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कांकेर धर्मांतरण हिंसा पर उबाल: सर्वसमाज का छत्तीसगढ़ बंद, रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर-जगदलपुर पूरी तरह ठप

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 रायपुर : कांकेर जिले के आमाबेड़ा में कथित धर्मांतरण और उससे जुड़ी हिंसा के बाद छत्तीसगढ़ का माहौल विस्फोटक हो गया है। सर्वसमाज के आह्वान पर आज को पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ बंद का असर देखने को मिला। राजधानी रायपुर से लेकर दुर्ग, बिलासपुर और जगदलपुर तक बाजार, स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। सड़कों पर संगठनों का सैलाब उमड़ पड़ा और प्रशासन हाई अलर्ट मोड में नजर आया।


सुबह से बंद, सड़कों पर संगठन

रायपुर में जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड और प्रमुख बाजारों में चैंबर ऑफ कॉमर्स, RSS और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। हाथ जोड़कर व्यापारियों से दुकानें बंद रखने की अपील की गई। बजरंग दल सहित अन्य संगठनों की मौजूदगी ने माहौल को और गरमा दिया।

दुर्ग, भिलाई और पावर हाउस इलाके के बाजारों में शटर नहीं खुले। बिलासपुर में सुबह से ही पूरा व्यापारिक इलाका बंद रहा, जिससे शहर की रफ्तार थम गई। जगदलपुर में संजय मार्केट, गोल बाजार, चांदनी चौक सहित सभी प्रमुख बाजार पूरी तरह बंद रहे। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में भी बंद का असर दिखा।

हाई अलर्ट पर प्रशासन

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार पेट्रोलिंग करती नजर आई। हालांकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर और आपातकालीन सेवाएं चालू रहीं।

सरकार को सीधी चेतावनी, पांच मांगों पर अड़े संगठन

सर्वसमाज ने सरकार के सामने पांच सख्त मांगें रख दी हैं—

  • धर्म स्वातंत्र्य कानून को बिना ढिलाई के सख्ती से लागू किया जाए
  • कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला को तत्काल निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच कराई जाए
  • SDM ए.एस. पैकरा और तहसीलदार सुधीर खलखो को पद से हटाया जाए
  • आमाबेड़ा हिंसा में शामिल भीम आर्मी सहित अन्य समूहों पर कड़ी कार्रवाई हो
  • ग्रामीणों पर दर्ज कथित पक्षपातपूर्ण केस वापस लेकर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए

संगठनों ने साफ चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा।

शव से शुरू हुआ विवाद, चर्च जलने तक पहुंचा

कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में 19 दिसंबर को विवाद उस वक्त भड़का, जब सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम की मौत के बाद शव को गांव में दफनाया गया। सरपंच परिवार के कथित धर्मांतरण को लेकर पहले से नाराज ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा।

मामला इतना बढ़ा कि गांव में हिंसक झड़प हुई, सरपंच के घर में तोड़फोड़ की गई और चर्च में आग लगा दी गई। हालात उस समय और बेकाबू हो गए, जब करीब तीन हजार की भीड़ आमाबेड़ा पहुंची और एक अन्य चर्च को आग के हवाले कर दिया गया।

स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कई ग्रामीण, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हुए। हालात बिगड़ते देख भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने शव को कब्र से बाहर निकाला।

प्रदेश में तनाव, नजरें सरकार के फैसले पर

कांकेर की इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव की आंच साफ महसूस की जा रही है। अब सभी की नजरें सरकार और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं—क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या आंदोलन और भड़केगा?

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