राशि ( EPFO 75 Percentage Amount Claim ) निकासी की सुविधा दी गई है।इससे कम राशि को भी निकासी की जा सकती है। इसी के साथ घर खरीदारी, गृह ऋण उतारने, शादी या शिक्षा के लिए एडवांस राशि लेकर इसका लाभ ले सकते हैं।

 EPFO ने कोरोना की पहली लहर के दौरान मार्च 2020 में पहली बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ( PMGKY ) के तहत एडवांस निकालने की सुविधा दी थी। इसके तहत कर्मचारी अपने PF अकाउंट में जमा  बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के बराबर या अपने PF अकाउंट में शेष राशि का 75% तक निकाल सकता था।


EPF ने बदल दिया पैसे निकालने को लेकर नियम, अब इतने रुपये निकाल पाएंगे आप

No comments Document Thumbnail

 नई दिल्ली : अगर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPF ) के कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, ईपीएफओ ने फॉर्म 31 के पैरा 68J के तहत निकासी की मौजूदा लिमिट को ₹50000 से बढ़ाकर अब ₹1 लाख कर दिया है। इस संबंध में 16 अप्रैल को ईपीएफओ ने एक सर्कुलर जारी किया था।


पेंशन फंड निकाय ने 10 अप्रैल, 2024 को एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किए हैं। ईपीएफओ सर्कुलर में बताया गया है कि इसे केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है।

बता दें कि कई मकसद के लिए फॉर्म 31 के जरिए ईपीएफ आंशिक निकासी की अनुमति है। इन मकसद में शादी से लेकर ऋण चुकाना और फ्लैट खरीदने से लेकर घर का निर्माण तक शामिल हैं।

पैरा 68J की बात करें तो इसके तहत ग्राहक या परिवार के सदस्य की बीमारी के इलाज के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से एडवांस का दावा किया जा सकता है। इसके तहत पहले 50,000 रुपये की निकासी होती थी, जो अब बढ़कर 1 लाख रुपये हो गई है।

इस सुविधा के लाभ के लिए फॉर्म 31 सब्मिट करना होगा। इस फॉर्म के साथ सर्टिफिकेट C जमा करना होगा जिसमें कर्मचारी और डॉक्टर दोनों के हस्ताक्षर अनिवार्य है। हाल ही में ईपीएफओ ने एक नौकरी से दूसरी नौकरी में ईपीएफ खाते की शेष राशि के ऑटोमैटिक ट्रांसफर को सक्षम किया है।

इस कदम से स्वास्थ्य देखभाल खर्चों के बोझ से जूझ रहे ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को राहत मिलने की उम्मीद है। बता दें कि मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आम लोगों के खर्च को देखते हुए कई बैंक और फिनटेक कंपनियां भी तरह-तरह के कदम उठा रही हैं।


EPFO ने उच्च वेतन पर पेंशन के संबंध में आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाई

No comments Document Thumbnail

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) सदस्यों को अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया है. अब योग्य ईपीएस सदस्य हायर पेंशन के लिए 26 जून 2023 तक आवेदन कर सकेंगे. इससे आवेदन के मोर्चे पर कई समस्याओं और स्पष्टीकरण न मिलने से परेशान थे, लेकिन अब उन्हें राहत मिली है. बता दें कि बीते दिन ईपीएस सदस्यों की मांग पर ईपीएफ बोर्ड में पब्लिक सेक्टर के प्रतिनिधि अतुल सोबती ने सेंट्रल पीएफ कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर डेडलाइन आगे बढ़ाने को कहा था.


ईपीएफओ ने हायर पेंशन आवेदन के लिए दूसरी बार डेडलाइन बढ़ाई है. इससे पहले आवेदन की तिथि 3 मार्च थी, जिसे बढ़ाकर 3 मई 2023 किया गया था और अब इसे 26 जून 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बता दें कि सबसे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की तारीख 4 नवंबर 2022 से चार महीने की समयसीमा तय की थी जो 3 मार्च 2023 थी. हालांकि, ईपीएफओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में देरी हुई. क्योंकि, पात्र सदस्यों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा 20 फरवरी को डेडलाइन खत्म होने से कुछ दिन पहले आई थी.

ईवाई इंडिया की पीपुल एडवाइजरी सर्विसेज के के पार्टनर पुनीत गुप्ता कहते हैं कि यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. ईपीएफओ ने हायर पेंशन आवेदन दाखिल करने के लिए समयसीमा को 26 जून 2023 तक बढ़ा दिया है. हालांकि, यह अब भी मुद्दा बना हुआ है कि क्या होगा यदि नियोक्ता के पास कर्मचारी के पिछले रोजगार की पूरी अवधि के लिए वेतन डिटेल्स नहीं हैं? वहीं, ईपीएफओ को यह भी स्पष्ट करना होगा कि बढ़ी हुई समयसीमा केवल कर्मचारी को आवेदन दाखिल करने के लिए है या नियोक्ता के अनुमोदन के लिए भी लागू होगी.


इससे पहले स्टैंडिंग कांफ्रेंस ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (SCOPE) के महानिदेशक और ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड में पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि अतुल सोबती ने केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त नीलम शमी राव को पत्र लिखकर पेंशन फंड मैनेजर से हायर पेंशन के लिए ऑनलाइन ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म की अंतिम तिथि कम से कम एक महीने के लिए बढ़ाने को कहा था. चिट्ठी में सोबती ने ईपीएस सदस्यों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा था कि ईपीएफओ ने डॉक्यूमेंट को लेकर विवादास्पद क्लॉज के बारे में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है, न ही इसे ऑनलाइन फॉर्म से हटाया है, भले ही केरल हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को 10 दिनों के भीतर क्लॉज हटाने के निर्देश दिए हों. इस संबंध में सोबती ने ईपीएफओ से पैरा 26(6) के तहत पूर्व अनुमति देने की आवश्यकता पर स्पष्टीकरण मांगा था.


EPFO ने खाताधारकों को दी खुशखबरी, PF पर बढ़ा दिया ब्याज, जानें कितना मिलेगा फायदा?

No comments Document Thumbnail

पिछले साल ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ब्याज दर 8.1 फीसदी घोषित की थी, जो 40 साल में सबसे कम थी। पिछली बार 1977-78 में ब्याज दर गिरकर 8 फीसदी पर आ गई थी।

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 2022-23 के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है। मार्च 2022 में ईपीएफओ ने अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के लिए 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था। यह 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। यह 1977-78, के बाद सबसे कम था, जब ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत थी।

EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने लिया ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। सीबीटी ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर का फैसला मार्च 2021 में किया था।

पिछले वर्षों में ईपीएफओ ने अंशधारकों को कितना ब्याज दिया?

ईपीएफओ ने मार्च 2020 में 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था। ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने अंशधारकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक थी। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।

सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद खातों में जमा किया जाएगा ब्याज

सीबीटी के निर्णय के बाद ईपीएफ जमा सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफओ में जमा राशि पर ब्याज पांच करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के खातों में जमा कर दिया जाएगा।

कैसे निर्धारित किया जाता है ईपीएफओ का ब्याज?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) प्रोविडेंट फंड खातों में जमा होने वाले पैसों का कई जगह पर निवेश करता है। इस निवेश से होने वाली कमाई का एक हिस्सा वह ब्याज के रूप में उपभोक्ता को देता है। ईपीएफओ अपने कुल निवेश का 85% हिस्सा डेट ऑप्शंस में निवेश करता है। इसके तहत सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड्स आते हैं। इस मद में करीब 36,000 करोड़ रुपए का निवेश होता है। वही बचे हुए 15% हिस्से को इक्विटी शेयरों में निवेश किया जाता है। इन्हीं निवेश पर हुई कमाई के आधार पर PF का ब्याज निर्धारित किया जाता है।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.